कांकेर: पत्रकारों पर हुए हमले के मामले में प्रदेश भर के पत्रकारों में भारी आक्रोश को देखने को मिल रहा है. पूर्व कांग्रेसी नेताओं पर हमले का आरोप है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने 4 सदस्यीय जांच टीम कांकेर भेजी थी. लेकिन जांच समिति के आश्वसान से पत्रकार संतुष्ट नहीं हैं. 2 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में प्रदेश भर के पत्रकार सीएम निवास का घेराव करेंगे.
कांग्रेस की चार सदस्यीय जांच टीम जिसमें संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद, जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन, और प्रदेश महामंत्री रवि घोष शामिल थे. जांच कमेटी ने पहले पत्रकार कमल शुक्ला से उनके निवास में जाकर उनका हालचाल जाना. घटना से संबंधित जानकारी भी ली गई. इस दौरान कमल शुक्ला ने घटना से के तमाम वीडियो फुटेज की सीडी सबूत के तौर पर जांच दल को सौंपा है.
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20 पन्ने का ज्ञापन सौंपा
कमल शुक्ला ने 20 पन्ने का ज्ञापन भी जांच दल की सौंपा है. जिसमे घटना के बाद आक्रोशित पत्रकारों की मांग शामिल है. कमल शुक्ला ने अपनी मांगों में कलेक्टर और एसपी के तत्काल तबादले और मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकर राजेश तिवारी से त्याग पत्र लेने, हमले में शामिल कांग्रेसियों को तत्काल पार्टी से बर्खास्त कर धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जेल भेजने की मांगे रखी है.
जांच दल पर भड़के पत्रकार
कांग्रेस के जांच दल ने रेस्ट हाउस में घटना के साक्षी रहे पत्रकारों से भी चर्चा की. इस दौरान जांच दल ने जांच के लिए समय मांगने पर पत्रकार भड़क गए. पत्रकारों ने जिले के कलेक्टर और एसपी को गुरुवार रात तक हटाने की चेतवानी दी है. कांकेर प्रेस क्लब ने बयान जारी करते हुए बताया कि 2 अक्टूबर को रायपुर में होने वाला आंदोलन तय है. कुछ लोगों की ओर से आंदोलन स्थगित होने की अफवाह उड़ाई जा रही है. लेकिन आंदोलन होकर रहेगा.