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कांकेर में वनकर्मी धरने पर, जंगल की सुरक्षा भगवान भरोसे - छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ का धरना

Forest workers on strike in Kanker: कांकेर में वनकर्मियों के धरने पर रहने से जंगलों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है. वनकर्मी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं.

Forest workers on strike in Kanker
कांकेर में वनकर्मियों की हड़ताल
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Published : Mar 27, 2022, 2:10 PM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ में वन कर्मचारी संघ के आह्वान पर वन कर्मचारी 8 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है. वन कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से वनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. ETV भारत ने कांकेर जिला मुख्यालय में 8 दिनों से बैठे वन कर्मचारियों से बात की. उन्होंने बताया कि बस्तर संभागीय अध्यक्ष ने बताया कि 'प्रदेशभर में दस हजार वन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से वनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. कर्मचारियों ने सरकार से 12 सूत्रीय मांग की थी. लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई है'.

कांकेर में वनकर्मियों की हड़ताल
कांकेर में वनकर्मियों की हड़ताल: छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ द्वारा बीट गार्ड, वनपाल, उपवनपाल, क्षेत्रपाल और वन क्षेत्रपाल के पद नाम में संशोधन करने की मांग किया गया था. जिसे वन विभाग ने संशोधन किया है. संशोधन के बाद अब वनरक्षक और बीड गार्ड को फॉरेस्ट ऑफिसर वनपाल को सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसर, उपवनक्षेत्रपाल को सीनियर सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसर और वन क्षेत्रपाल को ऑरेंज फॉरेस्ट ऑफिसर के नाम से जाना जाएगा.

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छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने बताया कि छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के बैनर तले 21 मार्च 2022 से प्रदेश भर के करीब दस हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. हड़ताल के कारण जंगल में अवैध कटाई का खतरा बढ़ गया है. गर्मी के दिनों में जंगलों में आग भभक रही है. लेकिन कर्मचारियों के हड़ताल में जाने के कारण आग बुझ नहीं पा रही है. अगर हड़ताल लंबे समय तक चला तो नुकसान होना तय है. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से वनों की सुरक्षा खतरे में है. इसके अलावा वन कार्यालय और जंगलों का कामकाज ठप्प हो गया है.

कांकेर: छत्तीसगढ़ में वन कर्मचारी संघ के आह्वान पर वन कर्मचारी 8 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है. वन कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से वनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. ETV भारत ने कांकेर जिला मुख्यालय में 8 दिनों से बैठे वन कर्मचारियों से बात की. उन्होंने बताया कि बस्तर संभागीय अध्यक्ष ने बताया कि 'प्रदेशभर में दस हजार वन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से वनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. कर्मचारियों ने सरकार से 12 सूत्रीय मांग की थी. लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई है'.

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कांकेर में वनकर्मियों की हड़ताल: छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ द्वारा बीट गार्ड, वनपाल, उपवनपाल, क्षेत्रपाल और वन क्षेत्रपाल के पद नाम में संशोधन करने की मांग किया गया था. जिसे वन विभाग ने संशोधन किया है. संशोधन के बाद अब वनरक्षक और बीड गार्ड को फॉरेस्ट ऑफिसर वनपाल को सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसर, उपवनक्षेत्रपाल को सीनियर सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसर और वन क्षेत्रपाल को ऑरेंज फॉरेस्ट ऑफिसर के नाम से जाना जाएगा.

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छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने बताया कि छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के बैनर तले 21 मार्च 2022 से प्रदेश भर के करीब दस हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. हड़ताल के कारण जंगल में अवैध कटाई का खतरा बढ़ गया है. गर्मी के दिनों में जंगलों में आग भभक रही है. लेकिन कर्मचारियों के हड़ताल में जाने के कारण आग बुझ नहीं पा रही है. अगर हड़ताल लंबे समय तक चला तो नुकसान होना तय है. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से वनों की सुरक्षा खतरे में है. इसके अलावा वन कार्यालय और जंगलों का कामकाज ठप्प हो गया है.

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