कांकेर: जिला मुख्यालय कांकेर स्थित जंगल वॉरफेयर कॉलेज में सुरक्षा बल के जवानों को पैराग्लाइडिंग कराने की ट्रेनिंग दी जा रही है. ताकि आने वाले समय में लोगों को पैराग्लाइडिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. माना जा रहा है कि बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है.
एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की पहल: जंगल वारफेयर कॉलेज के डीएसपी अमर सिंह कुर्रे ने बताया कि "अभी वर्तमान में छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या था और छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खत्म होने की ओर अग्रसर है. ऐसे में जंगल वारफेयर कॉलेज में नक्सल समस्या की ट्रेनिंग कम हो जाएगी. तो उसके जगह अमन शांति को बहाल करने और एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए हैंड ग्लाइडर का स्कोप काफी अच्छा है. जिसके लिए हैंड ग्लाइडर को बुलाया गया है.
जंगल वॉरफेयर कॉलेज में चल रहा ट्रायल: अभी जंगल वॉरफेयर कॉलेज में ट्रायल चल रहा है. पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन और जंगल वारफेयर कॉलेज के ब्रिगेडियर के आदेश पर कुछ दिनों में यहां पर पैराग्लाइडिंग की शुरुआत की जाएगी. जिससे यहां के स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आने वाले सैलानियों को भी हैंड ग्लाइडर के आनंद उठाने का अवसर मिले.
क्यों खास है जंगल वॉरफेयर कॉलेज: कांकेर में जंगल वॉरफेयर कॉलेज की स्थापना 2005 में की गई थी. शुरू के कुछ सालों में यहां नक्सलियों से लड़ने, गोरिल्ला युद्ध कला की ट्रेनिंग छत्तीसगढ़ पुलिस को दी गई. इसके बाद यहां बिहार, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र, केरला पुलिस के अलावा सीआरपीफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के जवानों को भी स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है.
"एडवेंचर प्रेमियों को आकर्षित करता है पैराग्लाइडिंग": पैराग्लाइडिंग ट्रेनर समर्थ शर्मा ने बताया कि "पैराग्लाइडिंग नीले आकाश में स्वतंत्र रूप से उड़ने की वो कला है, जिसे हर एडवेंचर प्रेमी अनुभव करना चाहता है. यह खेल पर्यटकों और एडवेंचर प्रेमियों को काफी आकर्षित करता है. पैराग्लाइडिंग जो फ्लाइंग पैराशूट का खेल है, काफी एडवेंचर और मनोरंजन से भरा हुआ है, जिसे खेलकर हर कोई अपने आप को पक्षियों के समान हल्का महसूस करता है."