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कमाल का है ये हेलमेट, शराब पी रखी हो तो नहीं करने देगा ड्राइविंग, जानें कैसे

कांकेर: सड़क दुर्घटनाओं को संयोग कहें या लोगों की लापरवाही, हर साल न जानें कितने लाखों लोग हादसों के शिकार होते हैं और अपनी जिंदगी गंवा बैठते हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रशासन के कामकाज पर सवाल ही उठते नजर आएंगे.

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Published : Feb 8, 2019, 10:47 PM IST

छात्र

सड़क दुर्घटनाओं को कई तरह से रोकने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन इसका परिणाम उलट ही नजर आ रहा है. सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों के आंकड़े हर साल बढ़ते जा रहे हैं.

वीडियो

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बनाया अनोखा हेलमेट
इन्हीं सड़क दुर्घटनाओं से लोगों की जान की रक्षा हो सके इसलिए कांकेर जिले के केंद्रीय विद्यालय के 11वीं के एक छात्र रूपल देवांगन ने अपने शिक्षक की मदद से एक ऐसा हेलमेट बनाया है, जिससे एक्सीडेंट वाले स्थान पर घायल को तुरंत बिना किसी देर के अस्पताल पहुंचाया जा सकता है.
छात्र ने एक ऐसा हेलमेट बनाया है, जिससे दुर्घटना को रोका जा सकता है. यदि दुर्घटना हो भी जाये तो पुलिस, संजीवनी समेत एक साथ 16 लोगों तक लोकेशन के साथ मैसेज अपने आप सेंड हो जाएंगा, जिससे दुर्घटना में घायल को समय पर इलाज मिल सकेगा और उसकी जान बचाई जा सकेगी.
ये भी है खूबी
रूपल ने अपने शिक्षक की मदद से ये अनोखा हेलमेट बनाया है, जिसे काफी सराहना मिल रही है. ये हेलमेट सेंसर सिस्टम से संचालित होता है. इस हेलमेट में चिप लगे हुए हैं जो कि बाइक में लगे सेंसर से कनेक्ट होगा. इस हेलमेट में एक एल्कोहल सेंसर भी लगा हुआ है, यदि चालक ने अधिक मात्रा में शराब पी रखी होगी तो यह सेंसर उसे भांप लेगा और बाइक चालू ही नहीं होगी.
कुछ इस तरह हेलमेट करेगा काम
इस हेलमेट में लगे चिप का भी काफी महत्व है. यदि बाइक चालक इस हेलमेट को लगाकर बाइक चलाते हैं और वो किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, इस दौरान जैसे ही हेलमेट किसी चीज से टकराएगा बाइक बंद हो जाएगी और जीपीएस के जरिये एक मैसेज लोकेशन के साथ एक साथ 16 लोगों तक सीधे पहुंच जाएगा, जिसमें पुलिस, एम्बुलेंस के नंबर के साथ ही अपने परिचितों के नंबर जोड़े जा सकते हैं.
मिल चुका है पुरुस्कार
वास्तव में इस युवा वैज्ञानिक ने सड़क दुर्घटना को रोकने और दुर्घटना होने पर घायल की जान बचाने के लिए एक सराहनीय पहल की है. रूपल देवांगन ने इस मॉडल को राज्य स्तरीय मॉडल प्रतियोगिता में प्रस्तुत किया था, जहां उन्हें प्रथम पुरस्कार मिला था और अब वो नेशनल स्तर पर देहरादून में इस मॉडल को प्रस्तुत करने वाले हैं.
हेलमेट का फायदा, जब लोग हेलमेट पहनने जागरूक हो
रूपल ने अपनी मेहनत से सड़क दुर्घटना के दौरान बचाव के लिए अनोखा और सराहनीय हेलमेट तो बनाया है, लेकिन उनकी ये मेहनत तभी सफल होगी जब लोग हेलमेट पहनकर जागरूक होंगे.
लोग करते हैं मनमानी
अक्सर देखा जाता है लोग सुरक्षा कारणों से नहीं बल्कि पुलिस के डर से घर से हेलमेट लेकर निकलते हैं और इसे पहनने के बजाय साथ लेकर घूमते हैं. जहां पुलिस देखी वहां हेलमेट लगा लेते हैं फिर हेलमेट मात्र बाइक में लटककर उसकी शोभा बढ़ाने का काम ही करते हैं.
इस हेलमेट की खासियत यह भी है कि यदि इसे एक बार बाइक से सेंसर के जरिये कनेक्ट कर दिया जाता है तो जब तक आप इस हेलमेट को पहनेंगे नहीं आपकी बाइक चालू भी नहीं होगी.

सड़क दुर्घटनाओं को कई तरह से रोकने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन इसका परिणाम उलट ही नजर आ रहा है. सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों के आंकड़े हर साल बढ़ते जा रहे हैं.

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बनाया अनोखा हेलमेट
इन्हीं सड़क दुर्घटनाओं से लोगों की जान की रक्षा हो सके इसलिए कांकेर जिले के केंद्रीय विद्यालय के 11वीं के एक छात्र रूपल देवांगन ने अपने शिक्षक की मदद से एक ऐसा हेलमेट बनाया है, जिससे एक्सीडेंट वाले स्थान पर घायल को तुरंत बिना किसी देर के अस्पताल पहुंचाया जा सकता है.
छात्र ने एक ऐसा हेलमेट बनाया है, जिससे दुर्घटना को रोका जा सकता है. यदि दुर्घटना हो भी जाये तो पुलिस, संजीवनी समेत एक साथ 16 लोगों तक लोकेशन के साथ मैसेज अपने आप सेंड हो जाएंगा, जिससे दुर्घटना में घायल को समय पर इलाज मिल सकेगा और उसकी जान बचाई जा सकेगी.
ये भी है खूबी
रूपल ने अपने शिक्षक की मदद से ये अनोखा हेलमेट बनाया है, जिसे काफी सराहना मिल रही है. ये हेलमेट सेंसर सिस्टम से संचालित होता है. इस हेलमेट में चिप लगे हुए हैं जो कि बाइक में लगे सेंसर से कनेक्ट होगा. इस हेलमेट में एक एल्कोहल सेंसर भी लगा हुआ है, यदि चालक ने अधिक मात्रा में शराब पी रखी होगी तो यह सेंसर उसे भांप लेगा और बाइक चालू ही नहीं होगी.
कुछ इस तरह हेलमेट करेगा काम
इस हेलमेट में लगे चिप का भी काफी महत्व है. यदि बाइक चालक इस हेलमेट को लगाकर बाइक चलाते हैं और वो किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, इस दौरान जैसे ही हेलमेट किसी चीज से टकराएगा बाइक बंद हो जाएगी और जीपीएस के जरिये एक मैसेज लोकेशन के साथ एक साथ 16 लोगों तक सीधे पहुंच जाएगा, जिसमें पुलिस, एम्बुलेंस के नंबर के साथ ही अपने परिचितों के नंबर जोड़े जा सकते हैं.
मिल चुका है पुरुस्कार
वास्तव में इस युवा वैज्ञानिक ने सड़क दुर्घटना को रोकने और दुर्घटना होने पर घायल की जान बचाने के लिए एक सराहनीय पहल की है. रूपल देवांगन ने इस मॉडल को राज्य स्तरीय मॉडल प्रतियोगिता में प्रस्तुत किया था, जहां उन्हें प्रथम पुरस्कार मिला था और अब वो नेशनल स्तर पर देहरादून में इस मॉडल को प्रस्तुत करने वाले हैं.
हेलमेट का फायदा, जब लोग हेलमेट पहनने जागरूक हो
रूपल ने अपनी मेहनत से सड़क दुर्घटना के दौरान बचाव के लिए अनोखा और सराहनीय हेलमेट तो बनाया है, लेकिन उनकी ये मेहनत तभी सफल होगी जब लोग हेलमेट पहनकर जागरूक होंगे.
लोग करते हैं मनमानी
अक्सर देखा जाता है लोग सुरक्षा कारणों से नहीं बल्कि पुलिस के डर से घर से हेलमेट लेकर निकलते हैं और इसे पहनने के बजाय साथ लेकर घूमते हैं. जहां पुलिस देखी वहां हेलमेट लगा लेते हैं फिर हेलमेट मात्र बाइक में लटककर उसकी शोभा बढ़ाने का काम ही करते हैं.
इस हेलमेट की खासियत यह भी है कि यदि इसे एक बार बाइक से सेंसर के जरिये कनेक्ट कर दिया जाता है तो जब तक आप इस हेलमेट को पहनेंगे नहीं आपकी बाइक चालू भी नहीं होगी.
Intro:डीएफओ के रवैये से नाराज वन कर्मियीं ने घेरा दफ्तर...

सुकमा. मैदानी अमला और कार्यालयीन कर्मचारियों के प्रति रवैया अलग-अलग होने और वन कर्मचारियों की मांगो को लगातार नजरन्दाज किये जाने से नाराज वन कर्मचारियीं ने बुधवार को वन मंडल अधिकारी कृष्ण कुमार बढ़ाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

डीएफओ को तानाशाह रवैया और मनमानी का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ के बैनर तले कमर्चारियों ने रैली निकाली। वन काष्ठागार से कर्मचारियों ने रैली का आयोजन किया। जो नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए डीएफओ दफ्तर पहुचा। यहां कार्यालय का घेराव करते हुए डीएफओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सुकमा एसडीओ को सौंपते हुए 18 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया।

मैदानी कर्मचारियों के प्रति डीएफओ का रवैया ठीक नही...
छग वन कर्मचारियों संघ के संभागीय अध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने कहा कि डीएफओ केआर बढ़ाई का मैदानी और कार्यालयीन कर्मचारियों के प्रति अलग-अलग व्यवहार रहता है। वहीं कर्मचारियों की जायज मांगो को वनमंडल अधिकारी लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

नियम विरूद्ध कर्मचारियों का स्थानान्तरण...
छग वन कर्मचारियों संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अमित झा ने कहा कि डीएफओ केआर बढ़ाई द्वारा नियम विरुद्ध और द्वेषभावना से प्रेरित होकर कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जा रहा है जबकि ट्रांसफर के लिए प्रधान वन संरक्षक रायपुर की अनुशंसा जरूरी है। सुकमा वनमंडल में भारी भर्रासायी है। अपनी निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए वन कर्मचारियों का स्थानंतरण किया जा रहा है।

ड्यूटी करने के बाद भी वेतन कटौती की जा रही...
छग वन कर्मचारियों संघ के सुकमा जिला अध्यक्ष एसएल एडला ने कहा कि विगत एक वर्ष से वनमंडल अधिकारी द्वारा तानाशाह रवैया अपनाया जा रहा है। ड्यूटी करने के बाद भी कर्मचारियों को अनुपस्थित बताते हुए वेतन की कटौति की जा रही है। अनिल कुमार तेता और माड़वी नंदा को नियम विरुद्ध निलंबित कर बहाल किया गया है। उक्त दोनों कर्मचारियों के निलंबन अवधि का वेतन पारित नही किया गया है।





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