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कोरोना ने शिलान्यास और भूमिपूजन के ट्रेंड को किया ऑनलाइन - शिलान्यास और भूमिपूजन का ट्रेंड ऑनलाइन

कोरोना (corona) ने राजनीतिक और सामाजिक जीवन दोनों पर प्रभाव डाला है. अब राजनेताओं के जलसे और कई कार्यक्रम सब डिजिटल (digital program) हो गए हैं. पहले भूमिपूजन और शिलान्यास (Bhoomi Pujan and Foundation Stone Laying) पर भारी भरकम खर्च होता था. लेकिन अब यह ऑनलाइन हो गया है. जिससे खर्च में कमी आई है.

Corona did trend of foundation stone and Bhoomi Pujan online
कोरोना ने शिलान्यास और भूमिपूजन के ट्रेंड को किया ऑनलाइन
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Published : Sep 22, 2021, 8:03 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 9:47 PM IST

कांकेर: कोरोना ने राजनीतिक जीवन पर भी प्रभाव (Corona affected political life) डाला है. एक समय था जब मंत्री और नेता भूमिपूजन (Bhoomi Pujan and Foundation) और उद्घाटन में जमकर शिरकत करते थे. इस तरह की तैयारी में प्रशासनिक अमला कई दिनों से ताकत झोंके रखता था. लेकिन कोरोना काल ने ये सब ट्रेंड बदल दिया है. अब न तो भूमिपूजन और शिलान्यास के कार्यक्रम में वो भीड़ उमड़ती है. न ही प्रशासन का लाव लस्कर दिखता है. न तो लाखों के टेंट सजते हैं न ही हजारों की भीड़ जुटती है.

शिलान्यास और भूमिपूजन का ट्रेंड ऑनलाइन

कोविड-19 के दौर में सब कुछ डिजिटल (digital) हो गया है. इस काम को करने के लिए गए डिजिटल पार्टनर भी सामने आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी डिजिटल माध्यम से भूमिपूजन और उद्घाटन को सरल बनाने का काम स्वान SWAN (State Wide Area Network) कर रहा है. SWAN का अर्थ होता है स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क.

कांकेर में भी कई कार्यक्रम हुए डिजिटल

  • कांकेर जिले की बात करे तो जून 2021 में कांकेर में 152 करोड़ 59 लाख रूपये के विभिन्न 145 विकास कार्यों का डिजिटल तरीके से भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया.
  • सितंबर 2021 में लोक निर्माण विभाग ने कुल 168 करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया. जिसमें 26 निर्माम कार्य शामिल थे.
  • कोरोनाकाल में तीन बड़े भूमिपूजन शिलान्यास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किए गए.

स्वान के जरिए होते हैं डिजिटल और वर्चुअल कार्यक्रम

इन कार्यक्रमों को लेकर स्वान SWAN (State Wide Area Network) के ई डिस्ट्रिक मैनेजर घनश्याम साहू ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सेटअप कई तरीकों से तैयार किया जाता है. इस सेटअप में इनडोर और आउटडोर सेटअप शामिल हैं. कांकेर में आउटडोर और इंडोर कार्यक्रम के लिए जिला पंचायत ऑफिस के कॉन्फ्रेंस रूम में इसका सेटअप किया गया है. जंहा SWAN की कनेक्टिविटी दी गई. मुख्यमंत्री का वर्चुवल भूमिपूजन शिलान्यास कार्यक्रम यहीं से होता है. यहां से कलेक्टर सहित तमात अधिकारी विधायक जुड़ते हैं. यहां सपोर्ट के लिए कई कैमरे लगाए गए हैं.

कोरोना काल में सारे कार्यक्रम हुए ऑनलाइन

कांकेर कलेक्टर चंदन कुमार (Kanker Collector Chandan Kumar) ने बताया कि, कोरोना काल मे बड़ी सभा नहीं करनी है. शासन स्तर में जितने भी कार्यक्रम होते है उन्हें ऑनलाइन किया जाता है. इसमे सहयोग चिप्स औक SWAN के द्वारा किया जाता है. SWAN के माध्यम से जिले के प्रत्येक विकासखण्ड जुड़े हुए है जंहा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सब कनेक्ट हो जाते हैं. अलग-अलग क्षेत्र से जनप्रतिनिधि जुड़ सकते हैं.

पारदर्शिता पर फोकस- कलेक्टर

कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि शासन की मंशा है कि इस तरह का कार्यक्रम हो तो पूरी पारदर्शिता अपनाई जाए. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देख सकें. इसीलिए भूमिपूजन शिलान्यास वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान यूट्यूब फेसबुक सोशल साइट्स में इसे लाइव स्ट्रीम किया जाता है. ताकि शासन से जुड़ी योजनाओं की जानकरी लोगों तक पहुंच सके.

कोरोना काल से पहले भूमिपूजन शिलान्यास कार्यक्रमों में बड़ी बड़ी सभाएं की जाती थी. जो काफी खर्चीला था. लेकिन डिजिटल माध्यम से भूमिपूजन शिलान्यास कार्यक्रम होने से खर्च पर भी लगाम लगी है. यह आने वाले समय मे डिजिटल माध्यम का एक बेहतर साधन हो सकता है.

कांकेर: कोरोना ने राजनीतिक जीवन पर भी प्रभाव (Corona affected political life) डाला है. एक समय था जब मंत्री और नेता भूमिपूजन (Bhoomi Pujan and Foundation) और उद्घाटन में जमकर शिरकत करते थे. इस तरह की तैयारी में प्रशासनिक अमला कई दिनों से ताकत झोंके रखता था. लेकिन कोरोना काल ने ये सब ट्रेंड बदल दिया है. अब न तो भूमिपूजन और शिलान्यास के कार्यक्रम में वो भीड़ उमड़ती है. न ही प्रशासन का लाव लस्कर दिखता है. न तो लाखों के टेंट सजते हैं न ही हजारों की भीड़ जुटती है.

शिलान्यास और भूमिपूजन का ट्रेंड ऑनलाइन

कोविड-19 के दौर में सब कुछ डिजिटल (digital) हो गया है. इस काम को करने के लिए गए डिजिटल पार्टनर भी सामने आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी डिजिटल माध्यम से भूमिपूजन और उद्घाटन को सरल बनाने का काम स्वान SWAN (State Wide Area Network) कर रहा है. SWAN का अर्थ होता है स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क.

कांकेर में भी कई कार्यक्रम हुए डिजिटल

  • कांकेर जिले की बात करे तो जून 2021 में कांकेर में 152 करोड़ 59 लाख रूपये के विभिन्न 145 विकास कार्यों का डिजिटल तरीके से भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया.
  • सितंबर 2021 में लोक निर्माण विभाग ने कुल 168 करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया. जिसमें 26 निर्माम कार्य शामिल थे.
  • कोरोनाकाल में तीन बड़े भूमिपूजन शिलान्यास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किए गए.

स्वान के जरिए होते हैं डिजिटल और वर्चुअल कार्यक्रम

इन कार्यक्रमों को लेकर स्वान SWAN (State Wide Area Network) के ई डिस्ट्रिक मैनेजर घनश्याम साहू ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सेटअप कई तरीकों से तैयार किया जाता है. इस सेटअप में इनडोर और आउटडोर सेटअप शामिल हैं. कांकेर में आउटडोर और इंडोर कार्यक्रम के लिए जिला पंचायत ऑफिस के कॉन्फ्रेंस रूम में इसका सेटअप किया गया है. जंहा SWAN की कनेक्टिविटी दी गई. मुख्यमंत्री का वर्चुवल भूमिपूजन शिलान्यास कार्यक्रम यहीं से होता है. यहां से कलेक्टर सहित तमात अधिकारी विधायक जुड़ते हैं. यहां सपोर्ट के लिए कई कैमरे लगाए गए हैं.

कोरोना काल में सारे कार्यक्रम हुए ऑनलाइन

कांकेर कलेक्टर चंदन कुमार (Kanker Collector Chandan Kumar) ने बताया कि, कोरोना काल मे बड़ी सभा नहीं करनी है. शासन स्तर में जितने भी कार्यक्रम होते है उन्हें ऑनलाइन किया जाता है. इसमे सहयोग चिप्स औक SWAN के द्वारा किया जाता है. SWAN के माध्यम से जिले के प्रत्येक विकासखण्ड जुड़े हुए है जंहा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सब कनेक्ट हो जाते हैं. अलग-अलग क्षेत्र से जनप्रतिनिधि जुड़ सकते हैं.

पारदर्शिता पर फोकस- कलेक्टर

कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि शासन की मंशा है कि इस तरह का कार्यक्रम हो तो पूरी पारदर्शिता अपनाई जाए. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देख सकें. इसीलिए भूमिपूजन शिलान्यास वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान यूट्यूब फेसबुक सोशल साइट्स में इसे लाइव स्ट्रीम किया जाता है. ताकि शासन से जुड़ी योजनाओं की जानकरी लोगों तक पहुंच सके.

कोरोना काल से पहले भूमिपूजन शिलान्यास कार्यक्रमों में बड़ी बड़ी सभाएं की जाती थी. जो काफी खर्चीला था. लेकिन डिजिटल माध्यम से भूमिपूजन शिलान्यास कार्यक्रम होने से खर्च पर भी लगाम लगी है. यह आने वाले समय मे डिजिटल माध्यम का एक बेहतर साधन हो सकता है.

Last Updated : Sep 22, 2021, 9:47 PM IST
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