कांकेर : केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा असंवैधानियक तरीके से लोकसभा में बिना चर्चा किये किसान विरोधी तीन काले कानून बनाया गया था, उसे किसानों के लगातार आन्दोलन के सामने सरकार को वापस लेना पड़ा. प्रकाश पर्व के दिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उक्त कानून वापस लेने की घोषणा की है. इसको कांकेर विधायक एवं संसदीय सचिव (Kanker MLA and Parliamentary Secretary Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ शासन के शिशुपाल शौरी (Shishupal Shourie ) ने देश की जनता और अन्नदाताओं की जीत बताया. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में किसी भी अन्याय के विरोध में किया जाने वाला शांतिपूर्ण जनआंदोलन जरूर सफल होता है और आतातायी अन्यायी शासक को झुकना पड़ता है.
बोले शौरी-राहुल ने पहले ही कहा था कि एक दिन यह कानून वापस लेगी मोदी सरकार
इस संबंध में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इन कानूनों के खिलाफ न सिर्फ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था. कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में देशभर इन काले कानूनों का विरोध किया. राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार से एक दिन इस कानून को वापस लेने बाध्य होना पड़ेगा. क्योंकि यह कानून देश के किसानों के हितों के खिलाफ है. अंततः केंद्र के एक साल से अधिक समय की हठधर्मिता के बाद कानून को वापस लेने की मंशा से यह स्पष्ट होता है कि केन्द्र की मोदी सरकार किसानों के सामने झुक गयी और अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो पाई.
पहले ही ले लेते निर्णय तो नहीं जातीं 6 सौ किसानों की जानें
शिशुपाल शौरी ने कहा कि इन काले कानूनों को पहले ही वापस ले लेते तो इन कानूनों के विरोध के कारण चलाये जा रहे आंदोलन में देशभर में 600 से अधिक किसानों की जानें नहीं जाती. उन्होंने आन्दोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी.
20 नवंबर को किसान-कांग्रेसियों ने मनाया विजय दिवस
केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये किसान कानून को वापस लेने के प्रधानमंत्री के निर्णय आने पर किसान तथा कांग्रेसियों ने 20 नवम्बर को किसान विजय दिवस के रूप में मनाया. इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी तथा क्षेत्र के किसानों ने जिला मुख्यालय में रैली निकालकर किसानों की जीत का जश्न मनाया और जमकर आतिशबाजी भी की. साथ ही केन्द्र की हठधर्मिता पर किसानों का अहिंसात्मक एवं सत्याग्रह के आधार पर किये जा रहे आन्दोलन को किसानों की जीत करार दिया.