कवर्धा: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले दलबदल का सिलसिला भी जारी है. हर पार्टी अपना-अपना कुनबा मजबूत करने में जुटी हुई है. इस बीच गुरुवार को कवर्धा में भाजपा को बड़ा झटका लगा है. कवर्धा विधानसभा की सबसे बहुल्य समाज के मुख्य जिला साहू समाज अध्यक्ष शीतल साहू ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. इसके साथ ही उपाध्यक्ष कौशल साहू, महामंत्री बलीराम साहू भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए है. मंत्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में तीनों ने कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया. तीनों को मोहम्मद अकबर ने गमछा पहना कर पार्टी में प्रवेश कराया.
बीजेपी से साहू समाज नाराज: कांग्रेस पार्टी में प्रवेश के बाद साहू समाज के जिलाअध्यक्ष शीतल साहू ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि, "कवर्धा विधानसभा में साहू समाज के लगभग 60 हजार मतदाता हैं. यही कारण है कि भाजपा हमेशा से कवर्धा विधानसभा सीट से साहू समाज का प्रत्याशी चुनाव में उतारती रही है. समाज के लोग बेहद निष्ठा और ईमानदारी से पार्टी के लिए काम भी करते आए हैं. हालांकि इस बार बीजेपी ने साहू समाज को दरकिनार करते हुए समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया है.ना ही कबीरधाम जिले के पंडरिया विधानसभा से ना ही कवर्धा विधानसभा से. किसी भी ओबीसी समाज को बीजेपी ने इस बार टिकट नहीं दिया है. इससे साहू समाज में नाराजगी है. यही कारण है हमने कांग्रेस में प्रवेश किया है."
लोगों को हो रहा कांग्रेस पर भरोसा: वहीं, मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि, " कांग्रेस सरकार जो कहती हैं, वही करती है. पिछली बार की तरहा इस बार भी कांग्रेस सरकार बनते ही पिछली बार की तर्ज पर किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा. इसलिए कांग्रेस पर लोगों का भरोसा बढ़ते जा रहा है. लोग कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं."
बीजेपी की प्रतिक्रिया: इस पूरे मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक साहू ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि, "साहू समाज के जिला अध्यक्ष और उनके तीन साथियों का कांग्रेस में प्रवेश उनका निजी मामला है. भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा समाज का सम्मान किया है. समाज ने भी पार्टी का साथ दिया है. साल 1993 से लेकर 2018 तक लगातार साहू समाज के व्यक्ति को पार्टी ने टिकट दिया है. मै स्वयं साहू समाज से हूं. पार्टी ने मुझे दो बार विधायक बनने का मौका दिया. इसके साथ ही सियाराम साहू को भाजपा ने चार बार विधायक बनने का मौका दिया. पार्टी ने अन्य लोगों को भी बड़े-बड़े पद दिए. जिलाअध्यक्ष और अन्य साथियों का कांग्रेस प्रवेश से समाज का सिर्फ तीन वोट ही प्रभावित होगा. बाकी सभी समाज के लोग बीजेपी के साथ हैं. अगर जिला अध्यक्ष भी मुझसे बातचीत करती है तो कहीं ना कहीं कोई हल जरुर निकल जाता. कांग्रेस शीतल साहू को मोहरा बनाकर राजनीति पर रही है. कांग्रेस ने कभी भी साहू समाज को जिला में प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया. शीतल साहू से पूछना चाहूंगा कि क्या उन्होंने समाज को भरोसे में लेकर कांग्रेस में प्रवेश किया. साहू समाज संपन्न है. अच्छे-बुरे का फर्क समझता है. किसी के आने-जाने से समाज का मत नहीं बदलेगा."
बता दें कि जिले के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में साहू समाज को तवज्जो नहीं मिलने से समाज नाराज है. गुरुवार को तीन साहू समाज ने बड़े बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस में प्रवेश किया है. दरअसल, पूरे छत्तीसगढ़ में अधिकतर ऐसा क्षेत्र है जहां साहू समाज का दबदबा है. छत्तीसगढ़ में साहू वोटरों का काफी महत्व है. यही कारण है कि साहू समाज प्रदेश में काफी महत्व रखता है.