कांकेर: छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापूर उपचुनाव (Bhanupratappur By Election) में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम (BJP Candidate Bramhanand Netam) पर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (PCC Chief Mohan Markam) और कांग्रेस मीडिया सेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ब्रह्मानंद नेताम का नामांकन रद्द करने की मांग की (Demand To Cancel Nomination Of Brahmanand Netam) है. कांग्रेस ने ब्रह्मानंद नेताम पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगाया है और उनके नामांकन को रद्द करने की मांग की है. इस पूरे मामले में भाजपा प्रत्यशी ब्रम्हानंद नेताम ने मीडिया से कहा है कि "इस तरह का कभी कोई कृत्य नहीं किया हूं."
"ना मैं कभी जमशेदपुर गया हूं, ना इस तरह का कभी कोई कृत्य किया हूं. कहीं पर मेरे खिलाफ कोई अपराध दर्ज है तो फिर मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया और ना ही कोई नोटिस तक मिली है. कांग्रेस अपने निश्चित हार को देखते हुए इस तरह का हथकंडा अपना रही है. लेकिन जनता सब जान रही है और इस चुनाव में इसका जवाब देगी." -ब्रह्मानंद नेताम, बीजेपी प्रत्याशी, भानुप्रतापपुर उपचुनाव
आरक्षक निलंबित: भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने संगीन आरोप लगाने के बाद आरक्षक केशव राम सिन्हा आई है. राज्य शासन के संज्ञान में जैसे ही यह मामला आया, तत्काल रायपुर पुलिस उप महानिरीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने आरक्षक केशवराम सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. आदेश रविवार देर रात जारी हुआ. गौर है कि झारखंड प्रदेश के पूर्वी सिंहभूमि जिले के थाना टेल्को में भादवि की धारा 366 ए, 376, 376 (3), 376 एबी, 376 डीबी, 120 बी और धारा 4, 6 पाक्सो एक्ट की धारा 4, 5, 6, 7, 9 अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम अपराध क्रमांक 84/2019 दर्ज है. इसमें रायपुर के आरक्षक की संलिप्तता की जानकारी मिली है.
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पाक्सो एक्ट में दर्ज अपराध शपथ पत्र में किसके कहने पर छिपाया: सीएम
भानुप्रतापपुर के भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर नाबालिग से बलात्कार के दस्तावेज आरोप सामने आते ही सियासी बवंडर मच गया. वहीं भूपेश सरकार भी हमलावर हो गई. इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी गंभीर सवाल उठाए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि 15 साल की बच्ची के बलात्कार और देह व्यापार में धकेले जाने के मामले में एक अभियुक्त ब्रम्हानंद नेताम को भाजपा ने भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है. मुख्यमंत्री ने सवाल दागे कि भाजपा प्रत्याशी ने झारखंड में पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज अपराध को निर्वाचन शपथ पत्र में किसके कहने पर छिपाया.
छह महीने की जेल, जुर्माना या दोनों संभव: भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 से संलग्न फार्म 26 में शपथ पत्र का प्रारूप दिनांक 1 अगस्त 2012 से संशोधित किया गया था. अब अभ्यर्थियों से यह आपेक्षा की जाती है कि वे फार्म 26 में शपथ पत्र में अपने पति पत्नी और आश्रितों सहित संपत्तियों और देयताओं, अभ्यर्थियों के अपराधिक पूर्ववृत्त और शैक्षिक योग्यताओं की घोषणा करें. फार्म 26 में शपथ पत्र धारा 33 क के अंतर्गत उपलब्ध है और फार्म 26 में शपथ पत्र में किसी भी प्रकार की असत्य घोषणा करने या सूचना छिपाने पर धारा 125 (क) के प्रावधान लागू होंगे. उक्त धारा 125 (क) के अधीन फार्म 26 में शपथ पत्र में किसी भी प्रकार की असत्य सूचना प्रस्तुत करना या सूचना छिपाना एक निर्वाचन अपराध है, जो छह महीने की कैद या जुर्माने से या दोनों से दंडनीय है.