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Kanker district administration :तमिलनाडु में बंधक 15 मजदूरों को कांकेर प्रशासन ने छुड़ाया

भोले भाले ग्रामीणों को सपने दिखाकर दलाल दूसरे राज्यों में ले जाकर फंसा देते हैं. उस राज्य के ठेकेदार से पैसे लेकर दलाल तो भाग जाता है,लेकिन मजदूर फैक्ट्री में बंधक बनकर रह जाते हैं. कांकेर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. इस बार कांकेर जिला प्रशासन ने 15 बंधक मजदूरों को छुड़ाया है.

Kanker district administration
बंधक मजदूरों का हुआ रेस्क्यू
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Published : Mar 22, 2023, 3:46 PM IST

Updated : Mar 22, 2023, 7:59 PM IST

तमिलनाडु में बंधक मजदूर छूटे

कांकेर : जिले से तमिलनाडु काम करने गए 15 मजदूरों की प्रशासन ने सुरक्षित घर वापसी कराई है. सभी मजदूर तमिलनाडु के करुल में मच्छरदानी फैक्ट्री में काम कर रहे थे. जिसमें छह नाबालिग भी शामिल हैं. जिला पंचायत CEO सुमित अग्रवाल ने बताया कि '' बीते 4 महीने से सभी को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा था. परेशान मजदूर घर वापस आना चाहते थे. लेकिन कोई मदद नहीं मिलने से परेशान थे. इसी बीच, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव को इनकी जानकारी मिली. उन्होंने प्रशासन को इस खबर से अवगत कराया. प्रशासन ने देरी ना करते हुए, महिला बाल विकास, श्रम विभाग और पुलिस की टीम तमिलनाडु रवाना की.जहां से सभी को सकुशल वापस लाया गया.'' मजदूरों की रिहाई बुधवार को हुई.

मजदूरों को दिलाई गई मजदूरी : जिला प्रशासन की टीम ने मजदूरों को उनके कार्यों की राशि 3 लाख 32 हजार रुपये का भी भुगतान कराया. इस पर प्रशासन का कहना है कि '' सभी का तत्काल रजिस्ट्रेशन किया गया है. अब सभी लोगों को अलग अलग योजनाओं के तहत लाभ देकर रोजगार दिलाया जाएगा. इससे पहले 9 मार्च को जिला प्रशासन ने 6 बालिग और 4 नाबालिग व्यक्तियों को तमिलनाडु से रेस्क्यू कर वापस लाने का काम किया था.''

ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र के सोलापुर में कांकेर के मजदूरों को बनाया गया बंधक

कांकेर जिले में ही मिलेगा रोजगार : कांकेर जिला प्रशासन ने मजदूरों को समझाइश दी है कि, शासन के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत जुड़कर सभी अपने जिले में ही काम करें. इससे, वे लोग अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसी को दूसरे राज्य जाने की आवश्यकता नहीं है.

तमिलनाडु में बंधक मजदूर छूटे

कांकेर : जिले से तमिलनाडु काम करने गए 15 मजदूरों की प्रशासन ने सुरक्षित घर वापसी कराई है. सभी मजदूर तमिलनाडु के करुल में मच्छरदानी फैक्ट्री में काम कर रहे थे. जिसमें छह नाबालिग भी शामिल हैं. जिला पंचायत CEO सुमित अग्रवाल ने बताया कि '' बीते 4 महीने से सभी को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा था. परेशान मजदूर घर वापस आना चाहते थे. लेकिन कोई मदद नहीं मिलने से परेशान थे. इसी बीच, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव को इनकी जानकारी मिली. उन्होंने प्रशासन को इस खबर से अवगत कराया. प्रशासन ने देरी ना करते हुए, महिला बाल विकास, श्रम विभाग और पुलिस की टीम तमिलनाडु रवाना की.जहां से सभी को सकुशल वापस लाया गया.'' मजदूरों की रिहाई बुधवार को हुई.

मजदूरों को दिलाई गई मजदूरी : जिला प्रशासन की टीम ने मजदूरों को उनके कार्यों की राशि 3 लाख 32 हजार रुपये का भी भुगतान कराया. इस पर प्रशासन का कहना है कि '' सभी का तत्काल रजिस्ट्रेशन किया गया है. अब सभी लोगों को अलग अलग योजनाओं के तहत लाभ देकर रोजगार दिलाया जाएगा. इससे पहले 9 मार्च को जिला प्रशासन ने 6 बालिग और 4 नाबालिग व्यक्तियों को तमिलनाडु से रेस्क्यू कर वापस लाने का काम किया था.''

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कांकेर जिले में ही मिलेगा रोजगार : कांकेर जिला प्रशासन ने मजदूरों को समझाइश दी है कि, शासन के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत जुड़कर सभी अपने जिले में ही काम करें. इससे, वे लोग अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसी को दूसरे राज्य जाने की आवश्यकता नहीं है.

Last Updated : Mar 22, 2023, 7:59 PM IST
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