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Strike of Anganwadi workers नियमितिकरण और वेतन विसंगति दूर करने की मांग, हड़ताल पर आंगनबाड़ी वर्कर्स

कवर्धा के करीब 17 सौ आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटका है. जिसके कारण शासन की कल्याणकारी योजनाएं अधर में लटक गई है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है. इसलिए जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक वो हड़ताल पर डटे रहेंगे.

Strike of Anganwadi workers
नियमितिकरण और वेतन विसंगति दूर करने की मांग
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Published : Feb 15, 2023, 1:22 PM IST

पंडरिया : संयुक्त मंच के बैनर तले कबीरधाम जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्य करने वाले कार्यकर्ता और सहायिकाएं 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जिसके कारण जिले में संचालित लगभग 17 सौ आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटक रहा है. जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत 32 सौ सहायिका और कार्यकर्ता कवर्धा के राजीव गांधी पार्क में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. ऐसे में अब आंगनबाड़ी केंद्र से संचालित होने वाली कल्याणकारी योजनाएं ठप हो गईं हैं.

आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटका :हड़ताली महिलाओं का मानना है कि इसके लिए सरकार जवाबदार है. हड़ताली कर्मियों की 6 सूत्रीय मांगें हैं. जिसमें इन्हें कर्मचारी घोषित किए जाने कलेक्टर दर का भुगतान किए जाने मोबाइल खर्च दिए जाने और इन्हें सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति में प्राथमिकता जैसे मांगें शामिल हैं. उनका मानना है कि चुनाव पूर्व किए गए वादों से सरकार मुकर रही है. इस बार आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्य करने वाले यह कर्मचारी आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है. उन्होंने साफ तौर पर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगें गंभीरता से नहीं लेगी तो आने वाले चुनाव में उनका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

सरकार ने मांगें पूरी करने का दिया था आश्वासन : आपको बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहले भी हड़ताल कर चुके हैं. जिसमें विभागीय मंत्री अनिला भेड़िया ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आश्वासन देकर हड़ताल वापस करवाया था.वहीं सरकार का रवैया देखते हुए फिर से कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.आंगनबाड़ी संचालित नहीं हो रही है. जबकि यह सरकार की लचर व्यवस्था की वजह से है. वहीं वर्तमान में निर्धन कन्या विवाह नहीं हो पा रहा है. साथ ही साथ पोषण आहार गर्भवती नियमित महिला वह बच्चों को भोजन देना है. जो शासन सरकार की वजह से नहीं हो पा रहा है. हम चाहते हैं कि काम करने के लिए सरकार हमारी मांगे पूरी करें नहीं करने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की बात कही.साथ ही साथ सरकार पर आरोप लगाते हुए साफ साफ शब्दों में जो हमारी सुनेगा हम उसकी सुनेंगे जो हमारा नहीं सुनेगा. हम उसको वोट नहीं देने की बात कहते हुए आगे अनिश्चितकालीन तक हड़ताल जारी रखने की बात कही.

ये भी पढ़ें- कवर्धा के गिट्टी खदान को बंद नहीं करने की मांग


आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाएं ठप : वही दूसरी तरफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के हड़ताल पर सरकार सख्त पद से हटाने हेतु कार्यवाई के निर्देश समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के आंदोलन में चले जाने से महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाएं बाधित हो गई है. आंदोलन से वापिस नहीं आने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को पद से हटाने के सख्त निर्देश जारी की गई है. महिला एवं बाल विकास विभाग संचालनालय छत्तीसगढ़ ने आदेश जारी कर हड़ताल में गए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के विरुद्ध सख्त कार्यवाई के आदेश जारी किए गए है.

पंडरिया : संयुक्त मंच के बैनर तले कबीरधाम जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्य करने वाले कार्यकर्ता और सहायिकाएं 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जिसके कारण जिले में संचालित लगभग 17 सौ आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटक रहा है. जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत 32 सौ सहायिका और कार्यकर्ता कवर्धा के राजीव गांधी पार्क में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. ऐसे में अब आंगनबाड़ी केंद्र से संचालित होने वाली कल्याणकारी योजनाएं ठप हो गईं हैं.

आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटका :हड़ताली महिलाओं का मानना है कि इसके लिए सरकार जवाबदार है. हड़ताली कर्मियों की 6 सूत्रीय मांगें हैं. जिसमें इन्हें कर्मचारी घोषित किए जाने कलेक्टर दर का भुगतान किए जाने मोबाइल खर्च दिए जाने और इन्हें सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति में प्राथमिकता जैसे मांगें शामिल हैं. उनका मानना है कि चुनाव पूर्व किए गए वादों से सरकार मुकर रही है. इस बार आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्य करने वाले यह कर्मचारी आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है. उन्होंने साफ तौर पर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगें गंभीरता से नहीं लेगी तो आने वाले चुनाव में उनका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

सरकार ने मांगें पूरी करने का दिया था आश्वासन : आपको बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहले भी हड़ताल कर चुके हैं. जिसमें विभागीय मंत्री अनिला भेड़िया ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आश्वासन देकर हड़ताल वापस करवाया था.वहीं सरकार का रवैया देखते हुए फिर से कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.आंगनबाड़ी संचालित नहीं हो रही है. जबकि यह सरकार की लचर व्यवस्था की वजह से है. वहीं वर्तमान में निर्धन कन्या विवाह नहीं हो पा रहा है. साथ ही साथ पोषण आहार गर्भवती नियमित महिला वह बच्चों को भोजन देना है. जो शासन सरकार की वजह से नहीं हो पा रहा है. हम चाहते हैं कि काम करने के लिए सरकार हमारी मांगे पूरी करें नहीं करने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की बात कही.साथ ही साथ सरकार पर आरोप लगाते हुए साफ साफ शब्दों में जो हमारी सुनेगा हम उसकी सुनेंगे जो हमारा नहीं सुनेगा. हम उसको वोट नहीं देने की बात कहते हुए आगे अनिश्चितकालीन तक हड़ताल जारी रखने की बात कही.

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आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाएं ठप : वही दूसरी तरफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के हड़ताल पर सरकार सख्त पद से हटाने हेतु कार्यवाई के निर्देश समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के आंदोलन में चले जाने से महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाएं बाधित हो गई है. आंदोलन से वापिस नहीं आने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को पद से हटाने के सख्त निर्देश जारी की गई है. महिला एवं बाल विकास विभाग संचालनालय छत्तीसगढ़ ने आदेश जारी कर हड़ताल में गए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के विरुद्ध सख्त कार्यवाई के आदेश जारी किए गए है.

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