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धान उठाव: खरीदी केंद्र प्रबंधकों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - विपणन अधिकरी प्रवीण पैकरा

कांकेर के लैम्पस प्रबंधकों ने धान उठाव में परेशानी को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. लैम्पस प्रबंधकों ने कहा धान खरीदी केंद्रों में धान का अंबार लगा पड़ा है. धान सूखने की चिंता बढ़ रही है. सहकारी समितियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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खरीदी केंद्र प्रबंधकों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
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Published : Feb 4, 2021, 5:27 PM IST

Updated : Feb 4, 2021, 6:18 PM IST

कांकेर: जिले के धान उपार्जन केंद्रों से धान उठाव में देरी हो रही है. समितियों को आर्थिक हानि और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जिला सहकारी समिति संघ ने कलेक्टर चंदन कुमार को ज्ञापन सौंपा. लैम्पस प्रबंधकों का कहना है धान खरीदी केंद्रों में धान का अंबार लगा पड़ा है. धान सूखने की चिंता बढ़ रही है. डीओ कटने के बाद भी खरीदी केंद्र से उठाव शुरू नहीं हुआ है.

पढ़ें: बालोद: इस साल 2 लाख क्विंटल अधिक धान की हुई खरीदी, धान जाम

लैंपस प्रबंधकों ने बताया मिलर्स को उपार्जन केंद्रों में फरवरी महीने तक धान का उठाव करने के निर्देश दिए गए हैं. विपणन संघ 1 जून तक धान उठाव जारी रखता है. इतनी लंबी अवधि में उपार्जित धान को तेज धूप, भीषण गर्मी और प्राकृतिक कारणों से नुकसान होता है. इससे सहकारी समितियों को नुकसान उठाना पड़ता है.

पढ़ें: कवर्धा: खरीदी केंद्रों में क्षमता से अधिक जमा हुआ धान

धान खरीदी केंद्रों में धान जाम

लैंपस संघ के अध्यक्ष अविनाश ठाकुर ने कहा अनुबंध के अनुसार बफर लिमिट से अधिक भंडारण होने पर 72 घंटे के अंदर धान का उठाव करना है. बावजूद इसके धान उठाव बहुत धीमी गति से हो रहा है. धान खरीदी केंद्रों में धान जाम है. धान की सुरक्षा और भंडारण के लिए शासन से मिलने वाली राशि से अधिक खर्च किया जा चुका है.

सूखने की वजह से धान का वजन हुआ कम
अविनाश ठाकुर ने कहा प्लास्टिक बोरी से धान की खरीदी की गई है. इसका अतिरिक्त आर्थिक भार समिति पर पड़ रहा है. खरीदी केंद्र में धान का वजन कम हो रहा है. 2020 में खरीदी किए गए धान का वजन कराया गया है. प्रति बोरी में 500 ग्राम से ज्यादा धान कम मिला. सूखने की वजह से धान का वजन कम हो जाता है. आर्थिक क्षति देने की मांग की गई है.

धान खरीदी केंद्रों से धान उठाव जारी

लैम्पस प्रबंधकों के आरोप को विपणन अधिकरी प्रवीण पैकरा ने नकार दिया है. प्रवीण पैकरा ने कहा धान का उठाव लगातार जारी है. किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. कांकेर जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों से धान उठाव जारी है.

कांकेर: जिले के धान उपार्जन केंद्रों से धान उठाव में देरी हो रही है. समितियों को आर्थिक हानि और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जिला सहकारी समिति संघ ने कलेक्टर चंदन कुमार को ज्ञापन सौंपा. लैम्पस प्रबंधकों का कहना है धान खरीदी केंद्रों में धान का अंबार लगा पड़ा है. धान सूखने की चिंता बढ़ रही है. डीओ कटने के बाद भी खरीदी केंद्र से उठाव शुरू नहीं हुआ है.

पढ़ें: बालोद: इस साल 2 लाख क्विंटल अधिक धान की हुई खरीदी, धान जाम

लैंपस प्रबंधकों ने बताया मिलर्स को उपार्जन केंद्रों में फरवरी महीने तक धान का उठाव करने के निर्देश दिए गए हैं. विपणन संघ 1 जून तक धान उठाव जारी रखता है. इतनी लंबी अवधि में उपार्जित धान को तेज धूप, भीषण गर्मी और प्राकृतिक कारणों से नुकसान होता है. इससे सहकारी समितियों को नुकसान उठाना पड़ता है.

पढ़ें: कवर्धा: खरीदी केंद्रों में क्षमता से अधिक जमा हुआ धान

धान खरीदी केंद्रों में धान जाम

लैंपस संघ के अध्यक्ष अविनाश ठाकुर ने कहा अनुबंध के अनुसार बफर लिमिट से अधिक भंडारण होने पर 72 घंटे के अंदर धान का उठाव करना है. बावजूद इसके धान उठाव बहुत धीमी गति से हो रहा है. धान खरीदी केंद्रों में धान जाम है. धान की सुरक्षा और भंडारण के लिए शासन से मिलने वाली राशि से अधिक खर्च किया जा चुका है.

सूखने की वजह से धान का वजन हुआ कम
अविनाश ठाकुर ने कहा प्लास्टिक बोरी से धान की खरीदी की गई है. इसका अतिरिक्त आर्थिक भार समिति पर पड़ रहा है. खरीदी केंद्र में धान का वजन कम हो रहा है. 2020 में खरीदी किए गए धान का वजन कराया गया है. प्रति बोरी में 500 ग्राम से ज्यादा धान कम मिला. सूखने की वजह से धान का वजन कम हो जाता है. आर्थिक क्षति देने की मांग की गई है.

धान खरीदी केंद्रों से धान उठाव जारी

लैम्पस प्रबंधकों के आरोप को विपणन अधिकरी प्रवीण पैकरा ने नकार दिया है. प्रवीण पैकरा ने कहा धान का उठाव लगातार जारी है. किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. कांकेर जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों से धान उठाव जारी है.

Last Updated : Feb 4, 2021, 6:18 PM IST
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