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Arvind Netam Announces New Party: अरविंद नेताम की नई पार्टी से बीजेपी कांग्रेस में सियासी टेंशन, आदिवासी वोटबैंक में सेंधमारी !

Arvind Netam Announces New Party कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके बड़े आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने शनिवार को अपनी नई पार्टी का ऐलान किया है. नई राजनीतिक पार्टी का नाम बताने के साथ ही नेताम ने ये भी खुलासा किया है कि वे किसके साथ मिलकर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 लड़ेंगे. Chhattisgarh Assembly Elections 2023

Arvind Netam announces new party
अरविंद नेताम ने अपनी नई पार्टी का किया ऐलान
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Published : Aug 12, 2023, 12:27 PM IST

Updated : Aug 12, 2023, 3:48 PM IST

चुनाव लड़ने और नई पार्टी के गठन को लेकर बोले अरविंद नेताम

कांकेर: वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सूबे की सियासत भी गरमाई हुई है. भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर आदिवासियों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं. आदिवासी वोट खिसकने की टेंशन में दोनों ही दल एक दूसरे पर तीखा हमला भी बोल रहे हैं. इस बीच शनिवार को कांकेर पहुंचे सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद नेताम ने बड़ी घोषणा कर दी. अरविंद नेताम ने अपनी नई पार्टी का ऐलान किया. पार्टी का नाम उन्होंने हमर राज पार्टी रखा है. साथ ही बसपा और सीपीआई से गठबंधन कर चुनाव लड़ने की भी बात कही.

कांग्रस से इस्तीफे की बताई बड़ी वजह: विश्व आदिवासी दिवस के दिन अरविंद नेताम ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. इसे लेकर अरविंद नेताम ने कहा कि कोई एक कारण नहीं है. छत्तीसगढ़ में बहुत से जो कानून आदिवासियों के लिए बने हैं, उसकी अवहेलना हो रही है. संवैधानिक अधिकारों की अवहेलना, जो इस समय हो रही है वो इससे पहले कभी नहीं हुई. कानून को लागू करना शासन और प्रशासन का काम है. लेकिन दोनों ही कानून के खिलाफ काम कर रहे हैं. सर्व आदिवासी समाज 20 सालों से अपने अधिकारों को लेकर आवाज उठा रहा है, जिसे सरकार दरकिनार कर रही है. कभी गंभीरता से नहीं लिया. जब समाज के मुद्दों का निराकरण नहीं हुआ तो समाज ने निर्णय लिया कि अब समाज चुनाव लड़ेगा.

नेताम ने बढ़ाई कांग्रेस और बीजेपी की टेंशन: सर्व आदिवासी समाज छ्त्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद नेताम ने हाल ही में 50 से ज्यादा सीटों पर समाज की ओर से प्रत्याशी उतारने का दावा किया था. आदिवासी हितों के साथ दूसरे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की भी बात कही थी. नई पार्टी के ऐलान के साथ ही बसपा और सीपीआई के साथ गठबंधन का ऐलान कर अरविंद नेताम ने भाजपा और कांग्रेस दोनों की ही टेंशन बढ़ा दी है.

चुनाव आयोग में चल रही प्रक्रिया, जल्द मिलेगा चुनाव चिन्ह: अरविंद नेताम ने कहा 'हमर राज पार्टी के नाम से चुनाव आयोग को सुझाव दिया है. यह प्रक्रिया में भी है. पार्टी के नाम की घोषणा होने के बाद चुनाव चिन्ह भी आएगा.' उन्हेंने कहा कि 'बहुजन समाज पार्टी और सीपीआई के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सभी 29 एसटी सीटों पर दोनों पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा.' नेताम के इस बयान का बसपा ने भी समर्थन किया है. पार्टी का कहना है कि हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

हमर राज पार्टी के नाम से सुझाव दिया है. इलेक्शन कमीशन के पास प्रक्रिया है. जल्द हो जाएगा. -अरविंद नेताम, प्रदेश अध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज, छत्तीसगढ़

बिल्कुल सर्व आदिवासी समाज के साथ बातचीत चल रही है. हम समाज के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. जहां सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे, वहां हमारी पार्टी प्रत्याशी नहीं उतारेगी. हेमंत पोयम, अध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी

Arvind Netam: अरविंद नेताम ने पार्टी छोड़ी, कांग्रेस ने कहा- फायदा होगा, भाजपा ने फिर अलापा आदिवासी राग
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29 सीटों पर आदिवासी मतदाता ही भाग्य विधाता: 2023 में छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 34 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए रिजर्व थीं, जो परिसीमन के बाद 29 रह गईं. 2003 से लेकर 2013 तक हुए तीन विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटर्स का रुझान भाजपा की ओर रहा. यही वजह है कि भाजपा 15 साल तक छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज रही. इसके बाद आदिवासी कांग्रेस की ओर मुड़े तो सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ और भूपेश बघेल सीएम बने. इन 29 सीटों में से 27 सीट फिलहाल कांग्रेस के पास है. अब कांग्रेस के खाते से भी आदिवासी वोटर्स के खिसकने का दावा किया जा रहा है.

Chhattisgarh Assembly Elections 2023
अनुसूचित जनजाति सीटों पर वोटर्स का रूझान

आदिवासी समाज पर टिकी हैं हर दल की निगाहें: छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की आबादी करीब 80 लाख है. इनमें से लगभग 87 परसेंट आदिवासी बस्तर और सरगुजा के ही हैं. बाकी के 13 परसेंट सूबे से मैदानी इलाकों में बसे हैं. इन 80 लाख की आबादी में 54 लाख मतदाता हैं. 2018 के चुनाव में 40 लाख यानी करीब 75 परसेंट ने मताधिकार का इस्तेमाल किया. कांग्रेस के खाते में 24 लाख आए. वहीं भाजपा को 14 लाख और जोगी कांग्रेस के 2 लाख आदिवासी वोट मिले. आदिवासी वोट की बदौलत ही कांग्रेस छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज हुई. यही कारण है कि विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर अभी से ही हर दल की निगाहें आदिवासी वोट पर है.

चुनाव लड़ने और नई पार्टी के गठन को लेकर बोले अरविंद नेताम

कांकेर: वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सूबे की सियासत भी गरमाई हुई है. भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर आदिवासियों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं. आदिवासी वोट खिसकने की टेंशन में दोनों ही दल एक दूसरे पर तीखा हमला भी बोल रहे हैं. इस बीच शनिवार को कांकेर पहुंचे सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद नेताम ने बड़ी घोषणा कर दी. अरविंद नेताम ने अपनी नई पार्टी का ऐलान किया. पार्टी का नाम उन्होंने हमर राज पार्टी रखा है. साथ ही बसपा और सीपीआई से गठबंधन कर चुनाव लड़ने की भी बात कही.

कांग्रस से इस्तीफे की बताई बड़ी वजह: विश्व आदिवासी दिवस के दिन अरविंद नेताम ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. इसे लेकर अरविंद नेताम ने कहा कि कोई एक कारण नहीं है. छत्तीसगढ़ में बहुत से जो कानून आदिवासियों के लिए बने हैं, उसकी अवहेलना हो रही है. संवैधानिक अधिकारों की अवहेलना, जो इस समय हो रही है वो इससे पहले कभी नहीं हुई. कानून को लागू करना शासन और प्रशासन का काम है. लेकिन दोनों ही कानून के खिलाफ काम कर रहे हैं. सर्व आदिवासी समाज 20 सालों से अपने अधिकारों को लेकर आवाज उठा रहा है, जिसे सरकार दरकिनार कर रही है. कभी गंभीरता से नहीं लिया. जब समाज के मुद्दों का निराकरण नहीं हुआ तो समाज ने निर्णय लिया कि अब समाज चुनाव लड़ेगा.

नेताम ने बढ़ाई कांग्रेस और बीजेपी की टेंशन: सर्व आदिवासी समाज छ्त्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद नेताम ने हाल ही में 50 से ज्यादा सीटों पर समाज की ओर से प्रत्याशी उतारने का दावा किया था. आदिवासी हितों के साथ दूसरे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की भी बात कही थी. नई पार्टी के ऐलान के साथ ही बसपा और सीपीआई के साथ गठबंधन का ऐलान कर अरविंद नेताम ने भाजपा और कांग्रेस दोनों की ही टेंशन बढ़ा दी है.

चुनाव आयोग में चल रही प्रक्रिया, जल्द मिलेगा चुनाव चिन्ह: अरविंद नेताम ने कहा 'हमर राज पार्टी के नाम से चुनाव आयोग को सुझाव दिया है. यह प्रक्रिया में भी है. पार्टी के नाम की घोषणा होने के बाद चुनाव चिन्ह भी आएगा.' उन्हेंने कहा कि 'बहुजन समाज पार्टी और सीपीआई के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सभी 29 एसटी सीटों पर दोनों पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा.' नेताम के इस बयान का बसपा ने भी समर्थन किया है. पार्टी का कहना है कि हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

हमर राज पार्टी के नाम से सुझाव दिया है. इलेक्शन कमीशन के पास प्रक्रिया है. जल्द हो जाएगा. -अरविंद नेताम, प्रदेश अध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज, छत्तीसगढ़

बिल्कुल सर्व आदिवासी समाज के साथ बातचीत चल रही है. हम समाज के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. जहां सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे, वहां हमारी पार्टी प्रत्याशी नहीं उतारेगी. हेमंत पोयम, अध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी

Arvind Netam: अरविंद नेताम ने पार्टी छोड़ी, कांग्रेस ने कहा- फायदा होगा, भाजपा ने फिर अलापा आदिवासी राग
Chhattisgarh Election 2023 ST Seats Calculation: बीजेपी और कांग्रेस की बढ़ गई टेंशन, विधानसभा चुनाव में क्यों हुंकार भरने को तैयार हैं आदिवासी ?
Arvind Netam: अरविंद नेताम ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, छत्तीसगढ़ में अब इस्तीफे पर सियासी घमासान

29 सीटों पर आदिवासी मतदाता ही भाग्य विधाता: 2023 में छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 34 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए रिजर्व थीं, जो परिसीमन के बाद 29 रह गईं. 2003 से लेकर 2013 तक हुए तीन विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटर्स का रुझान भाजपा की ओर रहा. यही वजह है कि भाजपा 15 साल तक छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज रही. इसके बाद आदिवासी कांग्रेस की ओर मुड़े तो सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ और भूपेश बघेल सीएम बने. इन 29 सीटों में से 27 सीट फिलहाल कांग्रेस के पास है. अब कांग्रेस के खाते से भी आदिवासी वोटर्स के खिसकने का दावा किया जा रहा है.

Chhattisgarh Assembly Elections 2023
अनुसूचित जनजाति सीटों पर वोटर्स का रूझान

आदिवासी समाज पर टिकी हैं हर दल की निगाहें: छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की आबादी करीब 80 लाख है. इनमें से लगभग 87 परसेंट आदिवासी बस्तर और सरगुजा के ही हैं. बाकी के 13 परसेंट सूबे से मैदानी इलाकों में बसे हैं. इन 80 लाख की आबादी में 54 लाख मतदाता हैं. 2018 के चुनाव में 40 लाख यानी करीब 75 परसेंट ने मताधिकार का इस्तेमाल किया. कांग्रेस के खाते में 24 लाख आए. वहीं भाजपा को 14 लाख और जोगी कांग्रेस के 2 लाख आदिवासी वोट मिले. आदिवासी वोट की बदौलत ही कांग्रेस छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज हुई. यही कारण है कि विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर अभी से ही हर दल की निगाहें आदिवासी वोट पर है.

Last Updated : Aug 12, 2023, 3:48 PM IST
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