कांकेर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के पहले चरण का मतदान 07 नवम्बर को सम्पन्न हुआ था. मतदान के दिन पुलिस और नक्सलियों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें घटना स्थल पर मौजूद एक किसान को गोली लग गई थी. जिसे इलाज के लिए रायपुर भी लाया गया था. लेकिन आज घायल किसान दोगे राम तिम्माव ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
कैसे हुआ था घायल? : दरअसल, 7 नवंबर को मतदान शांतिपूर्ण तरीके से कराने बीएसएफ के जवान जंगल में सर्चिंग कर रहे थे. इस बीच उलिया के जंगल में बीएसएफ जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई. इसी बीच जंगल में मवेशी चरा रहे किसान को पेट में गोली लगी और वह घायल हो गया था. मुठभेड़ थमते तक किसान जंगल में ही कराहते, चिल्लाते रहा. कुछ समय बाद जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई, तो वाहन के जरिये घायल किसान को बांदे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे कांकेर रेफर किया गया. हालत गम्भीर होने के चलते कांकेर से उसे रायपुर लाया गया. लेकिन इलाज के दौरान किसान दोगे राम की मौत हो गई.
ग्रामीण को आखिर किसकी गोली लगी? : मुठभेड़ के कुछ देर बाद ही पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए दावा किया था कि उलिया में हुए मुठभेड़ में कुछ नक्सलियों को गोली लगने से वे घायल हो गए हैं. साथ ही कुछ के मारे जाने की भी संभावना जताई गई थी. अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर पुलिस के दावे के अनुसार घायल नक्सली कहां है? इतना ही नहीं इधर जिस ग्रामीण को गोली लगी है, उसे लेकर भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर उसे किसकी गोली लगी है, यह जांच का विषय है.
बता दें, पहले चरण के मतदान में कई क्षेत्रों में नक्सलियों ने वोटिंग के दौरान बाधा डालने की कोशिश की. हालांकि लोगों ने बढ़ चढ़ कर लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लिया. मतदान से एक दिन पहले कांकेर के रेंगावही मतदान केंद्र के पास आईईडी ब्लास्ट हो गया था. इसके बावजूद यहां लोगों ने मतदान किया. इसके बाद मतदान कर्मी जब वापस पंखाजूर पहुंचे, तो उनका पुलिस अधीक्षक ने सम्मान किया था. इस मुठभेड़ में बीएसएफ का एक जवान भी शहीद हो गया था.