कांकेर: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अपनी लंबित मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है. कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ रैली निकाली जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी रैली में शामिल हुए. पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के संयोजक प्रमोद तिवारी के नेतृत्व में 'कलम रख मशाल उठा' आंदोलन के दूसरे चरण में प्रदेश से सभी 28 जिला मुख्यालयों में धरना, प्रदर्शन और वादा निभाओ रैली निकाली गई.
फेडरेशन के पदाधिकारी टीएस ठाकुर ने बताया कि प्रदेश भर के शिक्षकों समेत समस्त संवर्ग के कर्मचारी-अधिकारी अपनी मांगों के लिए एक साथ प्रदर्शन कर किया. शिक्षक, लिपिक और स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य कर्मचारी वेतन विसंगती निराकरण की मांग कर रहे हैं. सहायक शिक्षक और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी को तृतीय समयमान वेतनमान, सभी कर्मचारियों की पदोन्नति, क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान देने की मांग की जा रही है. प्रदर्शन के साथ वादा निभाओ रैली निकाली गई.
क्या है प्रमुख मांग?
- वेतन विसंगति को दूर किया जाए और नियमितीकरण की मांग पूरी हो.
- प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को जुलाई 2019 का 5% और जनवरी 2020 का कुल 9% महंगाई भत्ता मिले.
- लंबित पदोन्नति को लागू किया जाए.
- कोरोना काल में सेवा कर रहे मृतक अधिकारियों-कर्मचारियों को राजस्थान सरकार की तर्ज पर 50 लाख रुपए का बीमा मिले.
- सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति की जाए.
- तृतीय वेतनमान का आदेश जारी किया जाए.
- राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग.
- वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के बकाया एरियर्स का भुगतान.
- 50 लाख की अनुग्रह राशि की मांग.
- अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों का निराकरण.