कांकेर: कोरोना काल में भी मनरेगा का काम लगातार जारी है, लेकिन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को पिछले 5 महीने से वेतन नहीं दिया गया है, जिससे आर्थिक संकट छा गया है, खाने के लाले पड़ने लगे हैं. मनरेगा के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपनी समस्या को लेकर ग्रामीण विकास विभाग मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष चन्द्रशेखर अनिवंशी ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (mgnrega) के तहत लगातार काम जारी है. लेकिन उन्हें मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रखा जा रहा है. जनवरी से अभी तक का वेतन नहीं दिया गया है. जिसके कारण मकान किराया जैसी मूलभूत जरूरतों की पूर्ति भी नहीं हो पा रही है. घर चलाना मुश्किल हो रहा है.
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कोरोना से मनरेगा के 13 कर्मचारियों की मौत
मनरेगा के 13 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई है, लेकिन उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से मिलने वाले अनुकंपा अनुदान के 1 लाख रुपये अब तक नहीं दिए गए हैं. अधिकारियों-कर्मचारियों ने इन समस्याओं के जल्द निराकरण की मांग की है.
50 लाख रुपये का अनुदान दिए जाने की मांग
कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना महामारी से मौत होने पर मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों को अनुकंपा अनुदान के साथ-साथ अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. राजस्थान और उत्तर प्रदेश में संविदा अधिकारी-कर्मचारियों की मृत्यु हो जाने पर 50 लाख रुपये की अनुकंपा के अनुदान का प्रावधान किया गया है. उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी अनुकंपा अनुदान दिया जाना चाहिए.