कांकेर: चारामा ब्लॉक के आरौद-कोटेला गांव के क्रेशर प्लांट में देर शाम पत्थर तोड़ने के लिए ब्लास्ट किया गया था. तेज ब्लास्ट से कई क्षेत्रवासियों के घर के शीशे टूट गए. दीवारों में दरारें पड़ गई. आक्रोशित ग्रामीणों ने देर शाम क्रेशर प्लांट को घेर लिया था. देर रात प्राशनिक अधिकारियों का इंतजार करते ग्रामीण वापस अपने घर की ओर लौट गए थे, लेकिन सुबह से क्षेत्र के ग्रामीण क्रेशर प्लांट के आगे नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए हैं.
कोटेला गांव के ग्रामीणों का कहना है कि गिट्टी क्रेशर प्लांट को बंद कर दिया जाए. ग्रामीण इलाकों में क्रेशर की वजह से दहशत का माहौल है. क्रेशर में आए दिन हो रहे ब्लास्ट के कारण लोगों को जान का खतरा है. इलाके के लोगों का कहना है कि क्रेशर प्रबंधन की लापरवाही के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. अब ग्रामीण नेशनल हाई-वे पर चक्काजाम करने की बात कह रहे हैं.
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ब्लॉस्ट से छतों में दरारें पड़ गई
आरौद क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार शाम 7 बजे लगातार क्रेशर प्लांट में तीन ब्लास्ट किए गए, जिससे आरौद गांव, कोटेला, कुरुभाठ और टहंकापार के ग्रामीणों के घरों की छतों में दरारें पड़ गई है. खिड़कियों में लगे कांच खराब हो गए हैं. कई घरों के टेलीविजन तक ब्लास्ट हो गए हैं. इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को सूचित किया गया है, लेकिन अभी तक समस्या जस की तस है.
क्रेशर प्लांट को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीण गौतम निषाद ने बताया कि यह गिट्टी क्रेशर प्लांट पिछले 20 वर्ष से संचालित हो रहा है. हर 15 दिन में ब्लास्ट किया जाता है, जिससे आस-पास के खेतों में पत्थर उड़ कर आ जाते हैं. इसी तरह गुरुवार को बड़ा ब्लास्ट किया गया, जिससे आस-पास के ग्रामीण पूरी तरह से डर गए. ग्रामीणों ने इसकी सूचना हल्बा चौकी को दी, लेकिन अबतक कुछ नहीं हुआ. ऐसे में ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है.