कांकेर: कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसे देखते हुए सरकार ने मोहल्ला क्लास (Mohalla Class) संचालित करने का फैसला लिया था. कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) के दौरान इसे बंद कर दिया गया था. फिर 1 जुलाई से इसकी शुरुआत की गई है. ऐसे में ETV भारत ने मोहल्ला क्लास का रियलिटी चेक किया है. ये जानने की कोशिश की है कि मोहल्ला क्लास इस बारिश के मौसम में कैसे संचालित किया जा रहा है.
ETV भारत की टीम कांकेर जिले के पुसवाड़ा इलाके के पटौद पहुंची. यहां के सरकारी स्कूल में एक बरामदे में मोहल्ला क्लास का संचालन हो रहा था. जब हमने इसके संचालन को लेकर बात की तो शिक्षक ने बताया कि बारिश के दिन में बाहर मोहल्ला क्लास संचालित करने में दिक्कत होती है. कई बार दरी के नीचे सांप और बिच्छू के निकलने का खतरा बढ़ जाता है. एक बार तो ऐसा हादसा हो चुका है. जिसके बाद से यह फैसला लिया गया है कि बरामदे में मोहल्ला क्लास का संचालन किया जाए. हालांकि स्कूलों के अंदर मोहल्ला क्लास के संचालन को लेकर कोई आदेश नहीं आया है.
मोहल्ला क्लास के दौरान स्कूलों में साफ सफाई की कमी देखी जा रही है. न तो हैंडवॉश और न ही मास्क की व्यवस्था है. इस मामले में लापरवाही बरती जा रही है. जो स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए खतरे की बात है. ऐसी लापरवाही संक्रमण को बढ़ा सकती है.
कांकेर कलेक्टर चंदन कुमार(Kanker Collector Chandan Kumar) ने इस संबंध में ETV भारत को बताया कि, स्कूल खोलने का आदेश प्राप्त नहीं है. मोहल्ला क्लास संचालन का आदेश प्राप्त हुआ है. हम बिल्कुल भी रिस्क लेकर बच्चों का भविष्य दांव पर नहीं लगा सकते. कुछ जगहों पर बारिश की वजह से स्कूल प्रांगण भवन में क्लास लगाए जा रहे हैं. अगर स्कूल भवन के अंदर स्कूल संचालित किया जा रहा तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
मोहल्ला क्लास में पढ़ाई तो हो रही है. लेकिन कोरोना के मोर्चे पर यहां न तो मास्क की व्यवस्था देखी गई है. न ही सैनिटाइजर का प्रबंध है. जो एक खतरे की घंटी है. बहरहाल शासन-प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है.