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स्वास्थ्य शिविर में नहीं मिला इलाज, खाली हाथ घर लौटे दिव्यांग

कांकेर: समाज कल्याण विभाग की ओर से जिला मुख्यालय में पहचान और प्रमाणिकता शिविर का आयोजन किया गया था, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण दूर दराज से पहुंचे दिव्यांगों को बिना पंजीयन और जांच कराए ही घर वापस लौटना पड़ा.

शिविर से बैरंग लौटे दिव्यांग
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Published : Jul 23, 2019, 4:23 PM IST

Updated : Jul 23, 2019, 5:06 PM IST

कांकेर: समाज कल्याण विभाग द्वारा जिला मुख्यालय में पहचान और प्रमाणिकता शिविर का आयोजन किया गया था, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण दूर दराज से पहुंचे दिव्यांगों को बिना पंजीयन और जांच कराए ही घर वापस लौटना पड़ा.

समाज कल्याण विभाग की बड़ी लापरवाही

शिविर से बैरंग लौट रहे दिव्यांगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिविर में उनके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया था. दिव्यांगों ने बताया कि 5 घंटे इंतजार करने के बाद भी शिविर में कोई डॉक्टर नहीं पहुंचे. जिसके कारण उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा.

सात ब्लॉक के लोग पहुंचे थे जिला मुख्यालय
जिले के सभी सातों ब्लॉक से दिव्यांगों को जिला मुख्यालय के न्यू कम्युनिटी हॉल में प्रमाणिकता के लिए बुलाया गया था. जहां दिव्यांग घंटों डॉक्टरों का इंतजार करते रहे, लेकिन लगभग 5 घंटे के बाद भी डॉक्टर नहीं पहुंचे.
कलेक्टर ने संभाला मोर्चा
ETV भारत से बात करते हुए दिव्यांगों ने बताया कि उनको सुबह 10 बजे से बुलाया गया था, लेकिन 3 बजे तक कोई डॉक्टर नही पहुंचे. जिसके वे लोग बिना जांच कराये ही घर लौट रहे हैं. हालांकि सवाल उठने के बाद कलेक्टर खुद मौके पर पहुंचे, जिसके बाद आनन-फानन में डॉक्टरों को बुलाया गया, लेकिन तब तक कई दिव्यांग शिविर से लौट चुके थे.

कांकेर: समाज कल्याण विभाग द्वारा जिला मुख्यालय में पहचान और प्रमाणिकता शिविर का आयोजन किया गया था, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण दूर दराज से पहुंचे दिव्यांगों को बिना पंजीयन और जांच कराए ही घर वापस लौटना पड़ा.

समाज कल्याण विभाग की बड़ी लापरवाही

शिविर से बैरंग लौट रहे दिव्यांगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिविर में उनके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया था. दिव्यांगों ने बताया कि 5 घंटे इंतजार करने के बाद भी शिविर में कोई डॉक्टर नहीं पहुंचे. जिसके कारण उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा.

सात ब्लॉक के लोग पहुंचे थे जिला मुख्यालय
जिले के सभी सातों ब्लॉक से दिव्यांगों को जिला मुख्यालय के न्यू कम्युनिटी हॉल में प्रमाणिकता के लिए बुलाया गया था. जहां दिव्यांग घंटों डॉक्टरों का इंतजार करते रहे, लेकिन लगभग 5 घंटे के बाद भी डॉक्टर नहीं पहुंचे.
कलेक्टर ने संभाला मोर्चा
ETV भारत से बात करते हुए दिव्यांगों ने बताया कि उनको सुबह 10 बजे से बुलाया गया था, लेकिन 3 बजे तक कोई डॉक्टर नही पहुंचे. जिसके वे लोग बिना जांच कराये ही घर लौट रहे हैं. हालांकि सवाल उठने के बाद कलेक्टर खुद मौके पर पहुंचे, जिसके बाद आनन-फानन में डॉक्टरों को बुलाया गया, लेकिन तब तक कई दिव्यांग शिविर से लौट चुके थे.

Intro:कांकेर - समाज कल्याण विभाग द्वारा जिला मुख्यालय में पहचान और प्रमाणिकता शिविर का आयोजन किया गया था लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते दूर दराज से पहुचे दिव्यांगों को बिना प्रमाणिकता पंजीयन करवाये ही वापस लौटना पड़ा , जिससे दिव्यांगों में भारी नाराज़गी देखी जा रही है । विभाग के द्वारा जिला स्तरीय आयोजन तो करवा दिया गया लेकिन यहां दिव्यांगों के लिए कोई इंतजाम नही किये गए थे ।यहां तक की जांच के लिए डॉक्टर भी करीब 5 घण्टे बाद पहुचे तब तक काफी दिव्यांग वापस लौट चुके थे ।


Body:जिले के सातों ब्लॉक से दिव्यांगों को आज जिला मुख्यालय के न्यू कम्युनिटी हाल में प्रमाणिकता के लिए बुलाया गया था , सुबह 10 बजे से ही जिले भर से काफी संख्या में दिव्यांग यहां पहुच गए थे , दिव्यांग यहां बैठे घण्टो डॉक्टरो की टीम का इंतज़ार करते रहे लेकिन लगभग 5 घण्टे बीत जाने के बाद भी डॉक्टर नही पहुचे जिसके बाद दिव्यांगों में आक्रोश पनपने लगा और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया , मामले की जानकारी आननफानन में कलेक्टर संजय कन्नौजे को दी गई , जिसके बाद कलेक्टर खुद इस शिविर में पहुच गए , कलेक्टर के आने की जानकारी मिलते ही तत्काल डॉक्टर की टीम से लेकर तमाम जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुचे और मोर्चा संभाल लिया , लेकिन विभाग की इस लापरवाही के चलते दिव्यांगों को घण्टो तक लाइन में खड़ा रहना पड़ा ,जिससे नाराज़ कई दिव्यांग काम करवाये बिना ही लौट गए।

सैकड़ो की संख्या में पहुचे थे दिव्यांग
प्रमाणिकता शिविर की जानकारी मिलने पर जिले भर से सैकड़ों की संख्या में दिव्यांग यहां पहुचे थे। लेकिन विभाग के द्वारा इतने बड़े कार्यक्रम आयोजित करवाकर जिस तरह लापरवाही बरती गई उससे दिव्यांगों को काफी मुसीबते झेलनी पड़ी ।

दूर दराज से पहुचे थे
दुर्गुकोदंल, चारामा से पहुचे दिव्यंगों ने ईटीवी भारत को बताया की सुबह 10 बजे से उन्हें बुलाया गया था लेकिन 3 बजे तक कोई डॉक्टर ही यहा नही पहुचे थे जो इनकी जांच करे , जिसके चलते अब वो वापस लौट रहे है क्योंकि उन्हें काफी दूर जाना है ।


Conclusion:कलेक्टर ने संभाला मोर्चा
मामले की जानकारी मिलते ही कलेक्टर संजय कन्नौजे कम्युनिटी हाल पहुचे और उन्होंने तत्काल सभी दिव्यंगों की जांच के निर्देश दिए जिसके बाद दिव्यंगों कि जांच शुरू हो सकी । कलेक्टर संजय कन्नौजे ने कहा कि सभी की जांच होगी और सभी का प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा उन्होंने कहा कि शूरु में कुछ अव्यवस्था हो गई थी , जांच के लिए कई मशीन लानी होती है , जिसके वजह से देरी हुई । कलेक्टर के आने के बाद जब काम शुरू हुआ तो काफी भीड़ एकत्रित हो गई थी और दिव्यांग सहारे के साथ घण्टो लाइन में खड़े रहे ।

बाइट- दिव्यांग

संजय कन्नौजे कलेक्टर
Last Updated : Jul 23, 2019, 5:06 PM IST
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