कांकेर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाला है. चुनाव को लेकर कांकेर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है. कांकेर में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए बनाए जाने वाले स्ट्रांग रूम को 40 साल बाद बदला गया है. कांकेर नगर में स्थित पीजी कॉलेज का भवन साल 1984 में बनने के बाद से हर बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए स्ट्रांग रूम यहीं बनाया जाता था. हालांकि इस बार स्ट्रांग रूम कांकेर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर नथियानवागांव के पॉलिटेक्निक कॉलेज में बनाया गया है.
चुनाव के दौरान हो जाती थी पढ़ाई ठप: कांकेर नगर स्थित पीजी कॉलेज को दिसंबर 2022 के भानुप्रतापपुर उपचुनाव के दौरान कॉलेज भवन बनाया गया. चुनाव के लिए अधिग्रहण होने से तीन से चार महीने तक पढ़ाई ठप हो जाती थी. इस कारण काफी विरोध भी हुआ. यही कारण है कि इस बार स्ट्रांग रूम को कांकेर जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर नथियानवागांव स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज को बनाया गया है.
2022 में हमने उपचुनाव नवंबर-दिसंबर में कराया था. उस समय करीब 4 महीने कॉलेज हमारे अधिग्रहण में था. उस वक्त एक बात सामने आई थी कि हर बार पीजी कॉलेज को ही स्ट्रॉन्ग रूम बनाया जाता है, जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है. हम लोगों ने पॉलिटेक्निक कॉलेज का चयन किया है. मेरे और एसपी के द्वारा दो-तीन बार निरीक्षण भी किया जा चुका है. -प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर, कांकेर
स्टूडेंट्स की पढ़ाई होती थी प्रभावित: इस बारे में कांकेर की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने कहा कि, 2022 में हमने बाय इलेक्शन नवंबर-दिसंबर में कराया था. उस समय 4 महीने करीब कॉलेज हमारे अधिग्रहण में था. उस वक्त एक बात सामने आई थी कि हर बार पीजी कॉलेज को ही स्ट्रॉन्ग रूम बनाया जाता है. जिससे पढाई प्रभावित होती है. तो हम लोगों ने पॉलिटेक्निक कॉलेज का चयन किया है. मेरे और एसपी के द्वारा दो-तीन बार निरीक्षण भी किया जा चुका है.पॉलिटेक्निक कॉलेज में जो छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी भी पढाई किसी तरीके से प्रभावित न हो. इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है.निर्वाचन आयोग का जो भी दिशा-निर्देश है उन सारे दिशा-निर्देशों का पालन करके हम स्ट्रांग रूम बना रहे हैं. निर्वाचन आयोग की जो भी रिक्वायरमेंट है, उसको चेक करके स्ट्रांग रूम भवन का प्रस्ताव भेजा गया था.
जानिए क्या है स्ट्रांग रूम: दरअसल, स्ट्रांग रूम वो होता है जिसमें चुनाव से पहले मतपेटियां सुरक्षित रखी जाती है. इस रूम को पैसे या कीमती सामान रखने के लिए विशेष रूप से अग्निरोधक और चोरीरोधी बनाने के लिए तैयार किया जाता है. फिलहाल कॉलेज जिस भवन में लग रहा है, वह साल 1984 में बनकर तैयार हुआ था. इसके बाद के सभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए इसी भवन को स्ट्रांग रूम के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसी स्ट्रांग रूम से मतपेटियां रवाना की जाती थीं.