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Students Life In Danger: सरकारी हाॅस्टल की हालत खराब, जान हथेली में रखकर पढ़ाई कर रहे छात्र, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - कांकेर विधायक

Students Life In Danger कांकेर में पीजी कॉलेज छात्रावास अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है. बावजूद इसकी ओर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है. यहां रहकर पढ़ाई करने वाले गरीब छात्र डर के साए में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. और तो और यहां की बुनियादी सुविधाओं के लिए छात्र खुद चंदा करके इंतजाम करते हैं.

Students Life In Danger
सरकारी हाॅस्टल की हालत खराब
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Published : Jul 31, 2023, 6:23 PM IST

जान हथेली में रखकर पढ़ाई कर रहे छात्र

कांकेर : छत्तीसगढ़ का कांकेर जिला दिन ब दिन तरक्की की ओर आगे बढ़ रहा है. जिले में मेडिकल कॉलेज, कृषि महाविद्यालय समेत आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल मौजूद हैं. लेकिन नई इमारतों के बीच जिला मुख्यालय का शासकीय पीजी कॉलेज छात्रावास अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. इस छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए यहां रहना अपनी जान हथेली पर रखने के बराबर है.

एक बार भी नहीं हुई मरम्मत : एकता नगर में स्थित शासकीय पीजी काॅलेज का सामान्य बालक छात्रवास जर्जर हो चुका है. ग्रामीण इलाकों के बच्चों के लिए इस छात्रावास का निर्माण साल 1994 में किया गया था.50 सीटर छात्रावास में रहकर कई बच्चों ने अपना भविष्य संवारा भी है.लेकिन बच्चों का भविष्य संवारने वाला छात्रावास खुद के भविष्य को नहीं संवार पाया. निर्माण और लोकार्पण के बाद से आज तक इस छात्रावास की मरम्मत नहीं हो पाई है.

हर जगह से गिर रही है छत : मौजूदा समय में छात्रावास की छत भरभराकर गिर रही है. बारिश के मौसम में खतरा दोगुना हो चुका है. दीवारों में सीलन है.पंखे और बिजली के कनेक्शन उखड़ गए हैं.खिड़की और दरवाजों का हाल बेहाल है.बिजली और बेड के लिए भी छात्र तरस रहे हैं.यही वजह है कि छात्रावास को देखने के पहले 200 छात्र हर साल यहां रहने के लिए फॉर्म तो भरते हैं. लेकिन फॉर्म सेलेक्ट होने के बाद जैसे ही वो छात्रावास में आते हैं, वो उल्टे पांव लौट जाते हैं. मौजूदा समय में 35 छात्र इस छात्रावास में रह रहे हैं. लेकिन उनमें से भी आधे ही मौजूद रहते हैं.

हम लोगों ने छात्रावास की मरम्मत के लिए जनप्रतिनिधियों समेत कॉलेज प्रबंधन से बात की है.लेकिन कोई भी इस छात्रावास की हालत की तरफ ध्यान नहीं देता है.छात्रावास की जर्जर हालत के कारण छात्रों को ज्यादा किराया देकर अन्य जगहों पर रहकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. -अशोक, छात्र

बिजली का बिल भी छात्रों ने भरा : छात्रवास में रह रहे राजनीति विज्ञान के छात्र ने बताया कि छात्रावास के बिजली का बिल भी कॉलेज प्रबंधन नहीं पटाता. पिछली बार 8 हजार रुपए का बिल यहां रहने वाले छात्रों ने मिलकर चुकाया है.आपको बता दें कि ये स्थिति सिर्फ शासकीय पीजी काॅलेज के सामान्य बालक छात्रवास की ही नहीं है. अलबेलापारा में बालिका छात्रवास की भी स्थिति ऐसी ही है. बालिका छात्रवास के 7 कमरे पूरी तरीके से जर्जर हो चुके हैं.

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कांकेर विधायक और संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी ने सामान्य छात्रवास के जर्जर भवन को लेकर मरम्मत का काम जल्द कराने की बात कही है. लेकिन आश्वासन पर अमल कब होगा ये कोई नहीं जानता. फिलहाल तब तक छात्रों को अपनी जान भगवान भरोसे रखकर हॉस्टल में पढ़ना होगा.

जान हथेली में रखकर पढ़ाई कर रहे छात्र

कांकेर : छत्तीसगढ़ का कांकेर जिला दिन ब दिन तरक्की की ओर आगे बढ़ रहा है. जिले में मेडिकल कॉलेज, कृषि महाविद्यालय समेत आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल मौजूद हैं. लेकिन नई इमारतों के बीच जिला मुख्यालय का शासकीय पीजी कॉलेज छात्रावास अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. इस छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए यहां रहना अपनी जान हथेली पर रखने के बराबर है.

एक बार भी नहीं हुई मरम्मत : एकता नगर में स्थित शासकीय पीजी काॅलेज का सामान्य बालक छात्रवास जर्जर हो चुका है. ग्रामीण इलाकों के बच्चों के लिए इस छात्रावास का निर्माण साल 1994 में किया गया था.50 सीटर छात्रावास में रहकर कई बच्चों ने अपना भविष्य संवारा भी है.लेकिन बच्चों का भविष्य संवारने वाला छात्रावास खुद के भविष्य को नहीं संवार पाया. निर्माण और लोकार्पण के बाद से आज तक इस छात्रावास की मरम्मत नहीं हो पाई है.

हर जगह से गिर रही है छत : मौजूदा समय में छात्रावास की छत भरभराकर गिर रही है. बारिश के मौसम में खतरा दोगुना हो चुका है. दीवारों में सीलन है.पंखे और बिजली के कनेक्शन उखड़ गए हैं.खिड़की और दरवाजों का हाल बेहाल है.बिजली और बेड के लिए भी छात्र तरस रहे हैं.यही वजह है कि छात्रावास को देखने के पहले 200 छात्र हर साल यहां रहने के लिए फॉर्म तो भरते हैं. लेकिन फॉर्म सेलेक्ट होने के बाद जैसे ही वो छात्रावास में आते हैं, वो उल्टे पांव लौट जाते हैं. मौजूदा समय में 35 छात्र इस छात्रावास में रह रहे हैं. लेकिन उनमें से भी आधे ही मौजूद रहते हैं.

हम लोगों ने छात्रावास की मरम्मत के लिए जनप्रतिनिधियों समेत कॉलेज प्रबंधन से बात की है.लेकिन कोई भी इस छात्रावास की हालत की तरफ ध्यान नहीं देता है.छात्रावास की जर्जर हालत के कारण छात्रों को ज्यादा किराया देकर अन्य जगहों पर रहकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. -अशोक, छात्र

बिजली का बिल भी छात्रों ने भरा : छात्रवास में रह रहे राजनीति विज्ञान के छात्र ने बताया कि छात्रावास के बिजली का बिल भी कॉलेज प्रबंधन नहीं पटाता. पिछली बार 8 हजार रुपए का बिल यहां रहने वाले छात्रों ने मिलकर चुकाया है.आपको बता दें कि ये स्थिति सिर्फ शासकीय पीजी काॅलेज के सामान्य बालक छात्रवास की ही नहीं है. अलबेलापारा में बालिका छात्रवास की भी स्थिति ऐसी ही है. बालिका छात्रवास के 7 कमरे पूरी तरीके से जर्जर हो चुके हैं.

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