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कांकेरः जान हथेली पर रख इस नेशनल हाईवे से गुजरते हैं लोग

रायपुर को बस्तर को जोड़ने वाली सड़क जर्जर हो चुकी है, लेकिन सरकार इसपर कोई ध्यान नहीं दे रही है. सरकार की लापरवाही और अनदेखी के कारण नेशनल हाईवे 30 पर हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. इस सड़क पर 10 किलोमीटर चलने में एक घंटे तक का समय लग जाता है.

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Published : Jul 31, 2019, 10:36 AM IST

Updated : Jul 31, 2019, 1:45 PM IST

रायपुर को बस्तर को जोड़ने वाली सड़क जर्जर हो चुकी है

कांकेरः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को बस्तर से जोड़ने वाली सड़क एनएच 30 अब जानलेवा हो गई है. ये सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि इसपर चलना मौत को दावत देने जैसा हो गया है. कांकेर से केशकाल तक एनएच 30 के चौड़ीकरण का काम शुरू होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि दक्षिण से बस्तर का सफर आसान होगा, लेकिन वर्तमान में जो हालात हैं वो इसके बिल्कुल उलट है.

जान हथेली पर रख इस नेशनल हाईवे से गुजरते हैं लोग

सड़क निर्माण के लिए आतुर गांव से केशकाल तक रोड की खुदाई कर दी गई, लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के कारण काम बंद हो गया. इसके बाद आज तक सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ. सड़क खोद दिए जाने के कारण बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जिसके आये दिन हादसे होते रहते हैं.

सड़क निर्माण के लिए गंभीर नहीं सरकार
लोगों का कहना है कि आवागमन के लिए सड़क मरम्मत जैसे काम को लेकर केंद्र और राज्य की सरकारें गंभीर नहीं है. केंद्र और राज्य में अलग-अलग पार्टी की सरकार होने के कारण सड़क निर्माण कार्य में और देरी हो रही है. सरकार की उदासीनता के कारण आये दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं.

कांकेरः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को बस्तर से जोड़ने वाली सड़क एनएच 30 अब जानलेवा हो गई है. ये सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि इसपर चलना मौत को दावत देने जैसा हो गया है. कांकेर से केशकाल तक एनएच 30 के चौड़ीकरण का काम शुरू होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि दक्षिण से बस्तर का सफर आसान होगा, लेकिन वर्तमान में जो हालात हैं वो इसके बिल्कुल उलट है.

जान हथेली पर रख इस नेशनल हाईवे से गुजरते हैं लोग

सड़क निर्माण के लिए आतुर गांव से केशकाल तक रोड की खुदाई कर दी गई, लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के कारण काम बंद हो गया. इसके बाद आज तक सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ. सड़क खोद दिए जाने के कारण बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जिसके आये दिन हादसे होते रहते हैं.

सड़क निर्माण के लिए गंभीर नहीं सरकार
लोगों का कहना है कि आवागमन के लिए सड़क मरम्मत जैसे काम को लेकर केंद्र और राज्य की सरकारें गंभीर नहीं है. केंद्र और राज्य में अलग-अलग पार्टी की सरकार होने के कारण सड़क निर्माण कार्य में और देरी हो रही है. सरकार की उदासीनता के कारण आये दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं.

Intro:कांकेर - प्रदेश की राजधानी रायपुर से बस्तर को जोड़ने का एक मात्र सहारा एनएच 30 है , लेकिन एनएच विभाग ने उदासीन रवैये के कारण इन दिनों इस सड़क सफर जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है ,कांकेर से लेकर केशकाल तक एनएच 30 के चौड़ीकरण का काम जब शुरू हुआ तो उम्मीद थी कि दक्षिण बस्तर का सफर और आसान और कम समय मे हो सकेगा लेकिन वर्तमान में जो हालात है वो इसके बिल्कुल विपरीत है ।


Body:आतुर गांव से लेकर केशकाल तक सड़के खोदकर छोड़ दी गई है , विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के चलते इसका काम बंद हुआ था जो कि आज 6 माह बाद भी चालू नही सका । बारिश के चलते जिससे सड़को पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए और रोजाना बाइक सवार हादसे का शिकार हो रहे है , वही बड़ी वाहन भी इन गड्ढों में फंस रही है । एनएच 30 की हालात इन् दिनों अंदरूनी ग्रामीण इलाकों की सड़कों से भी बदतर नज़र आ रही है जिससे लोग खासे परेशान है ।

जर्जर सड़को पर भी बसों की रफ्तार बेलगाम


सड़को की दुर्दशा के चलते हर पल यहां हादसे का खतरा बना रहता है। सड़को की दुर्दशा के बावजूद बसों की रफ्तार कम नही हो रही है , बस संचालक अपनी टाइमिंग के चलते इन गड्ढों से भरी सडक पर भी बेलगाम रफ्तार से बसे दौड़ा रहे है और हादसों को न्यौता दे रहे है । बता दे कि आज ही एनएच 30 पर धमतरी के पास बसों की रफ्तार की वजह से ही भीषण सड़क हादसा हुआ है , जिसमे 2 लोगो की मौत हुई है साथ ही 40 यात्री घायल है।

उम्मीद फोर लेन की लेकिन मिला गड्ढे से भरी सड़क

जगदलपुर तक फोर लेन सड़क के निर्माण के शुरू होने के बाद लोगो मे खुशी थी कि अब एक अच्छी सड़क मिलेगी और सफर काफी आसान होगा लेकिन फोर लेन सड़क की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को गड्ढों से भरी सड़क मिली है , जो कि हर पल हादसों को बुलावा दे रही है । लोगो का कहना है कि सड़क निर्माण का कार्य जल्द शुरू होना चाहिए क्योंकि यह रायपुर से बस्तर को जोड़ने का एक मात्र जरिया है और ऐसे में इस सड़क की खस्ताहालत यात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है।




Conclusion:सड़क जैसे जरूरी कार्य को लेकर गम्भीर नही सरकारे
शहर के लोगो का कहना है कि आवागमन के लिए सड़क मरम्मत जैसे जरूरी कार्यो को लेकर सरकारे कभी भी गम्भीर नही नज़र आई , चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की किसी ने भी सड़क जैसे जरूरी सुविधा को लेकर सही कदम नही उठाये है , पिछले साल भी शहर के मध्य से गुजरने वाली एनएच 30 की मरम्मत को लेकर आंदोलन जैसी स्तिथि थी लेकिंन उसके बाद भी सड़को की मरम्मत के नाम पर मात्र लीपापोती ही कि गई ।

बाइट- स्थानीय
Last Updated : Jul 31, 2019, 1:45 PM IST
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