कांकेर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से नगर पालिका कांकेर के घड़ी चैक में स्थापित वीर गुण्डाधुर की प्रतिमा का वर्चुअल लोकार्पण (virtual inauguration of statue of Veer Gundadhur in kanker ) किया. प्रतिमा के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि वीर गुण्डाधुर को कौन नहीं जानता? उन्होंने बस्तर के जल, जंगल, जमीन और आदिवासियों की संस्कृति व स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंग्रेजी से लड़ाई लड़ी.
कांकेर जिले के परलकोट के जमीदार शहीद गैदसिंह को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 1857 के स्वतंत्रा संग्राह के पहले ही उन्होंने अंग्रेजो से लड़ाई लड़ी थी. बस्तर के वीर सपूतों ने अपनी आजादी को किसी के पास गिरवी रखने नहीं दिया. उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.
वीर गुण्डाधुर की प्रतिमा का वर्चुअल लोकार्पण
छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मण्डावी ने कहा कि 'वीर गुण्डाधुर भूमकाल विद्रोह 1910 की क्रांति के महानायक थे. बस्तर की माटी के लिए न्यौछावर होने वाले इस वीर सपूत का स्मरण कर हम गर्व महसुस करते हैं. उन्होंने बस्तर की संस्कृति व स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग किया, जब तक हम अपने पूर्वजों के योगदान को याद नहीं करेंगे तब तक आगे नहीं बढ़ सकते.
28 जनवरी 2021 को ग्राम गोविंदपुर के कार्यक्रम में वीर गुण्डाधुर की प्रतिमा कांकेर शहर में लगाने की घोषणा की गई थी. जो आज पूरा हो गया है, इससे क्षेत्र की जनता काफी खुश है. वीर गुण्डाधुर भूमकाल क्रांति 1910 के महानायक थे. उन्होंने सीमित संसाधन के बावजूद उस समय के विश्व की सबसे बड़ी ताकत अंग्रेजो को चुनौति दी थी.