कांकेर: जिले में छत्तीसगढ़ मुस्लिम संगठन की तरफ से 19वें सामूहिक निकाह का आयोजन गुरुवार को हुआ. निकाह के दो दिन पहले से ही रस्में शुरू हो गई थी. निकाह के लिए महंगी कारों में सवार दुल्हों का काफिला मेमन जमात खान से होटल ग्रीन पाम पहुंचा. 19 सालों से छत्तीसगढ़ मुस्लिम संगठन सामूहिक निकाह का आयोजन करवा रहा है. (muslim mass marriage in kanker )
19 साल में 304 जोड़ों का बसाया घर: छत्तीसगढ़ मुस्लिम संगठन की तरफ से आयोजित 19वें सामूहिक विवाह कार्यक्रम समेत अब तक पिछले 19 साल में कुल 304 जोड़ों का निकाह कराया जा चुका है. 2004 से शुरू हुए इस आयोजन में सबसे ज्यादा साल 2018 में 27 जोड़ों का निकाह कराया गया था.
पिता व भाई की जिम्मेदारी बखूबी निभाई: हाजी मोहम्मद फारूख ने वर्ष 2004 में रखी थी। उनकी मृत्यु के बाद पुत्र हाजी फिरोज नेबीड़ा उठाया था। मो फिरोज की आकस्मिक मृत्यु के बाद पिता व भाई की जिम्मेदारी जुनैद रजा बखूभी निभा रहे हैं। पहले साल 7 जोड़ों का निकाह हुआ था। इसके बाद सिलसिला चलता रहा और जोड़ों की तादाद भी बढ़ती चली गई। संगठन के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जुनैद रजा ने बताया इस साल 30 जोड़ों का लक्ष्य था। आवेदन तो ढेरों आए लेकिन इस साल 17 जोड़ों का आपस में रिश्ता तय हो पाया। इसमें छग के अलावा मध्यप्रदेश तथा उत्तरप्रदेश के भी जोड़े हैं।
गरीबी के चलते शादी था ख्वाब,अब आलीशान लॉन में निकाह: दुर्ग की शेख महक, नाजिया परवीन, रायपुर की अफसाना बेगम, दुर्ग की आफरीन बानो ने कहा कि "उनका परिवार गरीब है. रोजी मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं. शादी में होने वाले खर्च को देख शादी करना उनका ख्वाब था. गरीबी के कारण कई बार रिश्ते भी ठुकरा दिए गए. छत्तीसगढ़ मुस्लिम संगठन उन ख्वाब को हकीकत में बदल रहा है". रायपुर की अमरीन बानो ने बताया वह गरीब है. जैसे तैसे कर्ज लेकर पहली शादी हुई थी। कुछ दिन बाद पति की मौत हो गई. अब दोबारा आलीशान शादी होने जा रही है".
बलरामपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन, 280 जोड़ों का विवाह हुआ संपन्न
सामूहिक विवाह को लेकर बदला नजरिया: सामूहिक विवाह को लेकर संपन्न परिवारों का भी नजरीया बदला है. एसे परिवार के युवक युवतियां इसमें शामिल होकर फिजूलखर्ची से बच रहे हैं. इसमें शामिल कुछ जोड़ों ने कहा कि वे दिखावा नहीं करना चाहते. इसलिए एसे आयोजन में शादी कर रहे हैं.
तोहफा देने के साथ सभी रस्मों को निभाता है संगठन: संगठन की तरफ से सामूहिक विवाह में दूल्हा दुल्हनों की हल्दी मेहंदी से लेकर दावत तक सभी रस्में धूमधाम से निभाई जाती है. इसमें पूरा समाज शामिल होता है. सेहरा व शादी के जोड़े के साथ साथ दुल्हा दुल्हन को नया जीवन शुरू करने दैनिक उपयोग के सभी समान दिए जाते हैं. इन सबका खर्च संगठन अपनी ओर से करता है.
ये रहे आशीर्वाद में शामिल: लड़की के घर वालों ने बारात का स्वागत किया. मुफ्ती अब्दुल मुगनी ने सभी जोड़ों को निकाह पढ़ाया. दूइस दौरान विधायक शिशुपाल शोरी ने जोड़ों को आर्शीवाद दिया. आयोजन को सफल बनाने मो जावेद रजा, हाजी रहीम मेमन, हाजी आसिफ मेमन, हाजी जावेद मेमन, गफ्फार मेमन, सैय्यद उस्मान अली, अनीस खलकिया, सलीम मेमन, सैयद महफूज अली, सरजील मेमन, हाजी हमीद, अंजूमन कुरैशी,परवीन सिद्दीकी, फातिमा बानो, याश्मीन कुरैशी ने योगदान दिया.