कवर्धा: जिले का सबसे बड़ा क्षेत्र गन्ने की खेती के नाम से जाना जाता है. यही कारण है कि जिले में दो सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना संचालित किया जाता है, ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो. लेकिन जिले के किसानों की बदनसीबी कहा जाए की गन्ना कारखाना को गन्ना बेचे 6 महीने से भी ज्यादा समय हो गया है, गन्ने की आधी भुगतान की राशि किसानों को अबतक नहीं मिल पाई है. जिससे किसान काफी आक्रोशित दिखाई दे रहे हैं. वहीं कारखाना प्रबंधक गोलमोल जवाब दे रहे हैं.
कवर्धा के किसानों को अपनी ही मेहनत के लिए इस संकटकाल में भटकना पड़ रहा है. प्रदेश में सबसे ज्यादा गन्ने की खेती कवर्धा में होती है. यही कारण है कि यहां दो सहकारी शक्कर उत्पादन कारखाने संचालित हैं. लेकिन जिले के किसानों को शक्कर कारखाने का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है. किसानों के मुताबिक भोरमदेव शक्कर कारखाना और सरदार वल्लभभाई पटेल शक्कर कारखाना में गन्ना बेचे 6 महीने बीत चुके हैं. अब गन्ना राशि की भुगतान नहीं हुई है. जिससे किसानों को भारी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है.
किसानों का भुगतान बाकी
कारखाना प्रबंधक के मुताबिक भोरमदेव शक्कर कारखाने में कुल 65 करोड़ों रुपयों में से 19 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि 46 करोड़ रुपये का भुगतान अब भी बकाया है. वहीं सरदार वल्लभभाई पटेल शक्कर कारखानें में कुल भुगतान 53 करोड़ रुपये का हैं. जिसमें से 34 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. 19 करोड़ रुपये का भुगतान अब भी बकाया है.
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कारखाना प्रबंधक दे रहे आश्वासन
दोनों कारखानों को मिलाकर 118 करोड़ रुपये में से मात्र 53 करोड़ रुपये की भुगतान राशि जारी हुई है, जबकि 65 करोड़ का भुगतान अब भी बकाया है. वहीं कारखाना प्रबंधक किसानों की भुगतान राशि मे लेटलतीफी के कारण में गोलमोल जवाब दे रहे हैं और किसान न्याय योजना के माध्यम से गन्ने की बोनस राशि के रूप में 23 करोड़ रुपये देने की बात करते हुए किसानों को जल्द राशि जारी कराने का आश्वासन दे रहे हैं.