कांकेर: अतिसंवेदनशील क्षेत्र कोयलीबेड़ा के मरकानार मार्ग पर नदी किनारे नक्सलियों ने बैनर बांधे हैं. नक्सलियों ने बैनर में भूपेश सरकार को मूल आदिवासियों का विरोधी बताया है. नक्सली बैनर की सूचना मिलते ही सर्चिंग पार्टी मौके के लिए रवाना हुई है.
बैनर के जरिए नक्सलियों ने ग्रामीणों में दहशत फैलाने की कोशिश की है साथ ही भूपेश सरकार पर पेशा कानून में मौजूद जनानुकूल नियमों को खत्म करने और ग्रामसभा से मिले अधिकार को समाप्त करने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है. नक्सलियों ने बैनर के माध्यम से क्षेत्रवसियों से इसका विरोध करने की अपील भी की है.
ग्रामीणों में दहशत फैलाने की कोशिश
बैनर के साथ नक्सलियों ने काले रंग का पुतला भी बांधा है. पुतले में भी प्रदेश सरकार के खिलाफ बाते लिखी गई हैं, पुलिस की कार्रवाई से नक्सली बौखलाए हुए हैं. नक्सली ग्रामीणों और पुलिस में दहशत फैलाने के लिए इस तरह की कृत्य को अंजाम देते रहते हैं. इससे पहले भी नक्सलियों ने धमकी भरे बैनर पोस्टर लगाकर ग्रामीणों में दहशत फैलाने की कोशिश की है.
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बैकफुट पर आए नक्सली
बारिश के मौसम में नक्सली जंगलों में खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं, लेकिन इस बार बारिश के मौसम में भी फोर्स लगातार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है. पुलिस के एंटी नक्सल ऑपरेशन ने नक्सलियों को बैकफुट पर आने को मजबूर कर दिया है.
नक्सलियों पर नकेल कसने में भूपेश सरकार कामयाब
पिछले 5 साल में हुई नक्सली घटनाओं की बात करें तो छत्तीसगढ़ में करीब 2496 नक्सली घटनाएं हुई हैं. लाल आतंक और सुरक्षाबलों के बीच प्रदेश में 904 मुठभेड़ पिछले 5 साल में हुई है. 2015 से 2018 तक हर साल 500 से ज्यादा नक्सली घटनाएं हुई हैं. 2019 में यह आंकड़ा घटकर 327 पहुंच जाता है. इससे साफ होता है कि अपने एक साल के कार्यकाल में भूपेश सरकार नक्सलियों पर नकेल कसने में एक हद तक कामयाब रही है.