कांकेर: कोरोना का कहर अब कलेक्ट्रेट कार्यालय में भी पहुंचा चुका है. कलेक्टर के रीडर और दो क्लर्क के बाद अब कलेक्टर के स्टोनो भी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं, जिन्हें इलाज के लिए कोविड 19 अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. कलेक्ट्रट में अब तक 4 कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. जिसके चलते कलेक्ट्रेट कार्यालय पिछले एक हफ्ते से सील है.
जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों ने लोगों को चिंता में डाल रखा है. कलेक्ट्रेट कार्यालय के जिस तरह से कोरोना के लगातर मामले सामने आ रहे हैं. उससे जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. स्वास्थ्य अमले के बाद कलेक्ट्रेट में कोरोना का कहर जारी है. रीडर, दो लिपिक, स्टोनो के साथ तहसीलदार भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. जो कि जिला प्रशासन के लिए बेहद चितांजनक है. कलेक्ट्रेट कार्यालय सील होने के कारण प्रशासनिक कार्यों में भी इसका असर पड़ना तय है. फिलहाल सभी अधिकारी कर्मचारी घरों से जरूरी कार्यों को पूरा करने में जुटे हुए हैं.
700 से ज्यादा केस
जिले में अब तक कोरोना के 705 मामले सामने आ चुके हैं, इसमें से 268 एक्टिव केस हैं, जबकि 434 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं और तीन लोगों की मौत हो गई है. जिले में अधिकारी, कर्मचारी से लेकर जनप्रतिनिधि सभी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
कलेक्ट्रेट सील होने से कार्य प्रभावित
प्रमुख कार्यलय के सील होने से प्रशासनिक कार्य प्रभावित होना तय है. जिले के ज्यादातर विभागों के दफ्तर कलेक्ट्रेट कार्यलय में ही संचालित हो रहे हैं. ऐसे में कलेक्ट्रेट में लगातर कोरोना के मामले मिलने से कलेक्ट्रेट खुलने के आसार अभी कम ही नजर आ रहे हैं.