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कांकेर नगर पालिका: जनता है नाराज, क्या इस बार नगर पालिका में खाता खोल पाएगी बीजेपी?

शहर में सड़क, पानी की समस्या आज भी बरकरार है. स्थानीय बताते हैं, कांकेर नगर पालिका में सबसे बड़ी समस्या शहर की सड़कें है, जिसे लेकर आये दिन आंदोलन भी होते रहते हैं. इसके अलावा वार्डों में साफ पानी की समस्या से भी लोग काफी परेशान हैं. शहर के कई इलाकों में गर्मी के दिनों में लोगों को टैंकर से पानी सप्लाई की जाती है.

कांकेर नगर पालिका
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Published : Nov 8, 2019, 11:58 AM IST

कांकेर: विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है. अध्यक्ष पद के आरक्षण के बाद निकाय चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो चुकी है. कांकेर नगर पालिका के अध्यक्ष की सीट इस बार महिला के लिए आरक्षित हुई है. कांकेर नगर पालिका में यह दूसरा मौका है, जब सीट महिला के लिए आरक्षित हुई है. इसके पहले 2005 में यह सीट महिला के लिए आरक्षित हुई थी.

जनता है नाराज, क्या इस बार नगर पालिका में खाता खोल पाएगी बीजेपी?

कांकेर नगर पालिका में आज तक बीजेपी का खाता नहीं खुला है. शुरू से ही इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया हुआ है. हालांकि, वार्डों में बीजेपी की पकड़ काफी मजबूत है. 21 वार्ड वाले कांकेर नगर पालिका में 12 वार्ड में बीजेपी के पार्षद और 7 वार्ड में कांग्रेस के पार्षद हैं.

शहर में सड़क, पानी की समस्या आज भी बरकरार है. स्थानीय बताते हैं, कांकेर नगर पालिका में सबसे बड़ी समस्या शहर की सड़कें है, जिसे लेकर आये दिन आंदोलन भी होते रहते हैं. इसके अलावा वार्डों में साफ पानी की समस्या से भी लोग काफी परेशान हैं. शहर के कई इलाकों में गर्मी के दिनों में लोगों को टैंकर से पानी सप्लाई की जाती है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां की जनता कांग्रेस की सरकार से खुश नहीं है. लोगों का कहना है कि बीते 5 साल में शहर की समस्या जस की तस बनी हुई है. शहर में एक मात्र गार्डन भी देखरेख के अभाव में जर्जर हो चुकी है. गार्डन के सामने तालाब में मनोरंजन के लिए बोटिंग शुरू की गई थी, लेकिन वो भी बंद कर दी गई है.

महिला मतदाताओं की संख्या अधिक
कांकेर नगर पालिका में कुल 20 हजार 264 मतदाता हैं, इसमें 10 हजार 667 महिला मतदाता जबकि 9 हजार 596 पुरुष मतदाताओं की संख्या है. शहर में एक थर्ड जेंडर के भी मतदाता हैं. शहर की कुल जनसंख्या 27 हजार 541 है.

कांकेर: विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है. अध्यक्ष पद के आरक्षण के बाद निकाय चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो चुकी है. कांकेर नगर पालिका के अध्यक्ष की सीट इस बार महिला के लिए आरक्षित हुई है. कांकेर नगर पालिका में यह दूसरा मौका है, जब सीट महिला के लिए आरक्षित हुई है. इसके पहले 2005 में यह सीट महिला के लिए आरक्षित हुई थी.

जनता है नाराज, क्या इस बार नगर पालिका में खाता खोल पाएगी बीजेपी?

कांकेर नगर पालिका में आज तक बीजेपी का खाता नहीं खुला है. शुरू से ही इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया हुआ है. हालांकि, वार्डों में बीजेपी की पकड़ काफी मजबूत है. 21 वार्ड वाले कांकेर नगर पालिका में 12 वार्ड में बीजेपी के पार्षद और 7 वार्ड में कांग्रेस के पार्षद हैं.

शहर में सड़क, पानी की समस्या आज भी बरकरार है. स्थानीय बताते हैं, कांकेर नगर पालिका में सबसे बड़ी समस्या शहर की सड़कें है, जिसे लेकर आये दिन आंदोलन भी होते रहते हैं. इसके अलावा वार्डों में साफ पानी की समस्या से भी लोग काफी परेशान हैं. शहर के कई इलाकों में गर्मी के दिनों में लोगों को टैंकर से पानी सप्लाई की जाती है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां की जनता कांग्रेस की सरकार से खुश नहीं है. लोगों का कहना है कि बीते 5 साल में शहर की समस्या जस की तस बनी हुई है. शहर में एक मात्र गार्डन भी देखरेख के अभाव में जर्जर हो चुकी है. गार्डन के सामने तालाब में मनोरंजन के लिए बोटिंग शुरू की गई थी, लेकिन वो भी बंद कर दी गई है.

महिला मतदाताओं की संख्या अधिक
कांकेर नगर पालिका में कुल 20 हजार 264 मतदाता हैं, इसमें 10 हजार 667 महिला मतदाता जबकि 9 हजार 596 पुरुष मतदाताओं की संख्या है. शहर में एक थर्ड जेंडर के भी मतदाता हैं. शहर की कुल जनसंख्या 27 हजार 541 है.

Intro:कांकेर - विधानसभा , लोकसभा चुनाव के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है , अध्यक्ष पद के आरक्षण के बाद निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है और संभावित दावेदारों का आलकमान के द्वार के चक्कर लगाना भी शूरु हो गया है । कांकेर नगर पालिका के अध्यक्ष की सीट इस बार महिला के लिए आरक्षित हुई है ,जिससे दोनों दिग्गज पार्टियों के कई नेताओं का नपा अध्यक्ष बनने का सपना टूट गया है , ये दिग्गज नेता पर अब अपनी पत्नियों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे है । कांकेर नगर पालिका में यह दूसरा मौका है जब सीट महिला के लिए आरक्षित हुई है , इसके पहले 2005 में यह सीट महिला आरक्षित हुई थी ।


Body:कांकेर नगर पालिका के इतिहास की बात की जाए तो अब तक यहां भाजपा का खाता नही खुला है , शुरू से ही इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया हुआ है । वर्तमान में कांग्रेस से जितेंद्र सिंह ठाकुर यहां के पालिका अध्यक्ष है जिन्होंने भाजपा के अरुण कौशिक को हराकर यह सीट जीती थी । वार्डो में रहा भाजपा का दबदबा नगर पालिका अध्यक्ष की सीट पर तो कांग्रेस की पकड़ रही है लेकिन वार्ड पार्षद की बात की जाए तो यहां भाजपा कांग्रेस पर हावी है , 21 वार्ड वाले कांकेर नगर पालिका में 12 वार्ड पार्षद भाजपा के है ,जबकि 7 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी जबकि दो में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी । सड़क, पानी की समस्या आज भी बरकरार कांकेर नगर पालिका में सबसे बड़ी समस्या शहर की सड़कें है , जिसको लेकर आये दिन आंदोलन होते रहे है , वर्तमान में भी सड़के बुरी तरह जर्जर है , इसके साथ ही वार्डो में साफ पानी की समस्या आज भी बनी हुई है , गर्मी के मौसम में टैंकर से वार्डो में पानी सप्लाई की जाती है , तो वही बारिश के मौसम में भी इस बार वार्डो में टैंकर से पानी सप्लाई करनी पड़ी है , क्योकि साफ पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है । कांग्रेस के काम से खुश नही जनता , क्या खुलेगा बीजेपी का खाता ईटीवी भारत ने पालिका के काबिज काँग्रेस के 5 साल के कार्यकाल को लेकर शहर की जनता से बात की। जिसमे अधिकांश लोगों ने पालिका के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया , लोगो का कहना है कि बीते 5 सालों में शहर की समस्या जस की तस बनी हुई है । सड़को की हालत बेहद खराब है, वार्डो में पानी की समस्या है, तालाबो का , गार्डन का सौन्द्रीयकरण का कार्य 5 साल में पुराजे नही हो सका है । लोगो के मनोरंजन के लिए कोई भी सुविधा शहर में नही है , एक मात्र गार्डन की भी देखरेख सही तरह से नही की जा रही है , गार्डन के सामने तालाब में मनोरंजन के लिए बोटिंग शुरू की गई थी वो भी बंद कर दी गई है। महिला मतदाताओं की संख्या अधिक कांकेर नगर पालिका में कुल 20 हजार264 मतदाता है ,जिसमे 10 हजार 667 महिला मतदाता जबकि 9 हजार596 पुरुष मतदाता है, वही एक थर्ड जेंडर मतदाता भी है , कांकेर शहर की कुल जनसंख्या 27 हजार 541 है । कांग्रेस से आरती तो भाजपा से विजय लक्ष्मी प्रबल दावेदार अध्यक्ष की सीट महिला आरक्षित होने के बाद महिला नेताओ की पूछपरख बढ़ गई है , कांग्रेस से पूर्व नपा अध्यक्ष आरती रवि श्रीवास्तव तो भाजपा से वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण कौशिक की पत्नी विजय लक्ष्मी कौशिक प्रबल दावेदार के रूप में देखी जा रही है । आरती रवि श्रीवास्तव 2005 में कांग्रेस से टिकट नही मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतरी थी और उन्होंने जीत हासिल की थी जिसके बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गई थी, वही विजय लक्ष्मी कौशिक राजनीति में नया चेहरा है लेकिन उनके पति अरुण कौशिक की वजह से उनका दावा मजबूत माना जा रहा है ।


Conclusion:कांग्रेस का कार्यकाल निराशाजनक - नेता प्रतिपक्ष पालिका नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष दिनेश रजक का कहना है कि इस 5 साल में कांग्रेस का कार्य निराशाजनक रहा , कई अहम मुद्दे जो विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने उठाये उस पर कांग्रेस ने बिल्कुल भी ध्यान नही दिया , उन्होंने कहा कि यदि इस बार जनता भाजपा को चुन कर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाती है तो शहर के विकास के लिए पुरा जोर भाजपा लगाएगी । मैंने बेहतर कार्य करने की कोशिश की- पालिकाध्यक्ष वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मैंने बेहतर कार्य करने की कोशिश की , कुछ काम अधूरे रह गए जिन्हें आने वाले समय मे पालिका में काबिज होते है तो पुरा करने का प्रयास किया जाएगा । बाइट- 1 आरती रवि श्रीवास्तव कांग्रेस संभावित उम्मीदवार 2 . विजय लक्ष्मी कौशिक भाजपा संभावित उम्मीदवार 3. दिनेश रजक नेता प्रतिपक्ष नगर पालिका 4. अजितेश दत्ता राय शहरवासी 5. शहरवासी 6. शहरवासी 7. जितेंद्र सिंह ठाकुर नगर पालिका अध्यक्ष
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