कांकेर : जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा (Koylibeda police station area ) में भारी संख्या में नक्सलियों ने बैनर पोस्टर लगाए हैं.खास बात ये है कि ये बैनर पोस्टर जिस जगह लगाए गए हैं, वहां से थाना आधा किमी दूर (Naxalites put up banners in Kanker) है. नक्सलियों ने बैनर पोस्टर बांधकर आरोप लगाया है कि बीएसएफ के जवान सर्चिंग के दौरान महिलाओं से दुर्व्यवहार को अंजाम देते हैं. साथ ही अधिकारी- कर्मचारियों के हड़ताल का समर्थन भी किया है. वहीं नक्सलियों ने अपने बैनर में सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार का भी जिक्र किया है. नक्सलियों के बैनर में हिमांशु कुमार को फर्जी केस में फंसाकर गिरफ्तार करने की बात कही गई है.
किसने बांधे हैं पोस्टर : पुलिस के मुताबिक उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी ने ये बैनर-पोस्टर बांधे हैं. नक्सलियों के बैनर पोस्टर बांधे जाने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है. वहीं पुलिस ने बैनर पोस्टर को निकालकर जब्त कर लिया है. इस घटना के बाद पुलिस ने क्षेत्र में सर्चिंग बढ़ा दी (Naxalite incident in Kanker Koylibeda area ) है.
क्यों बांधे गए हैं बैनर : बारिश के मौसम में नक्सली जंगलों में खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं. लेकिन इस बार बारिश के मौसम में भी फोर्स लगातार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है. पुलिस के एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation in Kanker) ने नक्सलियों को बैकफुट पर धकेल दिया है.
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भूपेश कार्यकाल में नक्सली वारदात में कमी :पिछले 5 साल में हुई नक्सली घटनाओं की बात करें तो छत्तीसगढ़ में करीब 2496 नक्सली घटनाएं हुई हैं. लाल आतंक और सुरक्षाबलों के बीच प्रदेश में 904 मुठभेड़ हुई है. 2015 से 2018 तक हर साल 500 से ज्यादा नक्सली घटनाएं हुई. 2019 में यह आंकड़ा घटकर 327 पहुंच गया. इससे साफ होता है कि अपने एक साल के कार्यकाल में भूपेश सरकार नक्सलियों पर नकेल कसने में एक हद तक कामयाब रही है.