गरियाबंद : जिले के आईएसबीएम विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह 24 दिसंबर को सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष प्रदेश के राज्यपाल रमेन डेका शामिल हुए. राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी कैंपस में वृक्षारोपण किया. इस अवसर पर अतिथियों ने स्नातकों को उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और सफलता के लिए बधाई दी.
200 से अधिक छात्र छात्राओं को मिली डिग्री : दीक्षांत समारोह में करीब 200 से अधिक छात्र छात्राओं को डिग्री दी गई. 29 छात्रों को PHD की उपाधि वितरित की गई. राज्यपाल ने 13 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया.
राज्यपाल का युवाओं को संदेश : आईएसबीएम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेन डेका ने शिक्षा को समाज में परिवर्तन लाने का सबसे प्रभावी साधन बताया. उन्होंने छात्रों से राज्य और राष्ट्र के विकास में योगदान देने की अपील की. छत्तीसगढ़ की संभावनाओं और युवाओं की ताकत को रेखांकित करते हुए उन्होंने ने नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक उत्थान में योगदान पर जोर दिया.
प्रिय स्नातकों, आज आपके जीवन में एक अध्याय की समाप्ति और दूसरे की शुरुआत है. यह आपके माता-पिता और परिवारों के लिए भी एक महान दिन है, क्योंकि उन्होंने भी इस दिन के लिए बहुत त्याग किया है. आईएसबीएम विश्वविद्यालय में आपकी शिक्षा ने आपको चुनौतियों का सामना करने, अवसरों का लाभ उठाने और दुनिया में बदलाव लाने के लिए उपकरणों से सुसज्जित किया है : रमेन डेका, राज्यपाल, छत्तीसगढ़
शिक्षा को बताया सबसे शक्तिशाली उपकरण : राज्यपाल ने शिक्षा को सशक्तिकरण के लिए सबसे बड़ा समतुल्य और सबसे शक्तिशाली उपकरण बताया. उन्होंने कहा कि यह व्यक्तियों को बाधाओं को दूर करने, रूढ़िवादिता को चुनौती देने और सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम बनाता है. शिक्षा में समुदायों के उत्थान, आजीविका बढ़ाने और सतत विकास को बढ़ावा देने की क्षमता है.
आईएसबीएम यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति विनय अग्रवाल ने स्नातकों को सफलता के लिए बधाई दी. उन्होंने स्टूडेंट्स को भविष्य उज्जवल बनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया. दीक्षांत समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल डॉ अशोक जिंदल, कुलपति आनंद महलवार, कुलसचिव बीपी भोल भी मौजूद रहे.