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Kanker : एनकाउंटर की धमकी के कारण लिया नाम वापस, मंतूराम पवार का बड़ा आरोप - एनकाउंटर की धमकी के कारण लिया नाम वापस

मंतूराम पवार अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. अंतागढ़ उपचुनाव में मंतूराम पर जान बूझकर नाम वापस लेने के आरोप भी लगे थे.वहीं अब मंतूराम ने अपना नाम वापस लेने के पीछे जान को खतरा बताया है. करीब नौ साल बाद मंतूराम तत्कालीन एसपी और सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.

Manturam Pawar new allegation
मंतूराम पवार का एक और बड़ा आरोप
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Published : Apr 20, 2023, 4:05 PM IST

Manturam Pawar new allegation

कांकेर : मंतूराम पवार ने नया बयान देकर सियासी हलके में हलचल पैदा कर दी है.मंतूराम पवार ने कहा कि उन्होंने एनकाउंटर की धमकी के कारण अपना नाम वापस लिया था.इस बारे में वो कोर्ट में अपना बयान दर्ज करा चुके हैं. इस बार चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरेंगे और अपना नामांकन भी वापस नहीं लेंगे. मंतूराम ने कहा कि कांकेर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने मुझे फोन करके धमकाया था कि अगर मैने नामांकन वापस नहीं लिया तो एनकाउंटर हो जाएगा.''

एनकाउंटर के खौफ से नहीं लड़ा चुनाव : मंतूराम पवार ने कहा कि ''एनकाउंटर के डर से मैंने नामांकन वापस लिया था. क्योंकि तब केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा की ही सरकार थी वे कुछ भी कर सकते थे.''आपको बता दें कि अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी मंतूराम पवार ने अंतिम समय में नामांकन वापस लेकर सनसनी फैला दी थी. इसके बाद कांग्रेस छोड़ भाजपा प्रवेश किया. अब पवार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने घोषणा की है.

मंतूराम पवार का सियासी सफर : पूर्व विधायक मंतूराम पवार सीपीएम से एक बार और कांग्रेस से तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं. एक ही बार 1998 में विधायक चुनाव जीते थे. वर्ष 2014 में कांग्रेस ने उन्हें अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया था. लेकिन मंतूराम ने अंतिम समय में अपना नामांकन वापस लेकर भाजपा को वाकओवर दे दिया था. इसके बाद प्रदेश ही नहीं पूरे देश में यह चुनाव चर्चा में आ गया था. इस घटना के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. कुछ दिन बाद वे भाजपा में शामिल हो गए.लेकिन भाजपा ने उन्हें 2018 विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया. इसके बाद भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के विरोध में बयान मंतूराम पवार ने बयान देना शुरू कर दिया. इसके बाद भाजपा ने भी उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया. अब मंतूराम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरने की घोषणा की है.

ये भी पढ़ें- मंतूराम पवार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान

कौन हैं मंतूराम पवार : मंतूराम पवार 1998 में अंतागढ़, नारायणपुर सीट जब एक हुआ करती थी. तब कांग्रेस की टिकट से चुनाव जीतकर आये थे. फिर उन्हें 2008 और 2013 में भाजपा के प्रत्याशी विक्रम उसेंडी ने हराया . विक्रम उसेंडी को सासंद का टिकट मिलने पर उपचुनाव में उन्हें कांग्रेस से फिर से प्रत्याशी बनाया था . लेकिन मंतूराम ने नाम वापसी के अंतिम दिन नाम वापस लेकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था. नाम वापसी को लेकर हुए बातचीत का ऑडियो भी सामने आया था. इस टेपकांड में काफी बड़े बड़े राजनीति हस्तियों के नाम उजगार हुए थे. नाम वापसी कांड और टेपकांड ने मंतूराम पवार को प्रदेश ही नही बल्कि पूरे देश के चर्चित कर दिया था.

Manturam Pawar new allegation

कांकेर : मंतूराम पवार ने नया बयान देकर सियासी हलके में हलचल पैदा कर दी है.मंतूराम पवार ने कहा कि उन्होंने एनकाउंटर की धमकी के कारण अपना नाम वापस लिया था.इस बारे में वो कोर्ट में अपना बयान दर्ज करा चुके हैं. इस बार चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरेंगे और अपना नामांकन भी वापस नहीं लेंगे. मंतूराम ने कहा कि कांकेर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने मुझे फोन करके धमकाया था कि अगर मैने नामांकन वापस नहीं लिया तो एनकाउंटर हो जाएगा.''

एनकाउंटर के खौफ से नहीं लड़ा चुनाव : मंतूराम पवार ने कहा कि ''एनकाउंटर के डर से मैंने नामांकन वापस लिया था. क्योंकि तब केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा की ही सरकार थी वे कुछ भी कर सकते थे.''आपको बता दें कि अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी मंतूराम पवार ने अंतिम समय में नामांकन वापस लेकर सनसनी फैला दी थी. इसके बाद कांग्रेस छोड़ भाजपा प्रवेश किया. अब पवार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने घोषणा की है.

मंतूराम पवार का सियासी सफर : पूर्व विधायक मंतूराम पवार सीपीएम से एक बार और कांग्रेस से तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं. एक ही बार 1998 में विधायक चुनाव जीते थे. वर्ष 2014 में कांग्रेस ने उन्हें अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया था. लेकिन मंतूराम ने अंतिम समय में अपना नामांकन वापस लेकर भाजपा को वाकओवर दे दिया था. इसके बाद प्रदेश ही नहीं पूरे देश में यह चुनाव चर्चा में आ गया था. इस घटना के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. कुछ दिन बाद वे भाजपा में शामिल हो गए.लेकिन भाजपा ने उन्हें 2018 विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया. इसके बाद भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के विरोध में बयान मंतूराम पवार ने बयान देना शुरू कर दिया. इसके बाद भाजपा ने भी उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया. अब मंतूराम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरने की घोषणा की है.

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कौन हैं मंतूराम पवार : मंतूराम पवार 1998 में अंतागढ़, नारायणपुर सीट जब एक हुआ करती थी. तब कांग्रेस की टिकट से चुनाव जीतकर आये थे. फिर उन्हें 2008 और 2013 में भाजपा के प्रत्याशी विक्रम उसेंडी ने हराया . विक्रम उसेंडी को सासंद का टिकट मिलने पर उपचुनाव में उन्हें कांग्रेस से फिर से प्रत्याशी बनाया था . लेकिन मंतूराम ने नाम वापसी के अंतिम दिन नाम वापस लेकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था. नाम वापसी को लेकर हुए बातचीत का ऑडियो भी सामने आया था. इस टेपकांड में काफी बड़े बड़े राजनीति हस्तियों के नाम उजगार हुए थे. नाम वापसी कांड और टेपकांड ने मंतूराम पवार को प्रदेश ही नही बल्कि पूरे देश के चर्चित कर दिया था.

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