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कांकेर के कामतेड़ा कैंप पर नक्सलियों ने किया हमला, ग्रेनेड नहीं फटने से साजिश नाकाम - Grenade attack on police camp

कामतेड़ा में शनिवार शाम बीएसएफ कैंप में नक्सलियों ने हमला किया. इस दौरान कैंप में 3 ग्रेनेड दागे गए. लेकिन ग्रेनेड नहीं फटने से नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम हुई है.

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कैंप पर नक्सलियों ने किया हमला
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Published : Apr 25, 2021, 4:45 PM IST

Updated : Apr 26, 2021, 11:45 AM IST

कांकेर: उत्तर बस्तर में धुर नक्सल प्रभावित कामतेड़ा में शनिवार शाम बीएसएफ कैंप में नक्सलियों ने जोरदार हमला किया था. 45 मिनट तक नक्सली कैंप पर फायरिंग कर रहे थे. नक्सलियों ने ग्रेनेड और मोर्टार लॉन्चर का भी प्रयोग किया. कैंप पर ग्रेनेड दागे गए, लेकिन ग्रेनेड नहीं फटने से नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम हुई है.

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गढ़चिरौली के गट्टा पुलिस कैंप पर हमला

बता दें नक्सलियों ने बुधवार की रात गढ़चिरौली जिले के गट्टा पुलिस कैंप पर हमला किया (Naxalite attack) . लेकिन नक्सली जवानों को नुकसान नहीं पहुंचा सके. जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली पीछे हट गए. नक्सलियों ने हमले के लिए ग्रेनेड का उपयोग (grenade) किया. यहां भी ग्रेनेड नहीं फटने से नक्सल साजिश नाकाम हुई थी.

गढ़चिरौली में पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने किया हमला, ग्रेनेड भी दागा

बड़ी संख्या में पहुंचे थे नक्सली

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में नक्सलियों ने कामतेड़ा पुलिस कैंप को निशाना बनाया. नक्सली नदी के दूसरे छोर से लगातार कैंप की फायरिंग कर रहे थे. फायरिंग लगभग 45 मिनट तक चली. इस दौरान नक्सलियों ने मोर्टार के जरिए तीन ग्रेनेड भी दागे थे. जिसमें से एक दीवाल में टकराया और दो लॉन्चर कैंप के अंदर गिरा. लेकिन एक भी ग्रेनेड नहीं फटने से नक्सलियों की साजिश नाकम हो गई.

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नहीं फटा ग्रेनेट

चेक पोस्ट को उड़ाने की फिराक में थे नक्सली

जानकरी के अनुसार नक्सली चेक पोस्ट को उड़ाने का प्रयास कर रहे थे. ताकि चेक पोस्ट को नुकसान पहुंचाकर आगे बढ़ सकें. लेकिन जवानों ने भी नक्सलियों को मुंह तोड़ जवाब दिया. जिसके बाद नक्सली पीछे हटने को मजबूर हो गए. जानकरी के अनुसार नदी के उस पार गांव था. जवान ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए फ़ायरिंग कर रहे थे. नक्सली ग्रामीणों की आड़ लेकर कैंप पर हमले को अंजाम दे रहे थे.

विरोध के बावजूद स्थापित किया गया है कैंप

साल 2020 के दिसंबर महीने में कैंप को खोला गया. कैंप खुलने के बाद से ही नक्सली ग्रामीणों को आगे कर कैंप का विरोध करवा रहे थे. जिसके तहत पखांजूर में चक्काजाम तक किया गया था. करीब 15 दिनों तक ग्रामीण धरने पर भी बैठे थे. लेकिन सुरक्षाबलों ने कैंप स्थापित किया. यह इलाका नक्सलियों का कोर इलाका माना जाता है. कैंप के कारण नक्सल गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. नक्सली बौखलाहट में बड़ी वारदातों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें नक्सलियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कैंप खुलने का विरोध किया था.

कांकेर में बीएसएफ कैंप पर नक्सलियों का हमला, दोनों ओर से हुई फायरिंग

नक्सली नहीं चाहते इलाके में विकास

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कामतेड़ा में जिला पुलिस बल और सीमा सुरक्षा बल ने कैंप खोल नक्सलियों को सीधी चुनौती दी है. एक दशक से सुरक्षा कारणों से ब्लॉक मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण नहीं हुआ था. इसके साथ ही मेढ़की नदी में पुल का निर्माण भी नहीं हो पा रहा था. कैंप के खुलने के बाद अब इनका निर्माण शुरू होने से ग्रामीणों को लाभ होगा. ग्राम महला के बाद घोर नक्सल प्रभावित कामतेड़ा में एक साथ जिला पुलिस बल और सीमा सुरक्षा बल के दो कैंप खोले जाने से पुलिस ने नक्सलियों को बैकफुट पर ला दिया है. ऐसे में नक्सली लगातार गतिविधियां बढ़ा रहे हैं.

26 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान

नक्सलियों ने पर्चे और बैनर-पोस्टरों के जरिए भारत बंद का आह्वान किया है. 26 अप्रैल को नक्सलियों ने बंद बुलाया है. नक्सली जब भी भारत बंद जैसे आह्वान करते हैं उनकी कोशिश होती है कि बंद का असर बस्तर में नजर आए. जिसके लिए लगातार वारदात को अंजाम देते रहते हैं.

बस्तर में लगातार बढ़ रही है नक्सली वारदात

पूरे बस्तर संभाग में लगातार घटनाओं को अंजाम देकर नक्सली अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. हाल के दिनों में नक्सलियों ने बड़ी घटना को बीजापुर में भी अंजाम दिया था. 22 और 23 अप्रैल को भी नक्सलियों की बड़ी हलचल देखी गई.

  • 22 अप्रैल को नक्सलियों ने बैनर लगा कर गीदम ब्लॉक में दहशत फैलाने की कोशिश की. मालेवाही और सातधार पुल के बीच नक्सलियों की पूर्व बस्तर डिवीजन कमेटी ने दुकानदारों और निजी वाहनों को इस सड़क मार्ग से ना गुजरने की हिदायत दी है.
  • 22 अप्रैल की रात नक्सलियों ने गढ़चिरौली जिले के गट्टा पुलिस कैंप पर हमला किया (Naxalite attack) . लेकिन नक्सली जवानों को नुकसान नहीं पहुंचा सके. जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली पीछे हट गए. नक्सलियों ने हमले के लिए ग्रेनेड का उपयोग (grenade) किया.
  • 23 अप्रैल को दंतेवाड़ा में सड़क निर्माण कार्य में लगी एक मिक्चर मशीन को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया.
  • 23 अप्रैल की रात नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में पैसेंजर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की. ट्रेन में भारत बंद के पर्चे बांटे.
  • 24 अप्रैल की रात नक्सलियों ने नारायणपुर में सड़क निर्माण में लगे जेसीबी पर आग लगा दी. बता दें इसी इलाके से दिन में सुरक्षा बलों ने 2 आईईडी भी बरामद किए थे.

कांकेर: उत्तर बस्तर में धुर नक्सल प्रभावित कामतेड़ा में शनिवार शाम बीएसएफ कैंप में नक्सलियों ने जोरदार हमला किया था. 45 मिनट तक नक्सली कैंप पर फायरिंग कर रहे थे. नक्सलियों ने ग्रेनेड और मोर्टार लॉन्चर का भी प्रयोग किया. कैंप पर ग्रेनेड दागे गए, लेकिन ग्रेनेड नहीं फटने से नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम हुई है.

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गढ़चिरौली के गट्टा पुलिस कैंप पर हमला

बता दें नक्सलियों ने बुधवार की रात गढ़चिरौली जिले के गट्टा पुलिस कैंप पर हमला किया (Naxalite attack) . लेकिन नक्सली जवानों को नुकसान नहीं पहुंचा सके. जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली पीछे हट गए. नक्सलियों ने हमले के लिए ग्रेनेड का उपयोग (grenade) किया. यहां भी ग्रेनेड नहीं फटने से नक्सल साजिश नाकाम हुई थी.

गढ़चिरौली में पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने किया हमला, ग्रेनेड भी दागा

बड़ी संख्या में पहुंचे थे नक्सली

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में नक्सलियों ने कामतेड़ा पुलिस कैंप को निशाना बनाया. नक्सली नदी के दूसरे छोर से लगातार कैंप की फायरिंग कर रहे थे. फायरिंग लगभग 45 मिनट तक चली. इस दौरान नक्सलियों ने मोर्टार के जरिए तीन ग्रेनेड भी दागे थे. जिसमें से एक दीवाल में टकराया और दो लॉन्चर कैंप के अंदर गिरा. लेकिन एक भी ग्रेनेड नहीं फटने से नक्सलियों की साजिश नाकम हो गई.

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नहीं फटा ग्रेनेट

चेक पोस्ट को उड़ाने की फिराक में थे नक्सली

जानकरी के अनुसार नक्सली चेक पोस्ट को उड़ाने का प्रयास कर रहे थे. ताकि चेक पोस्ट को नुकसान पहुंचाकर आगे बढ़ सकें. लेकिन जवानों ने भी नक्सलियों को मुंह तोड़ जवाब दिया. जिसके बाद नक्सली पीछे हटने को मजबूर हो गए. जानकरी के अनुसार नदी के उस पार गांव था. जवान ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए फ़ायरिंग कर रहे थे. नक्सली ग्रामीणों की आड़ लेकर कैंप पर हमले को अंजाम दे रहे थे.

विरोध के बावजूद स्थापित किया गया है कैंप

साल 2020 के दिसंबर महीने में कैंप को खोला गया. कैंप खुलने के बाद से ही नक्सली ग्रामीणों को आगे कर कैंप का विरोध करवा रहे थे. जिसके तहत पखांजूर में चक्काजाम तक किया गया था. करीब 15 दिनों तक ग्रामीण धरने पर भी बैठे थे. लेकिन सुरक्षाबलों ने कैंप स्थापित किया. यह इलाका नक्सलियों का कोर इलाका माना जाता है. कैंप के कारण नक्सल गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. नक्सली बौखलाहट में बड़ी वारदातों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें नक्सलियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कैंप खुलने का विरोध किया था.

कांकेर में बीएसएफ कैंप पर नक्सलियों का हमला, दोनों ओर से हुई फायरिंग

नक्सली नहीं चाहते इलाके में विकास

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कामतेड़ा में जिला पुलिस बल और सीमा सुरक्षा बल ने कैंप खोल नक्सलियों को सीधी चुनौती दी है. एक दशक से सुरक्षा कारणों से ब्लॉक मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण नहीं हुआ था. इसके साथ ही मेढ़की नदी में पुल का निर्माण भी नहीं हो पा रहा था. कैंप के खुलने के बाद अब इनका निर्माण शुरू होने से ग्रामीणों को लाभ होगा. ग्राम महला के बाद घोर नक्सल प्रभावित कामतेड़ा में एक साथ जिला पुलिस बल और सीमा सुरक्षा बल के दो कैंप खोले जाने से पुलिस ने नक्सलियों को बैकफुट पर ला दिया है. ऐसे में नक्सली लगातार गतिविधियां बढ़ा रहे हैं.

26 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान

नक्सलियों ने पर्चे और बैनर-पोस्टरों के जरिए भारत बंद का आह्वान किया है. 26 अप्रैल को नक्सलियों ने बंद बुलाया है. नक्सली जब भी भारत बंद जैसे आह्वान करते हैं उनकी कोशिश होती है कि बंद का असर बस्तर में नजर आए. जिसके लिए लगातार वारदात को अंजाम देते रहते हैं.

बस्तर में लगातार बढ़ रही है नक्सली वारदात

पूरे बस्तर संभाग में लगातार घटनाओं को अंजाम देकर नक्सली अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. हाल के दिनों में नक्सलियों ने बड़ी घटना को बीजापुर में भी अंजाम दिया था. 22 और 23 अप्रैल को भी नक्सलियों की बड़ी हलचल देखी गई.

  • 22 अप्रैल को नक्सलियों ने बैनर लगा कर गीदम ब्लॉक में दहशत फैलाने की कोशिश की. मालेवाही और सातधार पुल के बीच नक्सलियों की पूर्व बस्तर डिवीजन कमेटी ने दुकानदारों और निजी वाहनों को इस सड़क मार्ग से ना गुजरने की हिदायत दी है.
  • 22 अप्रैल की रात नक्सलियों ने गढ़चिरौली जिले के गट्टा पुलिस कैंप पर हमला किया (Naxalite attack) . लेकिन नक्सली जवानों को नुकसान नहीं पहुंचा सके. जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली पीछे हट गए. नक्सलियों ने हमले के लिए ग्रेनेड का उपयोग (grenade) किया.
  • 23 अप्रैल को दंतेवाड़ा में सड़क निर्माण कार्य में लगी एक मिक्चर मशीन को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया.
  • 23 अप्रैल की रात नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में पैसेंजर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की. ट्रेन में भारत बंद के पर्चे बांटे.
  • 24 अप्रैल की रात नक्सलियों ने नारायणपुर में सड़क निर्माण में लगे जेसीबी पर आग लगा दी. बता दें इसी इलाके से दिन में सुरक्षा बलों ने 2 आईईडी भी बरामद किए थे.
Last Updated : Apr 26, 2021, 11:45 AM IST
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