कांकेर: नक्सलियों से लोहा लेने के लिए बस्तर संभाग के अलग अलग जिले के युवाओं की कमांडो टीम तैयार हो गई है. 47 दिन की एडवांस ट्रेनिंग के बाद शुक्रवार को बस्तर फाइटर्स को Battle Inoculation(ब्लास्ट और बंदूक की गोलियों के बीच ) ट्रेनिंग दी गई. इस ट्रेनिंग के साथ अब ये जवान नक्सलियों से लड़ने के लिए तैयार हो गए हैं.
बस्तर फाइटर्स में बस्तर के ही युवा: छत्तीसगढ़ में बस्तर का नाम सुनते ही लोगों के जहन में जो पहली तस्वीर सामने आती है वो है नक्सलवाद. बस्तर में नक्सलियों से मुकाबला करते हुए अपने जान की बाजी लगाकर सुरक्षा बल के जवान लोगों की रक्षा कर रहे हैं. इनमें अब बस्तर फाइटर्स का नाम भी शामिल हो गया है. डीआरजी और आंध्रा की ग्रेहाउंड्स फोर्स की तरह ही छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने बस्तर फाइटर्स के जवानों को तैयार किया गया है.
बस्तर के 640 युवा बने बस्तर फाइटर्स: बस्तर से चुने गए लगभग 640 बस्तर फाइटर्स को पुलिस की बेसिक ट्रेनिंग देने के बाद नक्सलियों के खिलाफ गुरिल्लावार पैर्टन से लड़ाई लड़ने 47 दिन की एडवांस ट्रेनिंग दी गई. कांकेर के जंगलवार कॉलेज में युवाओं ने कठिन ट्रेनिंग ली. 2 मई से शुरू हुई इस ट्रेनिंग में जवानों को फायरिंग, रेड, आरओपी, पेट्रोलिंग, एंबुश, एमसीपी, बम से बचने, सिविक एक्शन की विशेष ट्रेनिंग दी गई.
IED ब्लास्ट और गोलियों के बीच डेमो ट्रेनिंग: 16 जून को ट्रेनिंग खत्म होने के बाद जवानों को मैदान ए जंग में भेजने से पहले बम ब्लास्ट व बंदूक की गोलियों की गूंज की दशहत खत्म करने डेमो दिया गया. 5 फीट ऊपर से ट्रेनर्स ने एलएमजी से गोलियां चलानी शुरू की. जवानों के आगे बढ़ने के दौरान कई IED ब्लास्ट किए गए. सौ-सौ की संख्या में फायरिंग रेंज में उतरे फाइटर्स ने गोलियों और IED ब्लास्ट के बीच अपना ऑपरेशन जारी रखा. इस दौरान दो जवान मामूली रूप से घायल भी हुए लेकिन इनके हौसले कमजोर नहीं हुए और जवानों ने आगे बढ़ते हुए डेमो ट्रेनिंग पूरी की.
बस्तर के इलाके के युवाओं को चुनकर ट्रेनकर नक्सल ऑपरेशन के लिए भेजा जाएगा. इन फाइटर्स की 47 दिन की ट्रेनिंग खत्म हो गई हैं. बस्तर के युवा काफी जांबाज है. अबतक यहां जितने भी जवान आए उनसे कहीं ज्यादा काबिलियत इनमें है. इन युवाओं ने बहुत इंटरेस्ट के साथ युद्ध की ट्रेनिंग ली. फाइटर्स के मन से फायरिंग और ब्लास्ट का डर खत्म करने के लिए Battle Inoculation की ट्रेनिंग की गई. ये जवान अब पक गए हैं. पूरे जोश के साथ बस्तर फाइटर्स में अपनी ट्रेनिंग पूरी की. स्वर्ण कुमार लामा, डायरेक्टर बिग्रेडियर, जंगलवार कॉलेज
छत्तीसगढ़ में इस समय भीषण गर्मी से हाल बेहाल है. पारा 42 से 25 डिग्री के आसपास चल रहा है. इस गर्मी में जहां लोग घर से निकलने में कतराते हैं ऐसे समय में बस्तर के जवान कड़ी धूप में नक्सलियों से लड़ने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. ताकि नक्सलियों से लड़कर अपने लोगों की रक्षा कर सके.