कांकेर: दुनिया भर में आज 6वां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हर तरफ से योग करते लोगों की तस्वीरें सामने आ रही है. इस दौरान जिले में नक्सल प्रभावित इलाकों से जवानों के योग करने की तस्वीर सामने आई है. नक्सल मोर्चे पर तैनात बीएसएफ जवानों ने भी योग दिवस पर योग किया.
बता दें कि इस साल कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से योग दिवस पर कोई सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया है. नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों ने योग में हिस्सा लेकर योग के जरिए अपने तनाव को दूर करने के गुर सीखे. नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात इन जवानों को कई तरह के तनाव से गुजरना पड़ता है. वहीं जवान महीनों तक अपने परिजनों से नहीं मिल पाते हैं. हर पल जान जोखिम में डाल कर देश की सीमा की रक्षा करते हैं. वहीं अधिकांश इलाके तो ऐसे हैं जहां मोबाइल नेटवर्क तक नहीं हैं. ऐसे में जवान कभी-कभी भारी तनाव में आ जाते हैं. ऐसे में योग उनके इस तनाव को कम करने का एक बेहतर उपाय है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया
गौरतलब है कि आज 6वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. 2015 से शुरू हुआ योग दिवस हर साल अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता रहा है. कोरोना काल में योग के महत्व को देखते हुए इस बार योग दिवस की थीम 'घर पर योग, परिवार के साथ योग' रखी गई है. डिजिटल प्लेटफॉर्म और घर पर ही योग दिवस मनाया जा रहा है.
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84 देशों ने एक साथ मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
योग दिवस के आयोजन को सफल बनाने के लिए आयुष मंत्रालय पिछले दो महीने से कड़ी मेहनत कर रहा था. एक ही जगह पर सबसे बड़ी योग कक्षा का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए आयुष मंत्रालय ने अलग इंतजाम किए थे. उसी के प्रयासों का परिणाम था कि पीएम मोदी के साथ कुल 35 हजार 985 लोगों ने योग किया. इतना ही नहीं, 84 देशों के लोगों ने एक साथ योग किया गया, जो एक विश्व रिकॉर्ड है. माना जाता है कि जब मानव सभ्यता की शुरूआत हुई थी, तब से ही योग मानव जीवन का हिस्सा रहा है. विद्वानों का मानना है कि योग की उत्पत्ति आज से हजारों वर्षों पूर्व हुई थी. हम भगवान शिव को प्रथम योगी या आदियोगी या फिर उन्हें प्रथम आदि गुरु मानते हैं.