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Postal Ballot In Antagarh Assembly: घने जंगल और नालों को पार कर मतदान कराने पहुंचे मतदान कर्मी

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 30, 2023, 3:26 PM IST

Postal Ballot In Antagarh Assembly कांकेर में 80 साल से अधिक उम्र के लोगों के वोटिंग के लिए जाते मतदान कर्मियों का एक वीडियो सामने आया है. जिसमे जवानों के सुरक्षा के बीच घने जंगलों और नदी-नाले पार पर मतदानकर्मी वोट लेने जा रहे है. यह वीडियो अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र का बताया जा रहा है.

Postal Ballot In Antagarh Assembly
घने जंगल और नालों को पार कर मतदान कराने पहुंचे मतदान कर्मी
घने जंगल और नालों को पार कर मतदान कराने पहुंचे मतदान कर्मी

कांकेर: भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा निर्वाचन में सभी मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की गई है. इसी क्रम में आयोग ने 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए उनके घर पर ही मतदान करने की सुविधा दी है. जिले के वरिष्ठजन भी उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस पर्व में मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं.

मतदान कर्मियों का एक वीडियो आया सामने: कांकेर में 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के मतों को लेने मतदान कर्मियों का एक वीडियो सामने आया है. जिसमे जवानों के सुरक्षा के बीच घने जंगलों और नदी-नाले पार पर मतदानकर्मी वोट लेने जा रहे है. यह वीडियो अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र का बताया जा रहा है. अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा नक्सल संवेदनशील मतदान केंद्र हैं. नक्सल प्रभावित होने के साथ ही क्षेत्र घने जंगलों, पहाड़ों और छोटे-छोटे नालों की अधिकता के कारण रास्ते में कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है. मतदानकर्मी कठिन रास्तों को पार कर वोट लेने उनके घर पहुंच रहे हैं.

पोस्टल बैलेट से बुजुर्गों और विकलांगों ने की वोटिंग: जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका शुक्ला ने बताया, "ऐसे मतदाता, जो 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले हैं, वोट डालने नहीं जा सकते. उनके वोट डाक मतपत्र से लेने मतदान दल घर-घर पहुंचा. जिले की कांकेर, अंतागढ़ और भानुप्रतापपुर विधानसभा में ऐसे कुल 306 वोटर थे. 3 दिनों में मतदान दल सभी के घर पहुंचा तथा 298 ने वोट किया. इनमें से 4 की मृत्यु हो चुकी थी. बाकी 4 नोटिस समय में घरों से अनुपस्थित पाए गए."

"कांकेर में सबसे अधिक भानुप्रतापपुर विधानसभा 195 ऐसे वोटर हैं. इनमें से 169 बुजुर्गों में 167 ने वोट दिया. वहीं 26 दिव्यांगों में 25 ने मतदान किया. यहां मतदान का प्रतिशत 98 फीसदी रहा. कांकेर विधानसभा में ऐसे 75 वोटर हैं. इनमें 53 बुजुर्ग और 22 दिव्यांग हैं. आयोग के निर्देश पर यह अभियान चलाया गया. 3 दिनों में मतदान पूर्ण हो चुका हो चुका है." - डॉ प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर, कांकेर

पहाड़ी क्षेत्र होने से पोलिंग बूथ तक पहुंचना मुश्किल: कांकेर में पहले फेस के तहत 7 नवंबर को मतदान होना है. मतदान केंद्र के रास्ते में नदी-नाले पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण पोलिंग बूथ तक पहुंचना मुश्किल होता है. इसलिए कांकेर जिले के 8 पोलिंग बूथ पर मतदान कर्मियों को सेना के हेलीकॉप्टर से उतारा जाएगा. इसके लिए सेना के हेलीकॉप्टर MI 13 ने लैडिंग को लेकर अभ्यास भी किया गया है.

1953 से घसिया राम डाल रहे वोट: वरिष्ठ मतदाताओं में जिले के अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कोयलीबेड़ा इलाके के ग्राम मरकानार निवासी 88 वर्षीय घसियाराम चक्रधारी हैं. शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण घसियाराम ने घर पर ही डाक मत पत्र के माध्यम से वोट डाला. घसियाराम ने युवा मतदाताओं के सामने एक मिसाल प्रस्तुत की है. घसियाराम ने बताया कि वो वर्ष 1953 से अब तक सभी लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन में मतदान करते आ रहे हैं.

घने जंगल और नालों को पार कर मतदान कराने पहुंचे मतदान कर्मी

कांकेर: भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा निर्वाचन में सभी मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की गई है. इसी क्रम में आयोग ने 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए उनके घर पर ही मतदान करने की सुविधा दी है. जिले के वरिष्ठजन भी उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस पर्व में मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं.

मतदान कर्मियों का एक वीडियो आया सामने: कांकेर में 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के मतों को लेने मतदान कर्मियों का एक वीडियो सामने आया है. जिसमे जवानों के सुरक्षा के बीच घने जंगलों और नदी-नाले पार पर मतदानकर्मी वोट लेने जा रहे है. यह वीडियो अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र का बताया जा रहा है. अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा नक्सल संवेदनशील मतदान केंद्र हैं. नक्सल प्रभावित होने के साथ ही क्षेत्र घने जंगलों, पहाड़ों और छोटे-छोटे नालों की अधिकता के कारण रास्ते में कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है. मतदानकर्मी कठिन रास्तों को पार कर वोट लेने उनके घर पहुंच रहे हैं.

पोस्टल बैलेट से बुजुर्गों और विकलांगों ने की वोटिंग: जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका शुक्ला ने बताया, "ऐसे मतदाता, जो 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले हैं, वोट डालने नहीं जा सकते. उनके वोट डाक मतपत्र से लेने मतदान दल घर-घर पहुंचा. जिले की कांकेर, अंतागढ़ और भानुप्रतापपुर विधानसभा में ऐसे कुल 306 वोटर थे. 3 दिनों में मतदान दल सभी के घर पहुंचा तथा 298 ने वोट किया. इनमें से 4 की मृत्यु हो चुकी थी. बाकी 4 नोटिस समय में घरों से अनुपस्थित पाए गए."

"कांकेर में सबसे अधिक भानुप्रतापपुर विधानसभा 195 ऐसे वोटर हैं. इनमें से 169 बुजुर्गों में 167 ने वोट दिया. वहीं 26 दिव्यांगों में 25 ने मतदान किया. यहां मतदान का प्रतिशत 98 फीसदी रहा. कांकेर विधानसभा में ऐसे 75 वोटर हैं. इनमें 53 बुजुर्ग और 22 दिव्यांग हैं. आयोग के निर्देश पर यह अभियान चलाया गया. 3 दिनों में मतदान पूर्ण हो चुका हो चुका है." - डॉ प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर, कांकेर

पहाड़ी क्षेत्र होने से पोलिंग बूथ तक पहुंचना मुश्किल: कांकेर में पहले फेस के तहत 7 नवंबर को मतदान होना है. मतदान केंद्र के रास्ते में नदी-नाले पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण पोलिंग बूथ तक पहुंचना मुश्किल होता है. इसलिए कांकेर जिले के 8 पोलिंग बूथ पर मतदान कर्मियों को सेना के हेलीकॉप्टर से उतारा जाएगा. इसके लिए सेना के हेलीकॉप्टर MI 13 ने लैडिंग को लेकर अभ्यास भी किया गया है.

1953 से घसिया राम डाल रहे वोट: वरिष्ठ मतदाताओं में जिले के अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कोयलीबेड़ा इलाके के ग्राम मरकानार निवासी 88 वर्षीय घसियाराम चक्रधारी हैं. शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण घसियाराम ने घर पर ही डाक मत पत्र के माध्यम से वोट डाला. घसियाराम ने युवा मतदाताओं के सामने एक मिसाल प्रस्तुत की है. घसियाराम ने बताया कि वो वर्ष 1953 से अब तक सभी लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन में मतदान करते आ रहे हैं.

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