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कांकेर: दिव्यांग कोटे के दुकान आबंटन में गड़बड़ी, 15 साल बाद FIR दर्ज

विकलांग कोटे की दुकान किसी और के नाम करने के मामले में कोर्ट ने नगर पालिका को ऋषि कुमारी अग्रवाल को दुकान नीलामी के दौरान अदा की गई रकम के साथ 6 लाख रूपय देने का आदेश दिया है.

विकलांग कोटे के दुकान आबंटन में गड़बड़ी
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Published : Nov 2, 2019, 5:29 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 7:25 PM IST

कांकेर: भ्रष्टाचारियों ने दिव्यांगों को भी नहीं छोड़ा, अब उनके हिस्से के तहत मिलने वाले रियायतों और सुविधाओं में भी डाका डालने का काम कर रहे हैं. पूरा मामला कांकेर का है जहां नगर पालिका कॉम्पलेक्स में दिव्यांग कोटे की तहत दुकान को गलत तरीके से दूसरे को आवंटित किया गया. यह सब साल 2004 में हुआ. दिव्यांग कोटे की दुकान को गलत तरीके से दूसरे व्यक्ति को आबंटन करने के मामले में पूर्व प्रभारी सीएमओ, लिपिक और व्यापारी के खिलाफ नगर पालिका के वर्तमान सीएमओ सौरभ तिवारी ने कोतवाली थाना में FIR दर्ज करवाई है.

दिव्यांग कोटे के दुकान आबंटन में गड़बड़ी, 15 साल बाद FIR दर्ज

15 साल पुराना मामला
दरअसल नए बस स्टैंड स्थित रजबंधा कॉम्प्लेक्स के दुकान की नीलामी के दौरान दुकान नंबर A 19 और C 49 दिव्यांग कोटे के लिए आरक्षित था. दोनों दुकान के लिए व्यापारी राम निवास अग्रवाल ने अपनी बहू ऋषि कुमारी अग्रवाल के नाम से बोली लगाई थी और बहू के पास विकलांग प्रमाण पत्र भी सलग्न नहीं किया था. इसके बाद दुकान 2009 तक उसके नाम पर रही, इसके बाद 2009 में उमाशंकर सिंह सिर्फ तीन दिन के लिए नपा सीएमओ के प्रभार पर थे तब उन्होंने लिपिक त्रिभुवन सिंह के साथ मिलकर व्यापारी राम निवास के कहने पर दुकान उसके नाम पर ट्रांसफर कर दी.

कोर्ट में जाने के बाद मामले का हुआ खुलासा

मामले का खुलासा तब हुआ जब ऋषि कुमारी अग्रवाल ने दुकान अपने ससुर राम निवास के नाम करने के मामले को कोर्ट में चुनौती दी तब कोर्ट के नोटिस पर नगर पालिका ने दुकान सील कर दी थी, अब कोर्ट ने नगर पालिका को ऋषि कुमारी अग्रवाल को दुकान नीलामी के दौरान अदा की गई रकम के बदले 6 लाख रुपये देने का आदेश दिया है. जिसके बाद नपा को वर्तमान सीएमओ सौरभ तिवारी मे दुकान आबंटन के फाइल की जांच पड़ताल पर मामले में प्रभारी सीएमओ उमाशंकर, लिपिक त्रिभुवन सिंह और व्यापारी राम निवास के खिलाफ धारा 420, 120 बी के तहत अपराध दर्ज करवाया है.

पढ़ें- नारायणपुर : BSF को मिली बड़ी सफलता, 3 नक्सलियों को किया गिरफ्तार

महिला ने किया था कोर्ट में दावा
वहीं नपा सीएमओ सौरभ तिवारी ने बताया कि महिला ने कोर्ट में दावा किया था, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है. विकलांग कोटे की दुकान को गलत तरीके से आबंटन किया गया था, जिसमें शामिल लोगों के खिलाफ थाने में शिकयत दर्ज करवाई गई है.

कांकेर: भ्रष्टाचारियों ने दिव्यांगों को भी नहीं छोड़ा, अब उनके हिस्से के तहत मिलने वाले रियायतों और सुविधाओं में भी डाका डालने का काम कर रहे हैं. पूरा मामला कांकेर का है जहां नगर पालिका कॉम्पलेक्स में दिव्यांग कोटे की तहत दुकान को गलत तरीके से दूसरे को आवंटित किया गया. यह सब साल 2004 में हुआ. दिव्यांग कोटे की दुकान को गलत तरीके से दूसरे व्यक्ति को आबंटन करने के मामले में पूर्व प्रभारी सीएमओ, लिपिक और व्यापारी के खिलाफ नगर पालिका के वर्तमान सीएमओ सौरभ तिवारी ने कोतवाली थाना में FIR दर्ज करवाई है.

दिव्यांग कोटे के दुकान आबंटन में गड़बड़ी, 15 साल बाद FIR दर्ज

15 साल पुराना मामला
दरअसल नए बस स्टैंड स्थित रजबंधा कॉम्प्लेक्स के दुकान की नीलामी के दौरान दुकान नंबर A 19 और C 49 दिव्यांग कोटे के लिए आरक्षित था. दोनों दुकान के लिए व्यापारी राम निवास अग्रवाल ने अपनी बहू ऋषि कुमारी अग्रवाल के नाम से बोली लगाई थी और बहू के पास विकलांग प्रमाण पत्र भी सलग्न नहीं किया था. इसके बाद दुकान 2009 तक उसके नाम पर रही, इसके बाद 2009 में उमाशंकर सिंह सिर्फ तीन दिन के लिए नपा सीएमओ के प्रभार पर थे तब उन्होंने लिपिक त्रिभुवन सिंह के साथ मिलकर व्यापारी राम निवास के कहने पर दुकान उसके नाम पर ट्रांसफर कर दी.

कोर्ट में जाने के बाद मामले का हुआ खुलासा

मामले का खुलासा तब हुआ जब ऋषि कुमारी अग्रवाल ने दुकान अपने ससुर राम निवास के नाम करने के मामले को कोर्ट में चुनौती दी तब कोर्ट के नोटिस पर नगर पालिका ने दुकान सील कर दी थी, अब कोर्ट ने नगर पालिका को ऋषि कुमारी अग्रवाल को दुकान नीलामी के दौरान अदा की गई रकम के बदले 6 लाख रुपये देने का आदेश दिया है. जिसके बाद नपा को वर्तमान सीएमओ सौरभ तिवारी मे दुकान आबंटन के फाइल की जांच पड़ताल पर मामले में प्रभारी सीएमओ उमाशंकर, लिपिक त्रिभुवन सिंह और व्यापारी राम निवास के खिलाफ धारा 420, 120 बी के तहत अपराध दर्ज करवाया है.

पढ़ें- नारायणपुर : BSF को मिली बड़ी सफलता, 3 नक्सलियों को किया गिरफ्तार

महिला ने किया था कोर्ट में दावा
वहीं नपा सीएमओ सौरभ तिवारी ने बताया कि महिला ने कोर्ट में दावा किया था, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है. विकलांग कोटे की दुकान को गलत तरीके से आबंटन किया गया था, जिसमें शामिल लोगों के खिलाफ थाने में शिकयत दर्ज करवाई गई है.

Intro:कांकेर - नगर पालिका के कॉम्पलेक्स में विकलांग कोटे की दुकान को गलत तरीके से दूसरे व्यक्ति को आबंटन करने के मामले में पूर्व प्रभारी सीएमओ , लिपिक और व्यापारी के खिलाफ नगर पालिका के वर्तमान सीएमओ सौरभ तिवारी ने कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज करवाई है । मामला 2004 का है ।


Body:नए बस स्टैंड स्थित रजबन्धा काम्प्लेक्स के दुकान की नीलामी के दौरान दुकान नम्बर ए 19 और सी 49 विकलांग कोटे के लिए आरक्षित था उक्त दोनों दुकान के लिए व्यापारी राम निवास अग्रवाल ने अपनी बहू ऋषि कुमारी अग्रवाल के नाम से बोली लगाई थी और ऋषि कुमारी अग्रवाल का विकलांग प्रमाण पत्र भी सलग्न नही किया था ,इसके बावजूद दुकान 2009 तक उसके नाम पर रही, इसके बाद 2009 में उमाशंकर सिंह सिर्फ तीन दिन के लिए नपा सीएमओ के प्रभार पर थे तब उन्होंने लिपिक त्रिभुवन सिंह के साथ मिलकर व्यपारी राम निवास के कहने पर दुकान उसके नाम पर ट्रांसफर कर दी । मामले का खुलासा तब हुआ जब ऋषि कुमारी अग्रवाल के द्वारा दुकान राम निवास के नाम करने के मामले को कोर्ट में चुनौती दी तब कोर्ट के नोटिस पर नगर पालिका ने दुकान सील कर दी थी, अब कोर्ट ने नगर पालिका को ऋषि कुमारी अग्रवाल को दुकान नीलामी के दौरान अदा की गई रकम 3 लाख 26 हजार 500 रुपये 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ 6 लाख रुपये अदा करने का आदेश दिया है । जिसके बाद नपा के वर्तमान सीएमओ सौरभ तिवारी ने दुकान आबंटन के फ़ाइल की जांच पड़ताल कर मामले में प्रभारी सीएमओ उमाशंकर , लिपिक त्रिभुवन सिंह और व्यपारी राम निवास के ख़िलाफ़ धारा 420, 120 बी के तहत अपराध दर्ज करवाया है ।


Conclusion:नपा सीएमओ सौरभ तिवारी ने बताया कि महिला ने कोर्ट में दावा किया था, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है विकलांग कोटे की दुकान को गलत तरीके से आबंटन किया गया था, जिसमें शामिल लोगों के खिलाफ कोतवाली में शिकयत दर्ज करवाई गई है ।

बाइट - सौरभ तिवारी नपा सीएमओ

यशवंत सिंह उपनिरीक्षक कोतवाली थाना
Last Updated : Nov 2, 2019, 7:25 PM IST
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