कांकेर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांकेर जिले के अन्तागढ़ ब्लॉक में धुर नक्सल प्रभावित आमाकडा गांव पहुचे. सीएम बघेल आदिवासी समाज के झलमलको लयाह लयोर घोटुल रच्चा उत्सव में शामिल होने पहुंचे थे. धुर नक्सल इलाके में सीएम के दौरे के दौरान ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिला. करीब 10 हजार लोगों ने इस कार्यक्रम में शिरकत किया. सीएम के आमाकडा पहुंचते ही यहां के आदिवासी समाज के लोग अपनी परम्परा के अनुसार महुआ के फूलों और मोरपंख वाली पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया.
इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने बस्तर में पेसा कानून लागू किये जाने को लेकर कहा कि, एक महीने पहले ही पेसा कानून का ड्रॉफ्ट तैयार होकर उन तक पहुंचा है. जिसमें सभी विभागों से चर्चा कर इसे पटल पर लाया जाएगा. सीएम ने कहा कि, अन्तागढ़ क्षेत्र के लोगों ने विधानसभा में आकर आमाकडा आने का न्योता दिया था. जिसके कारण खैरागढ़ उपचुनाव के बावजूद वो अपने आप को यहां आने से नहीं रोक सके.
यह भी पढ़ें: नक्सलियों से बात करने के लिए सरकार तैयार: भूपेश बघेल
आदिवासी समाज के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने आदिवासी समाज की मांग पर कई अहम घोषणाएं की, जिसमें कोयलीबेड़ा और आमाबेड़ा को तहसील का दर्जा, अंतागढ़ विकासखण्ड के गांवों में 10 गोटुल और 10 देवगुड़ी का निर्माण, अंतागढ़ और पखांजूर के काॅलेजों में स्नातकोत्तर कक्षाएं कोयलीबेड़ा में बालक छात्रावास, नागरबेड़ा में प्री-मेट्रिक छात्रावास और आमाकड़ा में बालक आश्रम, कलेपरस हाई स्कूल का हायर सेकेण्डरी स्कूल का उन्नयन शामिल हैं.
सीएम ने इसके अलावा बस्तर में स्थापित ’बादल’ प्रोजेक्ट की तरह कांकेर में भी डांस, आर्ट और लिट्रेचर को बढ़ावा देने के लिए संगठन बनाये जाने की बात कही है. सीएम ने अंतागढ़ क्षेत्र के 14 युवाओं को कृषि एवं वनोपज के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के अध्ययन के लिए इंडोनेशिया के अध्ययन दौरे पर भेजने की भी घोषणा की है.