कांकेर: भ्रष्टाचारियों ने दिव्यांगों को भी नहीं छोड़ा, अब उनके हिस्से के तहत मिलने वाले रियायतों और सुविधाओं में भी डाका डालने का काम कर रहे हैं. पूरा मामला कांकेर का है जहां नगर पालिका कॉम्पलेक्स में दिव्यांग कोटे की तहत दुकान को गलत तरीके से दूसरे को आवंटित किया गया. यह सब साल 2004 में हुआ. दिव्यांग कोटे की दुकान को गलत तरीके से दूसरे व्यक्ति को आबंटन करने के मामले में पूर्व प्रभारी सीएमओ, लिपिक और व्यापारी के खिलाफ नगर पालिका के वर्तमान सीएमओ सौरभ तिवारी ने कोतवाली थाना में FIR दर्ज करवाई है.
15 साल पुराना मामला
दरअसल नए बस स्टैंड स्थित रजबंधा कॉम्प्लेक्स के दुकान की नीलामी के दौरान दुकान नंबर A 19 और C 49 दिव्यांग कोटे के लिए आरक्षित था. दोनों दुकान के लिए व्यापारी राम निवास अग्रवाल ने अपनी बहू ऋषि कुमारी अग्रवाल के नाम से बोली लगाई थी और बहू के पास विकलांग प्रमाण पत्र भी सलग्न नहीं किया था. इसके बाद दुकान 2009 तक उसके नाम पर रही, इसके बाद 2009 में उमाशंकर सिंह सिर्फ तीन दिन के लिए नपा सीएमओ के प्रभार पर थे तब उन्होंने लिपिक त्रिभुवन सिंह के साथ मिलकर व्यापारी राम निवास के कहने पर दुकान उसके नाम पर ट्रांसफर कर दी.
कोर्ट में जाने के बाद मामले का हुआ खुलासा
मामले का खुलासा तब हुआ जब ऋषि कुमारी अग्रवाल ने दुकान अपने ससुर राम निवास के नाम करने के मामले को कोर्ट में चुनौती दी तब कोर्ट के नोटिस पर नगर पालिका ने दुकान सील कर दी थी, अब कोर्ट ने नगर पालिका को ऋषि कुमारी अग्रवाल को दुकान नीलामी के दौरान अदा की गई रकम के बदले 6 लाख रुपये देने का आदेश दिया है. जिसके बाद नपा को वर्तमान सीएमओ सौरभ तिवारी मे दुकान आबंटन के फाइल की जांच पड़ताल पर मामले में प्रभारी सीएमओ उमाशंकर, लिपिक त्रिभुवन सिंह और व्यापारी राम निवास के खिलाफ धारा 420, 120 बी के तहत अपराध दर्ज करवाया है.
पढ़ें- नारायणपुर : BSF को मिली बड़ी सफलता, 3 नक्सलियों को किया गिरफ्तार
महिला ने किया था कोर्ट में दावा
वहीं नपा सीएमओ सौरभ तिवारी ने बताया कि महिला ने कोर्ट में दावा किया था, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है. विकलांग कोटे की दुकान को गलत तरीके से आबंटन किया गया था, जिसमें शामिल लोगों के खिलाफ थाने में शिकयत दर्ज करवाई गई है.