कांकेर : दुधावा बांध के टापू पर फंसे बंदरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन का आज चौथा दिन है. टापू तक लकड़ी और लोहे की रेलिंग जिसे अस्थाई पुल का नाम दिया गया है वो तो बनकर तैयार है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इससे बंदर बाहर निकल पाएंगे.
इन सवालों के जवाब के लिए ETV भारत की टीम मौके पर पहुंची. वहां पहुंचकर उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की और पूछा कि क्या बंदर इस रेलिंग के जरिए बाहर आ पाएंगे. जवाब में ग्रामीणों ने कहा नहीं. क्योंकि जो जानकारी ग्रामीणों ने दी है उसके अनुसार बंदर पानी से काफी डरते हैं. ऐसे में वो इस पतली रेलिंग से बाहर निकल पाएंगे इसकी संभावना बहुत कम है.
3 दिन से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें कि वन विभाग की ओर से पिछले 3 दिनों से बंदरों के झुंड को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जिसमे लगभग 250 मीटर का अस्थाई पुल बनाकर तैयार किया गया है. इस रेलिंग पर फल लटका कर बंदरों को लालच देकर किनारे में लाने की कोशिश की जाएगी.
काले मुंह वाले बंदर पानी से डरते हैं
अस्थाई पुल का निर्माण पूरे टापू तक हो चुका है, लेकिन बंदर इससे बाहर आ जाये इस पर अभी भी सवाल खड़े हो रहे हैं. ग्रामीण अनुराग उपाध्याय ने ETV भारत से चर्चा के दौरान बताया कि 'जो काले मुंह वाले बंदर होते हैं, वो पानी से काफी डरते हैं, ऐसे में वो इतनी पतली रेलिंग से बाहर आ जाये इसकी संभावनाएं कम है.
तट पर जाने लगा प्रतिबंध
वन विभाग की ओर से फिलहाल बांध के तट पर जाने पर रोक लगा दी गई है. वन विभाग इस पर रेस्क्यू में दिक्कत का हवाला दे रहा है.