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कांकेर : पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान

भानुप्रतापपुर मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित रानीडोंगरी के ग्रामीण आज भी पानी की समस्या को लेकर जूझ रहे हैं.

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Published : Apr 5, 2019, 12:34 PM IST

कांकेर: भानुप्रतापपुर मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित रानीडोंगरी के ग्रामीण आज भी पानी की समस्या को लेकर जूझ रहे हैं. ग्राम पंचायत चीज गांव के आश्रित ग्राम रानीडोंगरी में पानी की समस्या से दो चार हो रहे ग्रामीणों ने अब लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है.


गांव में छोटी-छोटी 20 डबरी हैं, लगभग 12 कुएं हैं और दो नदियां हैं. गांव के 6 मोहल्लों में करीब 10 हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन फिर भी ग्रामीणों को पीने और निस्तारी के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. ऐसे में ग्रामीण मई-जून में झरिया के पानी के सहारे जीवन यापन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं.

किसी काम का नहीं है चेक डैम
इधर ग्रामीणों की मांग पर कृषि विभाग ने गांव में लगभग 11 लाख रुपए की लागत से चेक डैम बनाया है, लेकिन वो भी गांव से 5 किलोमीटर दूर जंगल में स्थित है. ग्रामीणों को उम्मीद थी कि, चेक डैम बनने से उनकी निस्तारी की समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि, 'जिस जगह पर चेक डैम बनाया गया है वहां पर उसकी कोई उपयोगिता नहीं है, न ही निस्तारित हो पा रही है और न ही खेतों को पानी मिल पा रहा है'.

2 से 3 किलोमीटर दूर है हैंडपंप
गांव की महिलाओं का कहना है कि, 'पारा में हैंडपंप तो है, लेकिन उससे पर्याप्त पानी नहीं निकलता. 1 ,2 हैंडपंप ही सही है जिसकी दूरी लगभग 2 से 3 किलोमीटर है. वहां से पानी लाकर पीते हैं ये हैंडपंप भी मई-जून में जवाब दे देते हैं, जिसके बाद मजबूर होकर झरिया का पानी पड़ता है'.

ग्रामीणों ने किया बहिष्कार का एलान
ग्रामीण कई बार पानी की समस्या को लेकर शासन-प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर पानी की समस्या को दूर करने गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इस पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया, लिहाजा अब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है.

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कांकेर: भानुप्रतापपुर मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित रानीडोंगरी के ग्रामीण आज भी पानी की समस्या को लेकर जूझ रहे हैं. ग्राम पंचायत चीज गांव के आश्रित ग्राम रानीडोंगरी में पानी की समस्या से दो चार हो रहे ग्रामीणों ने अब लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है.


गांव में छोटी-छोटी 20 डबरी हैं, लगभग 12 कुएं हैं और दो नदियां हैं. गांव के 6 मोहल्लों में करीब 10 हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन फिर भी ग्रामीणों को पीने और निस्तारी के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. ऐसे में ग्रामीण मई-जून में झरिया के पानी के सहारे जीवन यापन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं.

किसी काम का नहीं है चेक डैम
इधर ग्रामीणों की मांग पर कृषि विभाग ने गांव में लगभग 11 लाख रुपए की लागत से चेक डैम बनाया है, लेकिन वो भी गांव से 5 किलोमीटर दूर जंगल में स्थित है. ग्रामीणों को उम्मीद थी कि, चेक डैम बनने से उनकी निस्तारी की समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि, 'जिस जगह पर चेक डैम बनाया गया है वहां पर उसकी कोई उपयोगिता नहीं है, न ही निस्तारित हो पा रही है और न ही खेतों को पानी मिल पा रहा है'.

2 से 3 किलोमीटर दूर है हैंडपंप
गांव की महिलाओं का कहना है कि, 'पारा में हैंडपंप तो है, लेकिन उससे पर्याप्त पानी नहीं निकलता. 1 ,2 हैंडपंप ही सही है जिसकी दूरी लगभग 2 से 3 किलोमीटर है. वहां से पानी लाकर पीते हैं ये हैंडपंप भी मई-जून में जवाब दे देते हैं, जिसके बाद मजबूर होकर झरिया का पानी पड़ता है'.

ग्रामीणों ने किया बहिष्कार का एलान
ग्रामीण कई बार पानी की समस्या को लेकर शासन-प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर पानी की समस्या को दूर करने गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इस पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया, लिहाजा अब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है.

वर्षो से नही सुलझी पानी की समस्या ,अब ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान 
भनुप्रतापपुर- भानुप्रतापपुर मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित रानीडोंगरी के ग्रामीण आज भी पानी की समस्या को लेकर जूझ रहे है।

 ग्राम पंचायत चीज गांव के आश्रित ग्राम रानीडोंगरी में पानी की विकराल समस्या बनी हुई है। ग्रामीण पानी की समस्या को लेकर इतने परेशान है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।
 यहां पर छोटे-छोटे 20 डबरी हैं लगभग 12 कुए हैं दो नदियां हैं गांव के 6 मोहल्ले में लगभग 10 हैंडपंप लगे हुए हैं इसके बावजूद भी यहां पर ग्रामीणों को पीने एवं निस्तारी के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। आगामी माह मई-जून में ग्रामीण झरिया के पानी के सहारे ही रहते हैं

 इधर ग्रामीणों की मांग पर गांव में कृषि विभाग ने लगभग 11 लाख रुपये की लागत से चेक डैम बनाया है लेकिन वह भी गांव से 5 किलोमीटर दूर जंगल में स्थित है। ग्रामीणों को बड़ी उम्मीद थी कि चेक डैम बनने से उनकी निस्तारी की समस्या दूर हो जाएगी लेकिन 6 ग्रामीणों ने कहा है जिस जगह पर चेक डैम बनाया गया है वहां पर कोई उपयोगिता नहीं होगी ना ही निस्तारित हो गया और ना ही खेतों में पानी मिल पाएगा 
ग्रामीण कई बार पानी की समस्या को लेकर शासन प्रशासन जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर अवगत करा चुके हैं  फिर भी इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है
 गांव की महिलाओं ने कहा पारा में हैंडपंप तो है लेकिन उसमें पर्याप्त पानी नहीं निकलता 1 ,2 हैंडपंप ही सही है जिसकी दूरी लगभग 2 से 3 किलोमीटर है वहां से पानी लाकर पीते हैं यह हैंडपंप भी मई-जून में जवाब दे देती है जिसके बाद मजबूर होकर झरिया का पानी पीते हैं।

बाईट - ग्रामीण जन 

जावेद खान भानुप्रतापपुर संवाददाता
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