कांकेर: भारत-चीन सीमा पर झड़प में शहीद हुए छत्तीसगढ़ के वीर जवान गणेश कुंजाम का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम करीब साढ़े 7 बजे उनके गृहग्राम पहुंचा, शहीद का काफिला पहुंचते ही सुबह से इंतजार कर रहे परिजन और ग्रामीणों की आंखें नम हो गई और पूरा गांव गणेश कुंजाम अमर रहे के नारों से गूंज उठा.
शहीद गणेश कुंजाम का पार्थिव शरीर शाम करीब साढ़े 5 बजे रायपुर से सेना के चॉपर से कांकेर के लिए रवाना किया गया था, चॉपर जंगलवार कॉलेज के मैदान में उतरा जहां से सड़क मार्ग से पार्थिव शरीर को गृहग्राम लाया गया. गांव के युवाओं ने कुररूटोला से सेना के वाहन के सामने तिरंगा रैली निकालकर अपने जाबांज साथी के पार्थिव शरीर को गांव तक लाया.
शहीद का शव जैसे ही गांव पहुंचा, पूरा गांव शहीद गणेश कुंजाम अमर रहे के नारों से गूंज उठा, वहीं दूसरी ओर हर आंख में आंसू भी थे. कांकेर ने नक्सल मोर्चे पर तो अपने बहुत बेटे खोए हैं, लेकिन इस बार देश की रक्षा में गांव का बेटा शहीद हुआ है.
तिरंगे में लिपटा बेटे का शव देख छलक पड़े आंसू
जवान का पार्थिव शरीर सबसे पहले उनके घर ले जाया गया, अपने बेटे को तिरंगे में लिपटा देख परिजन बिलख उठे. जिस बेटे की शादी का सपना मां-पिता संजो रहे थे, वो तिरंगे में लिपटा उनके सामने सोया हुआ था.
सेना और पुलिस जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
स्कूल ग्राउंड में शहीद के पार्थिव शरीर को लोगो के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, सेना और पुलिस जवानों के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, सुबह से ही ग्रामीण स्कूल ग्राउंड अपने वीर जवान के अंतिम दर्शन के लिए बैठे हुए थे. जवान का पार्थिव देह मैदान में पहुंचते ही चारो ओर गणेश कुंजाम की जय जय कार गूंज रही थी.
प्रभारी मंत्री समेत कई दिग्गज पहुंचे श्रद्धांजलि देने
शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रुद्र कुमार, सासंद मोहन मंडावी, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, कांकेर विधायक शिशुपाल शोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि पहुंचे थे.
9 बजे तक नहीं हो सका अंतिम संस्कार
शहीद गणेश कुंजाम का अंतिम संस्कार रात 9:30 बजे तक नहीं हो सका था, शहीद का पार्थिव देह शाम करीब साढ़े 7 बजे गांव पहुंचा. जिसके चलते श्रद्धांजलि कार्यक्रम में काफी देरी हुई, शहीद का अंतिम संस्कार देर रात ही किया जाएगा.