कांकेर: खैरखेड़ा गांव के गौठान में संचालित एक निजी स्पोर्ट्स एकेडमी के बच्चों ने नया किर्तिमान रचा है. एकेडमी के बच्चों ने जिला मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्य एथेलेटिक्स प्रतियोगिता में 7 गोल्ड मेडल, 15 सिल्वर मेडल, 6 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. इन खिलाड़ियों ने नेशनल चैंपियनशिप में भी अपना स्थान लाने में सफलता हासिल की है. स्पोर्ट्स एकेडमी के मुख्य प्रशिक्षक बंशीलाल नेताम ने बताया कि बस्तर के छोटे गांवों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. अगर बच्चों के प्रतिभा की पहचान कर उसे सही तरीके से तराशा जाऐ तो वे एशियाड व ओलंपिक खेलों में भी देश के लिए मेडल ला सकते हैं.
बंशीलाल नेताम ने आयोजित प्रतियोगिता की जानकारी देते हुए कहा कि कांकेर पुलिस अधीक्षक एमआर अहिरे भी प्रतियोगिता देखने पहुंचे थे और खिलाड़ियों का अच्छा प्रदर्शन देखकर काफी खुश थे. वे चारामा में जीतने वाले युवक-युवतियों से रूबरू होकर काफी प्रसन्नता जाहिर की और उज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी. उन्होंने बच्चों के लिए स्पोर्ट्स किट्स प्रदान करने किया और आगे भी मदद करने का आश्वासन दिया. एसपी ने खिलाड़ियों के बीच मेडल व प्रमाण पत्र भी बांटे.
इन खिलाड़ियों ने जीते मेडल
जीतने वाले खिलाड़ियों में ट्रैक एंड फील्ड के अंतर्गत 600 मीटर के अंडर-14 बालिका दौड़ में लिकेश्वरी तारम ने प्रथम स्थान हासिल किया. लंबी कुद के अंडर-20 बालक वर्ग में रघुवीर मंडावी ने प्रथम स्थान हासिल की. लंबी कुद बालक सिनियर वर्ग में भूपेश दर्रो ने प्रथम स्थान हासिल किया. बालिका अंडर-20 के 100 मीटर दौड़ में योगिता मरकाम ने प्रथम स्थान पाने में सफल रही. ऊंची कुद-बालिका वर्ग अंडर-20 में दामिनी दर्रो ने प्रथम स्थान पर रही. लंबी कुद बालिका अंडर- 20 में सरस्वती दर्रो प्रथम स्थान पर हासिल करने में सफल रही. इस दो दिवसीय राज्य एथेलेटिक्स प्रतियोगिता में 7 गोल्ड मेडल, 15 सिल्वर मेडल सहित 6 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया तथा राष्ट्रीय स्तर पर खेलने लिए भी चयनित हुए.
गौठान में ही अपने खेल को निखारा
प्रतियोगिता देखने आए पंचायत खैरखेड़ा के अध्यक्ष सगत जुर्री ने बताया कि ये बच्चे अपने गौठान में ही अपने खेल का अभ्यास करते हैं. गांव में खेल के मैदान न होने से बच्चों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के संतुलित विकास के लिए गांव समुदाय व पुलिस प्रशासन के विशेष सहयोग रहता है. बस्तर अंचल की प्रतिभाओं को निखारने के लिए स्थानीय लोग भी मदद करते रहते हैं. ये बच्चे भी खैरखेड़ा गौठान में कड़कनाथ, बटेर पालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, बतख पालन, देशी मुर्गी पालन, अंडा हेचिंग, शैक्षणिक गतिविधियां, पुस्तकालय, सेमयालता, जिमी कंद, वर्मीकम्पोस्ट आदि के कार्यों में भी सहयोग करते हैं. अध्यक्ष ने बताया कि ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि किसी गोठान में खेल गतिविधियां संचालित कर बच्चों ने मैडल लाने का कार्य किया है. ऐसे बच्चों से प्रेरणा मिलती है.