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कवर्धा: पति की लंबी उम्र के लिए पत्नी करती वट वृक्ष की पूजा

सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री का व्रत रख रही हैं. पंडरिया विकासखंड की कई महिलाएं वट वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना करने के लिए जुट रही हैं.

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Published : May 23, 2020, 12:16 AM IST

vat savirti pooja done by married women in kawardha
वट वृक्ष

कवर्धा: पंडरिया विकासखंड के ग्राम कुंडा में महिलाओं ने वट सावित्री का उपवास रख कर वट वृक्ष के पास पूजा अर्चना की. जिसके बाद की वट वृक्ष परिक्रमा करते हुए पति की लंबी उम्र के लिए कामनाएं की. इस दिन महिलाएं वट वृक्ष में जाकर पूजा अर्चना करती हैं.

vat savirti pooja done by married women in kawardha
वट वृक्ष की पूजा

इस धार्मिक मान्यताओं से अनुसार माता सावित्री सपने पति के प्रणों को यमराज से छुड़ाकर ले आई थी. इसी वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस पाए थे. तभी से सावित्री को देवी का रूप मन जाता है. उसी समय से सुहागिनों की ओर से वट सावित्री की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करती है. पति की लंबी उम्र की कामना इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगलकामना करती हैं.

पति की लंबी उम्र के लिए पत्नी रखती है उपवास

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने वट सावित्री का व्रत किया. महिलाएं सुबह से ही वट वृक्षों के पास पूजा करने के लिए पहुंच रही थी. वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ का बहुत महत्व है. हिंदू पंचांग के मुताबिक जेष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को ये व्रत किया जाता है. इसके अलावा इसी दिन के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है.

पढ़ें- वट सावित्री: बरगद की परिक्रमा कर महिलाएं कर रहीं पति की लंबी उम्र की कामना


इसलिए पड़ा वट सावित्री नाम

कहा जाता है कि सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे ही अपने मृत पति सत्यवान को जीवित किया था, इसलिए इस व्रत का नाम वट सावित्री पड़ा है. इस व्रत के लिए पूजन सामग्री थाली में प्रसाद, गुड़, भीगा चना, आटे से बनी मिठाई, कुमकुम, रोली, मौली धागा, फल, पान का पत्ता, धूप और घी का दीया के साथ वट वृक्ष की पूजा की जाती है. सुहागिन महिलाएं मौली धागा लेकर बरगद पेड़ की परिक्रमा लगाती हैं.

कवर्धा: पंडरिया विकासखंड के ग्राम कुंडा में महिलाओं ने वट सावित्री का उपवास रख कर वट वृक्ष के पास पूजा अर्चना की. जिसके बाद की वट वृक्ष परिक्रमा करते हुए पति की लंबी उम्र के लिए कामनाएं की. इस दिन महिलाएं वट वृक्ष में जाकर पूजा अर्चना करती हैं.

vat savirti pooja done by married women in kawardha
वट वृक्ष की पूजा

इस धार्मिक मान्यताओं से अनुसार माता सावित्री सपने पति के प्रणों को यमराज से छुड़ाकर ले आई थी. इसी वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस पाए थे. तभी से सावित्री को देवी का रूप मन जाता है. उसी समय से सुहागिनों की ओर से वट सावित्री की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करती है. पति की लंबी उम्र की कामना इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगलकामना करती हैं.

पति की लंबी उम्र के लिए पत्नी रखती है उपवास

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने वट सावित्री का व्रत किया. महिलाएं सुबह से ही वट वृक्षों के पास पूजा करने के लिए पहुंच रही थी. वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ का बहुत महत्व है. हिंदू पंचांग के मुताबिक जेष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को ये व्रत किया जाता है. इसके अलावा इसी दिन के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है.

पढ़ें- वट सावित्री: बरगद की परिक्रमा कर महिलाएं कर रहीं पति की लंबी उम्र की कामना


इसलिए पड़ा वट सावित्री नाम

कहा जाता है कि सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे ही अपने मृत पति सत्यवान को जीवित किया था, इसलिए इस व्रत का नाम वट सावित्री पड़ा है. इस व्रत के लिए पूजन सामग्री थाली में प्रसाद, गुड़, भीगा चना, आटे से बनी मिठाई, कुमकुम, रोली, मौली धागा, फल, पान का पत्ता, धूप और घी का दीया के साथ वट वृक्ष की पूजा की जाती है. सुहागिन महिलाएं मौली धागा लेकर बरगद पेड़ की परिक्रमा लगाती हैं.

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