कांकेर: बुधवार को कांकेर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे किसान देवेंद्र मंडावी ने बताया कि "जल उपलब्धता प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर कांकेर कृषि विभाग में पदस्थ वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की तरफ से 2 हजार रुपए की मांग की गई है. पैसे की मांग का फोन रिकॉर्डिंग भी उसके पास मौजूद है."
कृषि विकास अधिकारी पर घूस लेने का आरोप: किसान देवेंद्र ने बताया कि "हम जल उपलब्धता प्रमाण पत्र बनवाने गए थे, लेकिन कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने कहा कि 2 हजार फीस लगेगा. हम लोगों ने कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है, फिर कहने लगे कि फिर प्रमाण पत्र नहीं बनेगा, जाओ घूमते रहो. तब मैंने 2 हजार रुपये दिए और तब मेरा मुझे प्रमाण पत्र दिया गया. ऐसे मेरे साथ ही नहीं बल्कि कोकपुर निवासी कुमार मंडावी के साथ भी हुआ है. उसने भी फोन में पैसे की मांग की बातचीत रिकॉर्ड की है."
किसानों से जबरिया पैसा वसूल रहे अधिकारी: कुमार मंडावी से बात करने पर उन्होंने कहा कि "मैने भी जल उपलब्ध्ता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कृषि विभाग गया था. मुझे सिंचाई के लिए स्थाई बिजली कनेक्शन चाहिए था. जिसके लिए जल उपलब्धता प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी. कृषि विभाग में वरिष्ठ कृषि अधिकारी ने 2 हजार रुपये की मांग की. मैने 1 हजार रुपए देने की बात कही, तो मुझ पर वह चिल्लाने लगे और घूमते रहो बोलने लगे. बाद में मान गए और 1 हजार रुपए वही मेडम के पास छोड़ने बोले और मेडम को भी सौ-दौ सौ रुपए देने के लिए कहा. ऐसा बहुत से किसानों के साथ हो रहा है."
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आरोपों पर क्या बोले अधिकारी: किसानों की शिकायत पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि "यह गलत है, कोई मांग नहीं करता." पैसे की मांग करते हुए काल रिकॉर्ड पर कहा कि "मेरा नहीं है, किसी और द्वारा कह कर रिकॉर्ड किया गया होगा. मेरे द्वारा ऐसा कुछ नहीं बोला गया है. जल उपल्बधता प्रमाण पत्र से सिंचाई पंप के लिए बिजली कनेक्शन दिया जाता है."