कांकेर: जिले के कोसरण्डा में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में सोमवार को तीन नक्सली मारे गए थे. इसमें आमाबेड़ा और बीजापुर का रहने वाला नक्सली मारा गया था. इन नक्सलियों का शव लेने उनके परिजन कांकेर पहुंचे. बदरू के परिजनों ने बताया कि वह सलवा जुडूम के समय नक्सल संगठन में शामिल हो गया था. उसके मारे जाने की खबर लगने के बाद पुलिस से संपर्क कर शव लेने आए हैं.
नक्सली के भाई को सौंपा गया शव
बेचनार से मृतक नक्सली गुड्डू के चचेरा भाई सन्नू राम को उसका शव सौंपा गया. उसके भाई ने बताया कि वह 15 साल की उम्र में ही घर छोड़कर नक्सल संगठन में शामिल हो गया था. चचेरा भाई सन्नू राम ने बताया कि गुडडू अक्सर घर आया करता था, लेकिन पिछले 5 से 6 साल में उसका घर आना कम हो गया था. गुडडू के चचेरे भाई ने बताया कि वह करीब एक साल पहले आखिरी बार घर आया था. उसके बाद से उसकी कोई खोज खबर नहीं थी.
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एसएसपी गोरखनाथ बघेल ने की पुष्टि
एसएसपी गोरखनाथ बघेल ने बताया कि आमाबेड़ा इलाके के मेचानार निवासी गुड्डू और बीजापुर गंगालूर, कमका निवासी बदरू का शव लेने परिजन आए थे. शव का पंचनामा कर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया गया है.
नक्सलियों ने मानी मुठभेड़ की बात
नक्सलियों ने मंगलवार को प्रेस नोट जारी कर इस मुठभेड़ में मारे गए तीन लोगों को नक्सली बताया. रावघाट रेल परियोजना के तहत पुलिया निर्माण की सुरक्षा देने आए एसएसबी के जवानों पर पीएलजी ने हमला किया. जिसके बाद मुठभेड़ हुई. जिसमें तीन नक्सली मारे गए.