कांकेर : जिले के नरहरपुर विकासखंड अंतर्गत मुसुरपुट्टा (Musuraputta Animal Market under Narharpur Block) में लगने वाले पशु बाजार में क्रूरता करने वाले की अब खैर नहीं. पशु चिकित्सा विभाग के अफसर अब क्रूरता करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. बता दें कि 19 मई को ETV भारत ने कांकेर के मुसुरपुट्टा में मवेशी बाजार में पशुओं पर क्रूरता की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. खबर प्रकाशन के बाद से ही छत्तीसगढ़ शासन ने जीव जंतु कल्याण बोर्ड रायपुर और कांकेर पशु उपसंचालक सहित 5 सदस्य टीम को भेजकर मामले की जांच करवाई थी.मौके पर कई मवेशियों को भीषण गर्मी में बांध कर रखा गया था. जांच अधिकारियों ने पंचायत और ठेकेदार के कर्मचारियों को फटकार लगाई और जांच के बाद सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया
क्या था पूरा मामला : कांकेर जिले का बड़ा मवेशी बाजार ग्राम मुसुरपुट्टा में लगता ( Animal cruelty in Kanker Musuraputta animal market) है. यहां पर नियमों को ताक पर रखकर पैसे का खेल चल रहा है. यहां थोड़ी सी आमदानी के लिए ठेकेदार के कर्मचारी पशुओं के साथ क्रूरता करते हैं. मवेशी बाजार मुसुरपुट्टा में लोग मवेशियों के पैरों में नाल ठोकते हैं. जिनके पास कोई ट्रेनिंग नहीं होती है. वह भी मवेशियों को क्रूरतापूर्वक बांधकर नाल लगाते हैं. मवेशी दर्द से कराहते रहते हैं. यही नहीं वाहनों से लादकर पशुओं को लाया जाता है, फिर रस्सियों से बांधकर खींचा जाता है.
क्रूरता के खिलाफ प्रशासन का एक्शन : उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं कांकेर ने सरोना के पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ. नवीन नरेटी, नरहरपुर के पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ. विरेन्द्र नाग और पशु औषधालय दुधावा के सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी लोकेश ठाकुर को इस मामले में निर्देशित किया गया है. ये तीनों नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम मुसुरपुट्टा के पशु बाजार में प्रत्येक बुधवार को उपस्थित रहकर नियम विरूद्ध मवेशी खरीदी-बिक्री करने वाले व्यक्ति, जो पशुओं के साथ क्रूरता करेंगे ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेंगे. वहीं पशु व्यापारियों का पंजीयन नहीं होने पर उनके विरूद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उसकी सूचना संबंधित थाना प्रभारी को देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए हैं.
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पशुओं को नुकसान पहुंचाना है अपराध : पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960 के तहत धारा 11 स्पष्ट करती है कि परिवहन के दौरान किसी भी जानवर को नुकसान पहुंचाना एक अपराध है. इस अधिनियम के तहत खचाखच भरे वाहनों में मवेशियों को बांधना गैर-कानूनी है.