CCHF Case : भारत में क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार- CCHF एक का मामला समाने आया है. पीड़ित महिला की मौत हो चुकी है. करीब पांच साल बाद जोधपुर में एक बार फिर Crimean-Congo hemorrhagic fever का मामला समाने आया है. अहमदबाद से रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमा मृतका के निवास स्थान पर पहुंचा है. आसपास के लोगों और परिजनों के खून के सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं.
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. प्रीतम सिंह ने बताया कि जोधपुर ग्रामीण क्षेत्र के नांदडा कलां निवासी 51 वर्षीय महिला गत दिनों बीमार हुई थी, जिसे परिजन उपचार के लिए अहमदाबाद लेकर गए थे. वहां पर उसका निधन हो गया. परिजनों ने शव को गांव लाकर अंतिम संस्कार कर दिया है. पूणे से कांगो फीवर की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद क्षेत्र से सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं. Dr. Pritam Singh ने बताया कि पशुओं की भी जांच की जा रही है. मृतक महिला पशुपालन से जुड़ी हुई थी. पशुओं के साथ रहने वालों को कांगाे फीवर का खतरा अधिक होता है. पशुओं की चमड़ी से चिपके रहने वाला 'हिमोरल' नामक परजीवी इस रोग का वाहक है.
Jodhpur, Rajasthan: Dr. Pritam Singh, Deputy CMHO, says, " as per a report received from jaipur, a 51-year-old woman, a resident of jodhpur, passed away while undergoing treatment at a private hospital... a sample was sent to niv pune, which tested positive for cchf (crimean-congo… pic.twitter.com/6C5lwQFtVK
— IANS (@ians_india) October 9, 2024
लक्षण : विश्व स्वास्थ्य संगठन- WHO के मुताबिक कांगो फीवर से संक्रमित होने पर बुखार के एहसास के साथ शरीर की मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना, गर्दन में दर्द, पीठ में दर्द और सिर में दर्द, आंखों में जलन और फोटोफोबिया (प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता) जैसे लक्षण पाए जाते हैं. शुरुआत में दस्त, पेट में दर्द, मतली, उल्टी और गले में खराश हो सकती है.
2014 में आया था पहला मामला : जोधपुर में साल 2014 में पहला केस क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिकफीवर (सीसीएचएफ) का आया था, जिसमें रेजिडेंसी रोड स्थित निजी अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को कांगो हुआ और मौत हो गई थी. इसके बाद 2019 में तीन बच्चों में लक्षण नजर आए थे. साथ ही एम्स में दो रोगियों की मौत हुई थी. अब पांच साल बाद जोधपुर से सटे नांदडा गांव में मामला समाने आया है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है.
इलाज और सावधानी : CCHF के खिलाफ मानव या पशु उपयोग के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं हैं. लोगों में संक्रमण को कम करने का एकमात्र तरीका CCHF के जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. सुरक्षात्मक कपड़े पहनना, टिक रिपेलेंट्स (प्रतिकारक) का उपयोग करना और टिक्स को जल्दी और सही तरीके से हटाना ही CCHF को रोकने के सर्वोत्तम तरीके हैं.
Ref.--
https://www.ecdc.europa.eu/en/crimean-congo-haemorrhagic-fever
https://www.who.int/health-topics/crimean-congo-haemorrhagic-fever#tab=tab_3
डिस्कलेमर :-- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले, विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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