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भारी वाहनों के आवागमन से सड़क हुूई जर्जर, माइंस की ट्रकों पर रोक लगाने की मांग

चारगांव मासबरस के ग्रामीणों में निको माइंस प्रबंधन के खिलाफ गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है. भारी वाहनों के आवागमन से सड़कों की हालत खराब हो गई है. जिसके चलते ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Sep 13, 2020, 12:46 AM IST

Updated : Sep 14, 2020, 12:05 AM IST

Poor condition of Chargaon Masbaras Marg
ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

कांकेर: इन दिनों चारगांव मासबरस के ग्रामीणों में निको माइंस प्रबंधन के खिलाफ गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है. कुछ दिन पहले एक महिला माइंस के एक ट्रक की चपेट में आते-आते बची थी. जिसके बाद भी माइंस प्रबंधन ने ग्रामीणों के हित में कोई काम नहीं किया. गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार को फिर से पोड़गाव पहुंचे कांकेर कलेक्टर और अंतागढ़ एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें रोड बनने तक माइंस की ट्रको को इस रोड से आने की अनुमित नहीं देने की मांग की गई है.

माइंस की ट्रकों पर रोक लगाने की मांग

कोंडागांव की रोड भी इसी माइंस की भारी भरकम वाहन चलने से खराब हुई है. इसी रोड पर पिछले बार एक मासूम बच्ची की माइंस के भारी भरकम वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. जिसके बाद ग्रामीणों ने इस रोड से भी माइंस के भारी वाहन का आना जाना बंद करा दिया था. लेकिन अब फिर इस रास्ते पर भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है. माइंस प्रबंधन गांव की इन बदहाल सड़कों पर ध्यान नहीं दे दे रहा है. शासन प्रशासन भी इस मामले चुप्पी साधे हुए है.

नक्सलियों ने लगाए सरकार विरोधी बैनर, आदिवासियों के अधिकार हनन करने का लगाया आरोप

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

माइंस प्रबंधन तो इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. लेकिन शासन-प्रशासन का भी उदासीन रवैया समझ से परे है. शासन-प्रशासन के जिम्मेदार लोग भी ग्रामीणों की इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है. बता दें कि भारी वाहन जिस रास्ते से माइंस जाते हैं उस रास्ते पर प्रशासन ने एक बोर्ड तो लगाया है. जिसमें 21 टन से ज्यादा वजनी वाहनों के उस रास्ते पर प्रवेश निषेध है. लेकिन प्राशसन के निर्देश का पालन होता नजर नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से सड़के भी खराब हो रही है.

कांकेर: इन दिनों चारगांव मासबरस के ग्रामीणों में निको माइंस प्रबंधन के खिलाफ गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है. कुछ दिन पहले एक महिला माइंस के एक ट्रक की चपेट में आते-आते बची थी. जिसके बाद भी माइंस प्रबंधन ने ग्रामीणों के हित में कोई काम नहीं किया. गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार को फिर से पोड़गाव पहुंचे कांकेर कलेक्टर और अंतागढ़ एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें रोड बनने तक माइंस की ट्रको को इस रोड से आने की अनुमित नहीं देने की मांग की गई है.

माइंस की ट्रकों पर रोक लगाने की मांग

कोंडागांव की रोड भी इसी माइंस की भारी भरकम वाहन चलने से खराब हुई है. इसी रोड पर पिछले बार एक मासूम बच्ची की माइंस के भारी भरकम वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. जिसके बाद ग्रामीणों ने इस रोड से भी माइंस के भारी वाहन का आना जाना बंद करा दिया था. लेकिन अब फिर इस रास्ते पर भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है. माइंस प्रबंधन गांव की इन बदहाल सड़कों पर ध्यान नहीं दे दे रहा है. शासन प्रशासन भी इस मामले चुप्पी साधे हुए है.

नक्सलियों ने लगाए सरकार विरोधी बैनर, आदिवासियों के अधिकार हनन करने का लगाया आरोप

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

माइंस प्रबंधन तो इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. लेकिन शासन-प्रशासन का भी उदासीन रवैया समझ से परे है. शासन-प्रशासन के जिम्मेदार लोग भी ग्रामीणों की इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है. बता दें कि भारी वाहन जिस रास्ते से माइंस जाते हैं उस रास्ते पर प्रशासन ने एक बोर्ड तो लगाया है. जिसमें 21 टन से ज्यादा वजनी वाहनों के उस रास्ते पर प्रवेश निषेध है. लेकिन प्राशसन के निर्देश का पालन होता नजर नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से सड़के भी खराब हो रही है.

Last Updated : Sep 14, 2020, 12:05 AM IST
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