कांकेर: छतीसगढ़ से बड़ी संख्या में जवान आर्मी में हैं. जिसमें से कई ऐसे जवान हैं, जो अपने माता-पिता के एकलौते बेटे हैं और उनके बुढ़ापा का सहारा है. लेकिन वो देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात हैं. ऐसे माता-पिता जिन्होंने अपनी एकलौती संतान को देश की रक्षा में सीमा पर भेजा है, उन्हें शासन की तरफ से हर साल 'जंगी इनाम' के तौर पर 5 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है.
युवाओं को दिया जाएगा प्रोत्साहन
जिले में अबतक 58 ऐसे माता-पिता हैं, जिन्होंने अपनी एकलौते बेटे को देश की रक्षा के लिए भेज दिया है. ऐसे माता-पिता को जंगी इनाम से पहले ही सम्मानित किया जा चुका है. सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी बताते हैं कि यह योजना देश की रक्षा में लगे तैनात जवानों का हौसला बढ़ाएगा. साथ ही युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा. कई युवा सेना में जाना तो चाहते हैं, लेकिन यह सोचकर अपना इरादा बदल लेते हैं कि वो अपनी माता-पिता की एकलौती संतान हैं. ज्यादातर युवा ये सोचते हैं कि उनके जाने के बाद उनके मां-बाप का क्या होगा. इन सभी स्थिति को देखते हुए छतीसगढ़ सरकार जवानों के परिवारवालों को आर्थिक दे रही है.
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चीन से झड़प में कांकेर ने खोया था अपना बेटा
हाल ही में चीन सीमा पर चीनी सैनिकों से झड़प में कांकेर जिले ने अपना जाबांज बेटा खोया है. चीन से हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. जिसमें कांकेर का गणेश कुंजाम भी शामिल था. गणेश भी अपने माता पिता के अकेले बेटे थे, जिन्होंने देश सेवा में अपनी जान न्यौछावर कर दी.
'देश सेवा में आगे आएं युवा'
सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी रिटायर्ड कर्नल सीएसएस बाबू ने युवाओं से देश सेवा में आगे आने और सेना ज्वाइन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेश की तुलना में छतीसगढ़ से आर्मी ज्वाइन करने वालों की संख्या कम हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि छत्तीसगढ़ के युवा भी देश सेवा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे.