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सूना-सूना भोरमदेव महोत्सव, जहां पैर रखने को जगह नहीं होती थी वहां खाली हैं कुर्सियां - भोरमदेव महोत्सव

भोरमदेव महोत्सव में पहले सी रौनक नहीं दिख रही है. पहले 3 दिन तक चलने वाला ये महोत्सव 2 दिन का हुआ और ऊपर से कलाकारों की संख्या भी कम कर दी गई.

सूना-सूना भोरमदेव महोत्सव
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Published : Apr 5, 2019, 1:16 PM IST

कवर्धा : भोरमदेव महोत्सव में पहले सी रौनक नहीं दिख रही है. पहले 3 दिन तक चलने वाला ये महोत्सव 2 दिन का हुआ और ऊपर से कलाकारों की संख्या भी कम कर दी गई. इस बार रौनक आचार संहिता की वजह से भी फीकी रही.


भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत 1995 में हुई थी. महोत्सव में जिले के साथ-साथ राज्य के बहार से भी शामिल होने और मेला घूमने आया करते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों से इसे जैसे नजर लग गई हो. इस बार का कार्यक्रम छत्तीसगढ़ी कलाकारों और स्कूली बच्चों से कराया गया है.


लोगों को भोरमदेव महोत्सव के तारीख की जानकारी भी नहीं मिल पाई. प्रशासन ने इसका प्रचार-प्रसार भी नहीं कराया. एक वक्त था जब इस महोत्सव के दौरान यहां पैर रखने को जगह नहीं होती थी लेकिन इस बार कुर्सियां खाली ही दिख रही हैं.

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कवर्धा : भोरमदेव महोत्सव में पहले सी रौनक नहीं दिख रही है. पहले 3 दिन तक चलने वाला ये महोत्सव 2 दिन का हुआ और ऊपर से कलाकारों की संख्या भी कम कर दी गई. इस बार रौनक आचार संहिता की वजह से भी फीकी रही.


भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत 1995 में हुई थी. महोत्सव में जिले के साथ-साथ राज्य के बहार से भी शामिल होने और मेला घूमने आया करते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों से इसे जैसे नजर लग गई हो. इस बार का कार्यक्रम छत्तीसगढ़ी कलाकारों और स्कूली बच्चों से कराया गया है.


लोगों को भोरमदेव महोत्सव के तारीख की जानकारी भी नहीं मिल पाई. प्रशासन ने इसका प्रचार-प्रसार भी नहीं कराया. एक वक्त था जब इस महोत्सव के दौरान यहां पैर रखने को जगह नहीं होती थी लेकिन इस बार कुर्सियां खाली ही दिख रही हैं.

Intro:भोरमदेव महोत्सव फिका रहा असर लोगो नही पहुंचे कार्यक्रम मे


Body:महबुब खान , खवर्धा



कवर्धा मे भोरमदेव महोत्सव का हुआ आगाज, दो दिवसीय चलेगी कार्यक्रम छत्तीसगढ़ी कार्यक्रम का था आयोजन


एकंर- भोरमदेव महोत्सव का हुआ शुभारंभ, दुर्ग रेंज के कमिश्नर दिलीप वशनिकर ने कार्यक्रम का किया शुभारंभ साथ ही संस्कृति विभाग के डारेक्टर अनिल साहू भी कार्यक्रम मे शिरकत किये
इसके अलावा जिला कलेक्टर अवनीश कुमार शरण एवं जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार एएसपी लालउमेंद सिंह डीएफओ दिलराज प्रभाकर एवं जिले के सभी आला अधिकारी व कर्मचारी रहें ।
आपको बतादे कि भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत 1995 मे हुआ था,महोत्सव मे जिले के साथ साथ राज्य के बहार से भी लोग भी महोत्सव मे कार्यक्रम व मेला घुमाने आया करते थे। पर अब लगातार भोरमदेव महोत्सव साल दर साल कार्यक्रम मे इजाफा होता चला आ रहा था परंतु कुछ वर्षो से मानो नजर लग गई हो । पिछले चार वर्षो से महोत्सव को तीन दिन को कम कर दो दिन का कार्यक्रम कर दिया गया साथ ही कलाकार भी छोटे मोटे ही ला दिया जाता है। इस वर्ष तो हद ही हो गई जब अचारसहिता का हवाला देते हुऐ छत्तीसगढ़ी व स्कुली बच्चो से ही कार्यक्रम करा दिया गया। लोगो को भोरमदेव महोत्सव के तारिख की जानकारी भी नही मिल पाई। कियूकि ना तो ढंग का कार्यक्रम कराया गया ना तो प्रशासन द्वारा प्रचार-सचार कराया गया इस खामियाजा मिला। कुर्सी खाली व मेले मे लोगो का कम आना एक वक्त था जब लोगो को भोरमदेव महोत्सव मे पैर रखने को जगह नही मिलता था और आज कुर्सियों मे बैठने वाले नही थे इसका कारण था अच्छे कलाकार का ना बुलाना व प्रचार ना करना। खाली कुर्सी करती रही महोत्सव मे कमी का को बया।




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