ETV Bharat / state

कांकेर में मनरेगा के कर्मचारियों को 5 महीने से नहीं मिला वेतन

author img

By

Published : Jun 5, 2021, 12:21 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 2:37 PM IST

कांकेर में मनरेगा के अधिकारियों-कर्मचारियों को 5 महीने से वेतन नहीं मिला है. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

Employees of mgnrega did not get salary
कर्मचारियों को 5 महीने से नहीं मिला वेतन

कांकेर: कोरोना काल में भी मनरेगा का काम लगातार जारी है, लेकिन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को पिछले 5 महीने से वेतन नहीं दिया गया है, जिससे आर्थिक संकट छा गया है, खाने के लाले पड़ने लगे हैं. मनरेगा के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपनी समस्या को लेकर ग्रामीण विकास विभाग मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

कांकेर में मनरेगा के कर्मचारियों को 5 महीने से नहीं मिला वेतन

छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष चन्द्रशेखर अनिवंशी ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (mgnrega) के तहत लगातार काम जारी है. लेकिन उन्हें मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रखा जा रहा है. जनवरी से अभी तक का वेतन नहीं दिया गया है. जिसके कारण मकान किराया जैसी मूलभूत जरूरतों की पूर्ति भी नहीं हो पा रही है. घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

महासमुंद में मनरेगा बना वरदान: 2 महीने में 64858 परिवारों को गांव में ही मिला रोजगार

कोरोना से मनरेगा के 13 कर्मचारियों की मौत

मनरेगा के 13 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई है, लेकिन उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से मिलने वाले अनुकंपा अनुदान के 1 लाख रुपये अब तक नहीं दिए गए हैं. अधिकारियों-कर्मचारियों ने इन समस्याओं के जल्द निराकरण की मांग की है.

50 लाख रुपये का अनुदान दिए जाने की मांग

कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना महामारी से मौत होने पर मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों को अनुकंपा अनुदान के साथ-साथ अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. राजस्थान और उत्तर प्रदेश में संविदा अधिकारी-कर्मचारियों की मृत्यु हो जाने पर 50 लाख रुपये की अनुकंपा के अनुदान का प्रावधान किया गया है. उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी अनुकंपा अनुदान दिया जाना चाहिए.

कांकेर: कोरोना काल में भी मनरेगा का काम लगातार जारी है, लेकिन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को पिछले 5 महीने से वेतन नहीं दिया गया है, जिससे आर्थिक संकट छा गया है, खाने के लाले पड़ने लगे हैं. मनरेगा के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपनी समस्या को लेकर ग्रामीण विकास विभाग मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

कांकेर में मनरेगा के कर्मचारियों को 5 महीने से नहीं मिला वेतन

छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष चन्द्रशेखर अनिवंशी ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (mgnrega) के तहत लगातार काम जारी है. लेकिन उन्हें मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रखा जा रहा है. जनवरी से अभी तक का वेतन नहीं दिया गया है. जिसके कारण मकान किराया जैसी मूलभूत जरूरतों की पूर्ति भी नहीं हो पा रही है. घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

महासमुंद में मनरेगा बना वरदान: 2 महीने में 64858 परिवारों को गांव में ही मिला रोजगार

कोरोना से मनरेगा के 13 कर्मचारियों की मौत

मनरेगा के 13 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई है, लेकिन उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से मिलने वाले अनुकंपा अनुदान के 1 लाख रुपये अब तक नहीं दिए गए हैं. अधिकारियों-कर्मचारियों ने इन समस्याओं के जल्द निराकरण की मांग की है.

50 लाख रुपये का अनुदान दिए जाने की मांग

कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना महामारी से मौत होने पर मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों को अनुकंपा अनुदान के साथ-साथ अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. राजस्थान और उत्तर प्रदेश में संविदा अधिकारी-कर्मचारियों की मृत्यु हो जाने पर 50 लाख रुपये की अनुकंपा के अनुदान का प्रावधान किया गया है. उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी अनुकंपा अनुदान दिया जाना चाहिए.

Last Updated : Jun 5, 2021, 2:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.