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मोदी लहर के बाद भी इस सीट पर हुई कांटे की टक्कर, अटकी रही लोगों की सांसें - Election results

लोकसभा चुनाव में कांकेर की सीट एक बार फिर भाजपा की झोली में गई है. 20 साल से कांकेर सीट वापस पाने को छटपटा रही कांग्रेस को अभी और लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

कांकेर लोकसभा
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Published : May 26, 2019, 11:37 PM IST

कांकेर: लोकसभा चुनाव में कांकेर की सीट एक बार फिर भाजपा की झोली में गई है. 20 साल से कांकेर सीट वापस पाने को छटपटा रही कांग्रेस को अभी और लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

कांकेर लोकसभा

एक तरफ जहां छतीसगढ़ की बाकी सीटों पर कुछ राउंड की मतगणना के बाद ही नतीजे लगभग एक तरफा दिखने लगे थे, तो वहीं कांकेर सीट पर दोनों प्रत्याशियों के साथ जनता की सांस भी अंतिम राउंड तक अटकी रही. यह पहली बार था जब कांकेर लोकसभा सीट पर दोनों ही पार्टियों के बीच इतनी जबरदस्त टक्कर हो रही थी. इस सीट पर हार जीत का अंतर मात्र 6914 मतों का रहा.

नहीं चला विधानसभा वाला जादू
बता दें कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांकेर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सभी 8 विधानसभा सीट पर कांग्रेस को भारी बहुमत से जीत मिली थी, जिससे लग रहा था कि इसका फायदा कांग्रेस को लोकसभा में भी मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कह सकते हैं कि विधानसभा चुनाव में जीत का अतिउत्साह कांग्रेस को ले डूबा.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम के क्षेत्र से भाजपा को सबसे ज्यादा बढ़त
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के विधानसभा क्षेत्र रहे अंतागढ से भाजपा को सबसे ज्यादा बढ़त मिली, जो निर्णायक भी साबित हुई. अंतागढ से भाजपा को 59653 जबकि कांग्रेस को 44444 मत मिले. यहां भाजपा 15209 मतों से आगे रही. इसके अलावा गुंडरदेही से भाजपा को 88394 मत मिले जबकि कांग्रेस को 76751 मत मिले. भाजपा 11643 मतों से आगे रही. बालोद में भाजपा को 83044 मत मिले जबकि कांग्रेस को 74547 मत मिले. भाजपा 8497 मतों से आगे रही. कांकेर लोकसभा मुख्यालय में कांटे की टक्कर रही और भाजपा को 60719 मत मिले जबकि कांग्रेस को 58167 मत मिले. यहां भाजपा मात्र 2552 मतों से आगे थी.

कांग्रेस के कद्दावर विधायक के क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ी लीड मिली
कांग्रेस के कद्दावर विधायक मनोज मंडावी के विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को भारी बढ़त मिली थी. यहां से भाजपा को 56563 मत मिले जबकि कांग्रेस को 71254 मत मिले. यहां कांग्रेस ने 14,691 मतों की बढ़त बनाई. इसके अलावा डौंडीलोहारा में भाजपा को 67396 मत मिले जबकि कांग्रेस को 79070 मत मिले. कांग्रेस ने 11674 मतों की बढ़त बनाई थी. सिहावा में भाजपा को 64061 जबकि कांग्रेस को 71192 मत मिले. यहां कांग्रेस 7131 मतों से आगे थी. इसके अलावा केशकाल में भाजपा को 56,245 जबकि कांग्रेस को 58001 मत मिले. यहां कांग्रेस मात्र 1756 मतों से आगे थी.

कर्मचारियों ने दिया पूर्व साथी को वोट
ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट के मत में भी भाजपा के मोहन मंडावी आगे रहे. मोहन को 2857 मत मिले जबकि कांग्रेस के बीरेश को 1320 मत ही मिले. यहां भी भाजपा 1537 मतों से आगे रही. बता दें कि मोहन मंडावी इससे पहले शासकीय शिक्षक थे.

बालोद में मोदी की सभा ने निभाया अहम रोल
बालोद में लोकसभा चुनाव के दौरान स्टार प्रचारक के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पहुंचे थे. बालोद में मोदी की सभा ने अहम रोल निभाया. कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री, अनिला भेड़िया कांकेर की प्रभारी मंत्री हैं. लेकिन इस क्षेत्र से भाजपा को 8 हजार से अधिक मतों की बढ़त मिली. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 7 से 8 बार कांकेर लोकसभा का दौरा भी किया लेकिन यह काम नहीं आ सका.

कांकेर: लोकसभा चुनाव में कांकेर की सीट एक बार फिर भाजपा की झोली में गई है. 20 साल से कांकेर सीट वापस पाने को छटपटा रही कांग्रेस को अभी और लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

कांकेर लोकसभा

एक तरफ जहां छतीसगढ़ की बाकी सीटों पर कुछ राउंड की मतगणना के बाद ही नतीजे लगभग एक तरफा दिखने लगे थे, तो वहीं कांकेर सीट पर दोनों प्रत्याशियों के साथ जनता की सांस भी अंतिम राउंड तक अटकी रही. यह पहली बार था जब कांकेर लोकसभा सीट पर दोनों ही पार्टियों के बीच इतनी जबरदस्त टक्कर हो रही थी. इस सीट पर हार जीत का अंतर मात्र 6914 मतों का रहा.

नहीं चला विधानसभा वाला जादू
बता दें कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांकेर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सभी 8 विधानसभा सीट पर कांग्रेस को भारी बहुमत से जीत मिली थी, जिससे लग रहा था कि इसका फायदा कांग्रेस को लोकसभा में भी मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कह सकते हैं कि विधानसभा चुनाव में जीत का अतिउत्साह कांग्रेस को ले डूबा.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम के क्षेत्र से भाजपा को सबसे ज्यादा बढ़त
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के विधानसभा क्षेत्र रहे अंतागढ से भाजपा को सबसे ज्यादा बढ़त मिली, जो निर्णायक भी साबित हुई. अंतागढ से भाजपा को 59653 जबकि कांग्रेस को 44444 मत मिले. यहां भाजपा 15209 मतों से आगे रही. इसके अलावा गुंडरदेही से भाजपा को 88394 मत मिले जबकि कांग्रेस को 76751 मत मिले. भाजपा 11643 मतों से आगे रही. बालोद में भाजपा को 83044 मत मिले जबकि कांग्रेस को 74547 मत मिले. भाजपा 8497 मतों से आगे रही. कांकेर लोकसभा मुख्यालय में कांटे की टक्कर रही और भाजपा को 60719 मत मिले जबकि कांग्रेस को 58167 मत मिले. यहां भाजपा मात्र 2552 मतों से आगे थी.

कांग्रेस के कद्दावर विधायक के क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ी लीड मिली
कांग्रेस के कद्दावर विधायक मनोज मंडावी के विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को भारी बढ़त मिली थी. यहां से भाजपा को 56563 मत मिले जबकि कांग्रेस को 71254 मत मिले. यहां कांग्रेस ने 14,691 मतों की बढ़त बनाई. इसके अलावा डौंडीलोहारा में भाजपा को 67396 मत मिले जबकि कांग्रेस को 79070 मत मिले. कांग्रेस ने 11674 मतों की बढ़त बनाई थी. सिहावा में भाजपा को 64061 जबकि कांग्रेस को 71192 मत मिले. यहां कांग्रेस 7131 मतों से आगे थी. इसके अलावा केशकाल में भाजपा को 56,245 जबकि कांग्रेस को 58001 मत मिले. यहां कांग्रेस मात्र 1756 मतों से आगे थी.

कर्मचारियों ने दिया पूर्व साथी को वोट
ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट के मत में भी भाजपा के मोहन मंडावी आगे रहे. मोहन को 2857 मत मिले जबकि कांग्रेस के बीरेश को 1320 मत ही मिले. यहां भी भाजपा 1537 मतों से आगे रही. बता दें कि मोहन मंडावी इससे पहले शासकीय शिक्षक थे.

बालोद में मोदी की सभा ने निभाया अहम रोल
बालोद में लोकसभा चुनाव के दौरान स्टार प्रचारक के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पहुंचे थे. बालोद में मोदी की सभा ने अहम रोल निभाया. कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री, अनिला भेड़िया कांकेर की प्रभारी मंत्री हैं. लेकिन इस क्षेत्र से भाजपा को 8 हजार से अधिक मतों की बढ़त मिली. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 7 से 8 बार कांकेर लोकसभा का दौरा भी किया लेकिन यह काम नहीं आ सका.

मोदी लहर के बाद भी इस सीट पर हुई कांटे की टक्कर, अटकी रही सांसे 

कांकेर - कांकेर लोकसभा सीट एक बार फिर भाजपा की झोली में गई है और कांग्रेस पार्टी का इस सीट पर लंबा वनवास अभी खत्म नही हुआ है , 20 सालो से कांकेर सीट वापस पाने झटपटा रही कांग्रेस को अभी और लम्बा इंतज़ार करना होगा । 
एक तरफ जहां छतीसगढ़ की बाकी सीटो पर  कुछ राउंड की मतगणना के बाद    नतीजे लगभग एक तरफ़ा नज़र आने लगे थे तो वही कांकेर सीट पर दोनों प्रत्याशियों के साथ साथ जनता की सांस भी अंतिम राउंड तक अटकी रही , यह पहली बार था जब कांकेर लोकसभा सीट पर दोनों ही पार्टियों के बीच इतनी जबरदस्त टक्कर हो रही थी।इस सीट पर हार जीत का अंतर मात्र 6914 मतों का रहा । पहले राउंड में कांग्रेस के बीरेश ठाकुर ने बढ़त बनाई तो दूसरे राउंड में भाजपा के मोहन मंडावी आगे निकल गए लेकिन इसके बाद भाजपा ने जो बढ़त बनाई उसे अंत तक नही छोड़ा , लेकिन इस बीच सबसे दिलचस्प  यह बात यह रही कि  भाजपा अपनी बढ़त को आगे नही ले जा पा रही थी, मतगणना के दौरान भाजपा ने सबसे अधिक लीड बनाई थी 19327 मतों की अर्थात अंतर 20 हजार से ऊपर बढ़ नही पा रहा था । एक समय मे बारहवे राउंड की गणना में अंतर मात्र 1017 मतों का आ गया था तब लगा कि बाज़ी पलटेगी और उदास दिख रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में भी जोश देखने को मिला था। लेकिन ऐसा हुआ नही  और अंत तक बढ़त बरकरार रखते हुए भाजपा ने जीत दर्ज कर ली । 

नही चला विधानसभा वाला  जादू ,
हम आपको बता दे कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांकेर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सभी 8 विधानसभा  सीट पर कांग्रेस को भारी बहुमत से जीत मिली थी , जिससे कांग्रेसी इस बात को लेकर निश्चिन्त थे कि इसका फायदा उन्हें लोकसभा में भी ममिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नही । राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिला भेड़िया के विधानसभा बालोद  से भी भाजपा को बारी बढ़त मिली है। अगर यह कहा जाए कि विधानसभा चुनाव में जीत का अति उत्साह कांग्रेस को ले डूबा। 

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम के क्षेत्र से भाजपा को सबसे ज्यादा बढ़त 
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के विधानसभा क्षेत्र रहे अंतागढ से भाजपा को सबसे ज्यादा बढ़त मिली , जो कि निर्णायक भी साबित हुई , अंतागढ से भाजपा को 59653 जबकि कांग्रेस को 44444 मत मिले थे ,यहां से भाजपा 15209 मतों से आगे रही , इसके अलावा गुंडरदेही से भाजपा को 88394 मत मिले जबकि कांग्रेस को 76751 मत मिले यहां से भाजपा 11643  मतों से आगे रही ,बालोद में भाजपा को 83044 मत मिले जबकि कांग्रेस को 74547 मत मिले यहां भाजपा 8497 मतों से आगे रही , कांकेर लोकसभा मुख्यालय में कांटे की टक्कर रही और यहां भाजपा को 60719 मत मिले जबकि कांग्रेस को 58167 मत मिले यहां भाजपा मात्र 2552 मतों से आगे थी।  

कांग्रेस के कद्दावर विधायक के क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ी लीड मिली 
कांग्रेस के कद्दावर विधायक मनोज मंडावी के विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को भारी बढ़त मिली थी , यहां से भाजपा को 56563 मत मिले जबकि कांग्रेस को 71254 मत मिले यहां कांग्रेस ने 14, 691 मतों की बढ़त बनाई , इसके अलावा डौंडीलोहारा में भाजपा को 67396 मत मिले जबकि कांग्रेस को 79070 मत मिले यहां कांग्रेस ने 11674 मतों की बढ़त बनाई थी , सिहावा में भाजपा को 64061 जबकि कांग्रेस को 71192 मत मिले यहां कांग्रेस 7131 मतों से आगे थी , इसके अलावा केशकाल में भाजपा को 56,245 जबकि कांग्रेस को 58001 मत मिले। यहां कांग्रेस मात्र 1756 मतों से आगे थी। 

कर्मचारियों ने दिया पूर्व साथी को वोट 
इसके अलावा ड्यूटी में तैनात कर्मचारियो के पोस्टल बैलेट के मत में भी भाजपा के मोहन मंडावी आगे रहे , मोहन को 2857 मत मिले जबकि कांग्रेस के बीरेश को 1320 मत ही मिले यहां भी भाजपा 1537 मतों से आगे रही । बता दे राजनीति में आने के पहले मोहन मंडावी शासकीय शिक्षक थे। 

बालोद में मोदी की सभा ने निभाया अहम रोल 
बालोद में लोकसभा चुनाव के दौरान स्टार प्रचारक के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पहुचे थे , बालोद में मोदी की सभा ने अहम रोल निभाया और कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री, कांकेर की प्रभारी मंत्री अनिला भेड़िया के क्षेत्र से भाजपा को 8हजार से अधिक मतों की बढ़त मिली । वही कांग्रेस से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कमान संभाली थी और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 7 से 8 बार कांकेर लोकसभा का दौरा किया था लेकिन यह काम नही आ सका। 

बढ़ेगा मनोज मंडावी का कद ? 
 कांग्रेस से बीरेश भले ही चुनाव हार गए है  लेकिन भानुप्रतापपुर से उन्हें 15 हजार के करीब की बढ़त मिली है , यहां से कांग्रेस क्व कद्दावर नेता मनोज मंडावी विधायक है जिन्हें मंत्री मंडल में स्थान मिलने की प्रबल संभावना थी लेकिन ऐसा हुआ नही , शायद अब मनोज का कद बढ़ सकता है क्योंकि बड़े बड़े मंत्रियों के क्षेत्र से कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ी है ।


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