कांकेर : मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोइया 3 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (cook union strike in chhattisgarh) हैं. हड़ताल में जाने से स्कूलों में मिड डे मील का काम प्रभावित हो रहा है. स्कूलों में शिक्षक चूल्हा फूंककर मिड डे मील बनाकर बच्चों को खाना दे रहे हैं. गौरतलब है कि रसोइया संघ ने उल्लंघन करने वाले सदस्यों पर 5 हजार जुर्माना लगाने फरमान जारी किया है. इसलिए कोई रसोइया स्कूल नहीं पहुंच रहा है. स्कूलों में तैनात सफाईकर्मियों ने भी भोजन बनाने से इंकार कर दिया है. प्रशासन ने महिला समूहों को इस काम में लगाने को कहा लेकिन रसोइयों को जो दर मिल रही है, उतने पैसों में समूह भी भोजन बनाने को तैयार नहीं. ऐसे में किसी स्कूल में शिक्षक खुद ही मिड डे मील बना रहे हैं तो किसी स्कूल में शिक्षकों ने अतिरिक्त पैसे देकर खाना बनाने के लिए मजदूर रख लिए. जहां व्यवस्था नहीं हो पा रही है वहां मिड डे मील बंद है.
क्या है रसोईया संघ की मांग : सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन पकाने की जिम्मेदारी रसोईया संघ की है. उनका कहना है कि '' साल 2009 से अब तक उन्हें मानदेय के रूप में केवल 1500 रुपए दिया जा रहा है. इसमें केंद्र सरकार हजार रुपए और 500 रुपए छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है. 1500 रुपए के मानदेय में उनके परिवार का पालन पोषण नहीं हो पा रहा है. इससे पहले भी कई बार मानदेय बढ़ाने की मांग की गई. इसके बावजूद सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. इसके अलावा सालों से उन्हें रेगुलर करने का वादा किया जा रहा है लेकिन अब तक ना बीजेपी और ना कांग्रेस ने उनका नियमितीकरण किया.
मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल : ऐसे में वे जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन पर डटे रहने का मन बना लिया है. रसोईया संघ के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सबसे ज्यादा नुकसान स्कूली बच्चों का हो रहा है. मिड डे मील के तहत बच्चों को सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन अनिवार्य है. जब से रसोईया संघ के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, तब से मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई. chhattisgarh latest news